advertising war in UP for Muslim votes

 म�स�लिम वोटों के लि� इश��तेहारी जंग 

नसीरूद�दीन

 


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बेचारा बनाकर रख दिया

उत��तर प�रदेश में च�नाव की गर�मी चरम पर है। इसकी के साथ चरम पर छद�म संस��थाओं के नाम से म�सलमानों को अपनी ओर करने के लि� उर�दू अखबारों में इश��तेहारों की जंग। इन विज�ञापनों में ज��यादातर में कांग�रेस पर निशाना है और क�छ में बसपा पर, लेकिन भाजपा म�ख��य निशाना नहीं है। जवाबी इश��तेहार भी क�छ हैं, जिनमें सपा पर निशाना है। इश��तेहारों में सद�दाम ह�सैन की चिंता है, इस�राइल है, बाबरी मस�जिद और उर�दू भी है लेकिन आम म�सलमानों के म�द�दे न के बराबर हैं। नासिरूद�दीन हैदर खॉं की रिपोर�ट-

सदà¥?दाम की फाà¤?सी पर … सोनिया के मà¥?à¤?ह पर ताले पड़ गये… कांगà¥?रेस को साà¤?प सूà¤?घ गया। … आइये! बà¥?श के à¤?जेंटों की कदम-कदम पर खबर लें, सामà¥?राज मà¥?खालिफ कà¥?वà¥?वतों को मजबूत करें। (नौ अपà¥?रैल 2007 को छपा à¤?क विजà¥?ञापन)

हिनà¥?दà¥?सà¥?तान की खारजा पालिसी पर सहूनी (यहूदीवादी) जाल का परà¥?दाफाश! … सोनिया मनमोहन हà¥?कूमत की इसà¥?राइल नवाजी, अमरीकापरसà¥?ती, और आलमी सहूनियत के खिलाफ खà¥?ली आवाज उठाने और सबसे आगे बढ़ कर à¤?हतजाज करने वाले बेबाक समाजवादी रहनà¥?मा मà¥?लायम सिंह यादव की किरदारकà¥?शी (चरितà¥?रहनन) की मà¥?हिम ताकि यह आवाज भी दब जाये और यह à¤?हतजाज भी दम तोड़ दे। (आठ फरवरी को छपा à¤?क विजà¥?ञापन)

 

यह उत�तर प�रदेश के विधानसभा च�नाव में सेक�यूलर ताकतों की आवाज है। म�सलमानों के हमदर�दों की यह आवाज इश�तेहार के शक�ल में जारी हो रही है। जी हा�, सद�दाम ह�सैन, ईरान और इस�राइल विधान सभा के च�नावी म�द�दे हैं। यह उर�दू में छपे विज�ञापन हैं, हिन�दी वालों के लि� नहीं। यानी, यह विज�ञापन जाहिरा तौर पर म�सलमानों के लि� हैं। बेचारे म�सलमान! विधान सभा च�नाव के �लान से छह माह पहले से उर�दू अखबारों में इस तरह के इश�तेहार निकलने श�रू हो च�के थे। च�नाव के �लान के बाद इनमें काफी तेजी आ गयी है। इन सबका मकसद सिर�फ �क है, म�सलमानों को अपनी ओर खींचना। यह सारे इश�तेहार म�सलमानों को ध�यान में रखकर, म�सलमानों के लि� बनाये गये हैं और उर�दू अखबारों के जरिये म�सलमानों तक पह��चाये जा रहे हैं। लेकिन सबसे दिलचस�प होगा यह देखना कि इन इश�तेहार में कौन-कौन से म�द�दे है, किन पर हमले हैं और सबसे बढ़कर इन�हें कौन पार�टी जारी कर रही है।

पहली बात, यह पार�टिया� के नाम से नहीं छप रहे लेकिन इश�तेहार में इस�तेमाल रंगों, उनकी जबान और उठाये गये मसलों को देखकर किसी के लि� यह सम�ना म�श�किल नहीं होता कि यह किनकी ओर से और किनके खिलाफ है।

