स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी की भाभी की कोरोना के कारण इलाज़ के अभाव में मृत्यु हो गई हैं। अनवर अहमद अंसारी की भाभी को इलाज़ के किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिल सका था। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान हाजी अनवर अहमद अंसारी ने जरूरतमंदों तक खाने के पैकेट, ग्लव्स और मास्क पहुंचाया था। तब पीएम मोदी ने स्वयं वर्चुअली संवाद करके अनवर अंसारी की तारीफ करी थी साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री की ओर से प्रशस्ति पत्र भी भेजा गया था।
बनारस के जैतपुरा के रहने वाले अनवर अहमद अंसारी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं। अनवर की भाभी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गई थी। किसी अस्पताल में बेड न मिलने के कारण अनवर की भाभी की 17 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी। अनवर ने अपनी भाभी के इलाज के लिए जिले के अधिकारियों से लेकर भाजपा संगठन तक से अस्पताल में बेड की मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नहीं की जिससे उनकी भाभी की मृत्यु हो गई।
बीजेपी नेता ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा हैं कि 17 अप्रैल को उनकी भाभी का इंतकाल हो गया। वो कोरोना संक्रमित थी। अस्पताल में इलाज के लिए हर संभव कोशिश की, सबको कॉल किया, लेकिन किसी ने मदद नहीं, बिना इलाज के उनकी मौत हो गई। जब हमलोगों का ये हाल है तो समझ लीजिए आम आदमी के साथ स्थिति कितनी बुरी हो सकती है।
बीजेपी नेता अनवर अंसारी का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से बनारस पर ध्यान देने की मांग की हैं। वीडियो में अनवर कह रहे हैं कि समय पर उनकी भाभी को कोविड अस्पताल में बेड मिल जाता, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। साथ ही वो संगठन के लोगों से राजनीति छोड़कर जनता की सहायता करने की गुहार लगा रहे हैं। अनवर अंसारी ने दावा किया वाराणसी की स्थिति बहुत खराब है। अस्पतालों में भीड़ है तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड के अभाव में लोग बुरी तरह परेशान हैं।
अनवर अहमद अंसारी पिछले वर्ष चर्चा में आए थे। हाजी अनवर अहमद ने पिछले वर्ष कोरोना काल में लोगों को काफ़ी सहायता पहुंचाई थी। उन्होंने जरूरतमंद लोगों के लिए खाने, मास्क की व्यवस्था करी थी। अनवर अहमद की इस जनसेवा की तारीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की थी। अनवर अहमद को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ़ से प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ था।