स्टाफ रिपोर्टर।Twocircles.net
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर विधायक को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आज़म ख़ान पर दर्ज मशीन चोरी के मामले में गिरफ्तार पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। जौहर यूनिवर्सिटी में खुदाई के दौरान सरकारी सफाई मशीन मिलने के मामले में रामपुर के अजीम नगर थाने में आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करी गई थी। आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।
पिछले कई दिनों से रामपुर पुलिस द्वारा जौहर यूनिवर्सिटी की जांच की जा रही है। पुलिस ने दावा किया कि जौहर विश्वविद्यालय परिसर की जमीन में दबी नगर पालिका की सफाई मशीन, मदरसा आलिया से चोरी की गई हजारों किताबें बरामद करने का दावा किया गया था। जिसके बाद रामपुर के अजीमनगर थाने में सपा नेता आजम खां , उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
आज़म ख़ान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुनीत कुमार एवं न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज़म खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाई साथ ही दर्ज मुकदमे पर सरकार से जवाब भी मांगा है। आज़म ख़ान की ओर से उनके वकील इमरान उल्लाह कोर्ट के सामने पेश हुए।
आज़म ख़ान के जेल से बाहर आने के बाद उनपर यह दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया था जिसपर आज हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। इससे पहले आज़म खान पर एक केस के गवाह को धमकी देने के आरोप में भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
हाल ही में आज़म खान की पत्नी पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ तज़ीन फातिमा ने एक पत्र जारी करते हुए उन सभी खबरों को ग़लत बताया था जिसमें कहा गया था कि आज़म ख़ान और अब्दुल्ला आज़म दोनों फरार है और उन्होंने सुरक्षा वापस कर दी है। उन्होंने पत्र में इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि आज़म खान दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं और अब्दुल्ला आज़म वहां उनके साथ देखभाल के हैं।
कुछ दिनों पहले इलाज़ के लिए दिल्ली में भर्ती आज़म खान से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मुलाकात की थी। पिछले दिनों विधानसभा सत्र के बाद अखिलेश यादव ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भी आज़म ख़ान पर दर्ज फर्जी मुकदमों को लेकर मुलाकात की थी। अखिलेश ने राज्यपाल को दिए ज्ञापन में सरकार द्वारा आजम खान को झूठे मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया था।
आज़म ख़ान जेल से बाहर आने के बाद लगातार कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। आज़म खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद थे। लगभग 27 महीने बाद मई 2022 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थीं। आजम खान के खिलाफ कुल 87 आपराधिक केस दर्ज हुए थे जिनमें से 84 एफआईआर उत्तर प्रदेश में 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद के दो वर्षों में दर्ज की गई थी। इन 84 मामलों में से 81 मामले 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और बाद की अवधि के दौरान दर्ज किए गए थे। आज़म ख़ान पर लगें मुकदमों का यह आंकड़ा 89 तक पहुंच गया था।