म�सलमानों के म�द�दे क�या हैं

सच�चर कमेटी ने म�सलमानों की समाजी-सियासी और आर�थिक पिछड़ेपन पर भले ही चार सौ पन�ने खर�च किये हों पर उत�तर प�रदेश के च�नाव में, इन इश�तेहारों पर यकीन करे तो, म�सलमानों के ये सवाल ही नहीं है। यही नहीं अगर आप इन इश�तेहार को देखें तो �क बात का पक�का यकीन हो जायेगा की म�सलमानों की सबसे बड़ी द�श�मन कांग�रेस पार�टी है। इन विज�ञापनों में नब�बे फीसदी कांग�रेस और उसके नेताओं के खिलाफ हैं।

�क क�विज है- 'बू�ो तो जाने।' सात सवाल हैं और सबके चार विकल�प। �क सही, तीन गलत।

1. बाबरी मस�जिद में मूर�तिया� किसने रखवायी? 2. बाबरी मस�जिद पर राम मंदिर किसने बनवाया? 3. अब राम मंदिर को म�स�तकिल करने के लि� आहनी (लोहे की) दीवारें बनाने की साजिशें कौन कर रहा है? 4. स�प�रीम कोर�ट से इसकी इजाजत किसने मा�गी? �से सभी सात सवालों के चार विकल�प हैं- बीजेपी...कांग�रेससमाजवादी पार�टीबह�जन समाज पार�टी। जवाब क�या होगा, यह बताने की जरूरत नहीं है।

बाबरी मस�जिद से ज�ड़ा �क और विज�ञापन है, 'मनमोहन ह�कूमत और कांग�रेस ह�कूमत जवाब दे बाबरी मस�जिद के मकाम पर आरजी मंदिर प�ख�ता कैसे बन गया'।

ताज�ज�ब इस बात पर है कि जिस पार�टी के लि� अयोध�या में मंदिर सबसे बड़ा मसला होना चाहि� था, वह तो लगभग इस म�द�दे को जोरशोर से उठाने से बच रही है। पर जो लोग अपने को सेक�यूलर कह रहे हैं, वही इसे बार-बार याद दिला रहे हैं।

भाजपा पर सीधे हमला इन विजà¥?ञापनों में आमतौर पर देखने को नहीं मिलता है। मिलता है यह आरोप 'भाजपा से कांगà¥?रेस का नापाक इतà¥?तेहाद है।' 'कांगà¥?रेस भाजपा का नहीं समाजवादी पारà¥?टी जैसी सेकà¥?यूलर जमात का खातमा चाहती है।' इन दोनों इशà¥?तेहारों में मà¥?लायम सिंह यादव की फोटो देखी जा सकती है। à¤?क और विजà¥?ञापन है 'अकलियतों के मसायल तो बहà¥?त हैं, मगर अदम तहफà¥?फà¥?ज सबसे बड़ा मसला'। इसमें लिखा गया है, 'बदकिसà¥?मती से हिनà¥?दà¥?सà¥?तान में आजादी के बाद 50 बरसों तक जिस पारà¥?टी ने मà¥?सलसल हà¥?कूमत की उस ने अकलियतों को वोट बैंक के तौर पर तो खूब इसà¥?तेमाल किया… इंदिरा गांधी ने इनà¥?हें अलीगढ़, मà¥?रादाबाद, भिवंडी, के जखà¥?म दिये तो राजीव गांधी ने 84 के दंगे, भागलपà¥?र और मेरठ की लरजा खूरेंजियाà¤? दीं… नरसिमà¥?हा राव ने बाबरी मसà¥?जिद की शहादत के जखà¥?म…

खौफ व दहशत की इस नापाक सियासत का खातमा करने की इमानदाराना जद�दोजहद अगर इस म�ल�क में किसी की तो वह म�लायम सिंह यादव और इनकी समाजवादी पार�टी है जिसने फिरकापरस�तों की हर साजिश का डट कर म�काबला किया।'

सवाल यह है कि क�या वाकई में उत�तर प�रदेश में म�सलमानों के हिफाजत से बड़ा म�द�दा कोई नहीं है और क�या पिछले तीन सालों में वाकई म�सलमानों के साथ यहा� क�छ नहीं ह�आ? �क और म�द�दा आतंकवाद से ज�ड़ा है। म�सलमानों के लि� यह भी अहम मसायल है। यह विज�ञापन भी सपा प�रम�ख की फोटो के साथ है, जिसमें कहा गया है कि यहा� म�स�लिम नौजवान दहशत गर�दी के नाम पर नहीं पकड़े जा रहे हैं क�योंकि 'उत�तर प�रदेश में म�लायम सिंह यादव की सेक�यूलर ह�कूमत है बकिया रियासतों में कांग�रेस और बीजेपी की ह�क�मरानी।'

