जिब्रानउद्दीन।twocircles.net
बिहार के इतिहास में पहली बार मुस्लिम समुदाय के किसी आईएएस अधिकारी को राज्य के मुख्य सचिव का पद सौंपा गया है। 1987 आईएएस बैच के आमिर सुबहानी को इस पद के लिए चुना गया है। वो अपने बैच के टॉपर भी थें। 31 दिसंबर को निवर्तमान मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण रिटायर हो रहे हैं जिसके बाद नए वर्ष के पहले दिन से आमिर सुबहानी इस पद को ग्रहण करेंगे।
बता दें कि मौजूदा मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के अवधि विस्तार पर पहले दो बार मुहर लग चुकी थी, लेकिन इस बार कैबिनेट ने उनके कार्यकाल के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। जिसके बाद इस पद के लिए सबसे योग्य चेहरा के रूप में आमिर सुबहानी को ही देखा गया। हालांकि सत्ता के गलियारे में काफी समय पहले से ही आमिर सुबहानी को नए मुख्य सचिव बनाए जाने की चर्चाएं होने लगी थीं।
सिवान में जन्में आमिर सुबहानी का कार्य इतिहास काफी विस्तृत है, वो पहले कई जिलों के डीएम एवं दूसरे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे कई वर्षों से राज्य के गृह सचिव के रूप में काम कर रहे हैं, इसके इलावा वो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव भी रह चुके हैं। सुबहानी को नीतीश कुमार के खास चुनिंदा अफसरों में से भी गिना जाता है।
चाहे राजद की सरकार हो या जदयू की, आमिर सुबहानी हमेशा से अच्छे पदों पर ही नियुक्त रहे हैं। हालांकि इसमें भी दो राय नहीं है कि नीतीश कुमार के चहेते अफसर होने की वजह से उन्हें कई मर्तबा खमियाज़ा भी भुगतना पड़ा है। जब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थी तब सुबहानी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए बुला लिया गया था।
हालांकि बाद में नीतीश कुमार के 2005 में मुख्यमंत्री पद की कमान संभालते ही उन्हें वापस बिहार भी बुला लिया गया था। इसके बाद उन्हें बिहार कम्फेड का चेयरमैन बनाया गया और कुछ महीनों के बाद ही प्रमोशन देकर ज्वांइट सेक्रेटरी बना दिया गया था।
आमिर सुबहानी को 2008 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का सचिव के रूप में चुना गया था और 2009 में गृह सचिव के रूप में, वहां वो 4 सालों तक गृह सचिव पद पर नियुक रहें और बाद में उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में भेज दिया गया।
हालांकि 2010 और 2015 के दोनो विधान सभा चुनाव के समय उन्हें कुछ दिनों के लिए गृह सचिव के पद से हटा दिया गया था। भाग्यवश दोनो ही समय नीतीश कुमार की सरकार बनी, जिसके बाद उन्हें वापस से गृह सचिव के पद से नियुक्त कर लिया गया था।
नीतीश के इतने करीबी अफसर होने के बावजूद, गठबंधन दल के कुछ नेतागण, अतीत में आमिर सुबहानी पर अपना विरोध दर्ज कर चुके हैं। हालांकि इस बार ऐसा कुछ विरोध देखने को नही मिला है। अभी की राजनीतिक परिस्थियां कुछ अलग कहती हैं। कई राजनैतिक विश्षज्ञ मुसलमानों को लेकर भाजपा और जदयू के अलग-अलग विचार होने की बात करते हैं। अभी आमिर सुबहानी के कार्यकाल में लगभग ढ़ाई वर्ष का समय और बचा है, वो 30 अप्रैल, 2024 को रिटायर होंगे।
स्वभाव से शांत रहने वाले सुबहानी काफी ईमानदार छवि रखते हैं। उनका नाम आजतक किसी भी विवाद में नहीं आया है, वो अपने कामों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करने के लिए जगत मशहूर हैं। सुबहानी कामों को लेकर काफी सक्रिय नज़र आते हैं जिसके लिए अक्सर उनकी वाह-वाही होती रही है। आमिर सुबहानी के इलावा अतुल प्रसाद को राज्य का नया विकास आयुक्त बनाया गया है।