'पंजाब और उत�तराखंड में भाजपा क�यों जीती?' राजनीतिक विश�लेषक चाहे जो कहें, यह �क इश�तेहार कहता है 'क�योंकि कांग�रेस फिरकापरस�त भाजपा से लड़ने के बजाय यूपी की सेक�यूलर समाजवादी ह�कूमत को गिराने की साजिशों में मसरूफ थी।' इसी तरह �क पूरे पन�ने का विज�ञापन है, जिसमें बताया गया है कि 'कांग�रेस का सेक�यूलरिज�म �क ढकोसला है' और 'गोरखप�र का फसाद भाजपा और कांग�रेस की म�श�तरका साजिश है।' जिन लोगों को उत�तर प�रदेश की राजनीति में थोड़ी सी भी दिलचस�पी है, वे जानते हैं कि कांग�रेस च�नावी लड़ाई में किस पायदान पर है। कम से कम अभी नम�बर �क या नम�बर दो पर तो नहीं ही दिखती। फिर क�या वजह है कि सत�ताधारी पार�टी के हिमायती इतनी बड़ी ऊर�जा, पैसा और दिमाग कांग�रेस के ही म�खालफत में लगा रहे हैं?

हालांकि कांग�रेस के बाद जिन दो इश�तेहारों में बसपा और मायावती पर हमले हैं, उनके विषय भी कमोबेश �से ही हैं। �क है 'मायावती हमेशा बाबरी मस�जिद के कातिलों के साथ खड़ी नजर आयीं' तो दूसरा इश�तेहार 'बहन जी का असली चेहरा' दिखाने का दावा करता है। इसमें मायावती और बसपा के 'म�स�लिम विरोधी' होने की बातें कही गयीं हैं।

इश�तेहार पलटवार

इनके खिलाफ चंद इशà¥?तेहार मà¥?खालफत में भी निकले हैं। जैसे, मà¥?सलमानों की बात हो और उरà¥?दू का जिकà¥?र नहीं, यह मà¥?मकिन नहीं। à¤?क विजà¥?ञापन है, जिसमें मà¥?लायम सिंह यादव की तसà¥?वीर है। शबà¥?द हैं, 'उरà¥?दू के गहवारे (जनà¥?â€?म सà¥?â€?थान) में उरà¥?दू को नयी जिंदगी… उतà¥?तर पà¥?रदेश में लोग अब तक उरà¥?दू का कतà¥?ल ही देखते आये थे।' फिर वरà¥?तमान सरकार दà¥?वारा उरà¥?दू के लिà¤? किये गये कामों की फेहरिसà¥?त गिनायी गयी हैं। इसके जवाब में à¤?क इशà¥?तेहार आया है। शबà¥?द हैं, 'उरà¥?दू के गहवारे में उरà¥?दू का कतà¥?ल… समाजवादी सरकार ने साजिश के तहत पीसीà¤?स (जे) में शामिल उरà¥?दू के परà¥?चे खारिज कर दिया ताकि उरà¥?दू तबके को अदलिया के ओहदों पर फायज होने से रोका जा सके। … समाजवादी सरकार 13 हजार उरà¥?दू असातिजा (शिकà¥?षकों) की तकà¥?करà¥?री (नियà¥?कà¥?ति) का à¤?ूठा दावा कर रही है… à¤?क भी उरà¥?दू मीडियम सà¥?कूल कायम नहीं किया… उरà¥?दू को रोजी रोटी से जोड़ने का दावा करने वाली मà¥?लायम सरकार किस तरह उरà¥?दू वालों का पेट चाक कर रही और उरà¥?दू को रोजगार से दूर कर रही है।'

जब सदà¥?दाम हैं, तो गà¥?जरात के मà¥?खà¥?यमंतà¥?री नरेनà¥?दà¥?र मोदी के जिकà¥?र पर किसी को ताजà¥?जà¥?ब कà¥?यों हो? 'सोनिया का कांगà¥?रेस मà¥?लायम पर गरà¥?म और मोदी पर नरम, आखिर कà¥?यों? … जमà¥?हूरियत और सेकà¥?यूलरिजà¥?म का गला घोंटने के लिà¤? आज सारे मफादपरसà¥?त अनासिर और फिरका परसà¥?त ताकतें à¤?क हो गयी हैं।' इसके जवाब à¤?क इशà¥?तेहार आया है जिसमें अलà¥?फाज के बजाय à¤?क बड़ी फोटो है। शीरà¥?षक है- 'यह दोसà¥?ती` हम नहीं छोड़ेंगे' इसके बाद à¤?क दूसरे का हाथ थामे अभिवादन करते मà¥?लायम सिंह यादव और नरेनà¥?दà¥?र मोदी की तसà¥?वीर। 'साफ छिपते भी नहीं सामने आते भी नहीं, खूब परà¥?दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं'ठीक फोटो के नीचे यही शेर है।

जौहर विश�वविद�यालय �क वक�त में प�रदेश की राजनीति का अहम म�द�दा रहा। भला इस पर च�नाव के मौके पर बात न हो तो म�सलमानों की बात कहा� पूरी होगी। �क इश�तेहार छपा- 'मोहम�मद अली जौहर यूनिवर�सिटी की हकीकत'। इसमें इस बात पर सवाल उठाया गया है कि जब म�ख�यमंत�री ने कहा था कि विश�वविद�यालय के निर�माण के लि� पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी तो इसे बनाने के लि� म�सलमानों से जकात और सदकात की रकम क�यों मा�गी गयी और प�रो चांसलर चंदा लेने सऊदी अरब और द�बई क�यों गये। इश�तेहार के म�ताबिक, इसका प�रस�ताव 'मौलाना मोहम�मद अली जौहर अरबी फारसी और उर�दू यूनिवर�सिटी' के रूप में था। इल�जाम लगाया है कि 'इसके नाम में से पहले अरबी फारसी और उर�दू को हटा दिया गया और आखिर में मौलाना मोहम�मद अली के नाम से 'मौलाना' का लफ�ज भी निकाल दिया गया।'

कौन जारी कर रहा है

यह इशà¥?तेहार जिन नामों से जा हो रहे हैं, उनके बारे मà¥?सलमानों के बीच सरगरà¥?म कारकून और आलिम भी नहीं जानते। चंद नाम देखें- यूपी बचाओ मोरà¥?चा-लखनऊ, अंजà¥?मन खà¥?दà¥?दाम मिलà¥?लत- लखनऊ, इंसाफ मोरà¥?चा-दिलà¥?ली, ऑल इंडिया सेकà¥?यूलर डेमोकà¥?रेसी फà¥?रंट-दिलà¥?ली, अकलियती वकास मिनà¥?हऱà¥?यूपी, सेकà¥?यूलर महाज- लखनऊ, आलमी उरà¥?दू काउंसिल-दिलà¥?ली/ लखनऊ, पॉलिटिकल फोरम ऑफ इंडिया मà¥?सà¥?लिम-नयी दिलà¥?ली, सेकà¥?यूलर मà¥?सà¥?लिम यूथ फà¥?रंट-दिलà¥?ली…आदि।

मà¥?सलमानों के हमदरà¥?दों के दिमाग में भी मà¥?सलमानों की खाà¤?चे में गढ़ दी गयी छवि (सà¥?टीरियोटाइप) है कि पीछा नहीं छोड़ती। इन इशà¥?तेहारों के कथà¥?य से तो यही लगता है। जैसे मà¥?सलमान तो दिमाग से काम नहीं लेता, वह तो दिल से काम लेता है, जजà¥?बाती होता है न! वह तो सिरà¥?फ उरà¥?दू जबान समà¤?ता है! उसे बाबरी मसà¥?जिद, जौहर विशà¥?वविदà¥?यालय, दंगा, सददाम, इसà¥?राइल, ईरान… जैसे मà¥?दà¥?दों पर à¤?कजà¥?ट किया जा सकता है! चà¥?नाव शà¥?रू हो चà¥?के हैं, इसलिà¤? इसकी हकीकत जलà¥?द ही पता चल जायेगी। तब तक तो हमें इंतजार करना ही पड़ेगा कि कà¥?या वाकई मà¥?सलमानों के लिà¤? पढ़ाई, सà¥?कूल, हेलà¥?थ सेंटर, रोजगार, राजनीति में भागीदारी जैसे सवाल कोई मà¥?दà¥?दा नहीं है। फिर सचà¥?चर कमेटी की सिफारिशों के बारे में भी इसी रोशनी में विचार करना होगा।

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