By TCN News,
लखनऊ : पिछले दिनों भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ का विवादित वीडियो चर्चा में आया, जिसमें वे मुस्लिम लड़कियों को जबरन हिंदू बनाने की बात कर रहे हैं. उक्त वीडियो के बारे में जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी(जेयूसीएस) के सदस्य डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार शाहनवाज आलम, राजीव यादव व लक्ष्मण प्रसाद ने कहा है कि यह दलितों के हिंदूकरण, महिला हिंसा, सांप्रदायिकता और आतंकवाद की राजनीति पर केन्द्रित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘SAFFRON WAR’ का हिस्सा है, जिसे 2011 से ही कई फिल्म महोत्सवों व अकादमिक गोष्ठियों में दिखाया जाता रहा है.
जेयूसीएस के अनुसार इन दिनों चर्चित वीडियो 10 अप्रैल 2008 को आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी रमाकांत यादव के समर्थन में शहर के सिविल लाइन्स में भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया भाषण है. अब जब योगी आदित्यनाथ ने इसे अपना वीडिया बताया है तो सवाल उठना लाज़िम है कि चुनावी आचार संहिता के अंतर्गत इस भाषण पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?
जेयूसीएस द्वारा 20 मार्च 2009 को मुख्य चुनाव आयुक्त व 23 मार्च 2009 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश को उक्त भाषण की मूल रिकार्डिंग की सीडी समेत प्रार्थना-पत्र सौंपा गया था. प्रार्थना-पत्र में मांग की गई थी कि योगी आदित्यनाथ व रमाकांत यादव के विरुद्ध धारा 125, रिप्रेजेन्टेशन ऑफ़ पिपुल एक्ट 1951 एवं अन्य विधिक प्राविधानों के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाए. चुनाव आयोग द्वारा कोइ ठोस कार्यवाही न किये जाने पर जेयूसीएस ने इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष भी रखा, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस पूरे मामले पर जांच के बाद तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आजमगढ़ ने 16 अप्रैल 2009 को अपना पक्ष में ऐसे किसी आपत्तिजनक भाषण के दिए जाने से ही इंकार कर दिया था, जबकि योगी आदित्यनाथ स्वयं विवादित वीडियो को खुद का माना है. जेयूसीएस के फ़िल्मकारों और पत्रकारों ने दावा किया है कि पूरे मामले की जाँच के दौरान कई तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया ताकि यह मामला और पेचीदा न हो, इससे यह भी स्पष्ट है कि किस तरह से पूरा आजमगढ़ प्रशासन इस मामले की लीपापोती में लगा हुआ था.
जेयूसीएस ने योगी आदित्यनाथ की संसद सदस्यता खारिज करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने तथा उनको बचाने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है. जेयूसीएस के सदस्यों ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इस मामले में अभी भी कोई रूचि लेना चाहती है, तो उन्हें हम पुख्ता सबूत मुहैया करायेंगे. समाचार पत्रों में इस मुद्दे के बाबत छपे स्पष्टीकरणों के बारे में फिल्मकारों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जिस हिन्दुत्वादी राजनीति का हिस्सा हैं, उसके कई गिरफ्तार नेता स्वयं आतंकवाद निरोधी दस्ते और सुरक्षा एजेंसियों के सामने स्वीकार कर चुके हैं कि उनका मकसद भारत को सैन्य विद्रोह द्वारा हिंदू राष्ट्र बनाना है. इसमें उन्हें इजराइल और नेपाल जैसे बाहरी देशों से सैन्य व आर्थिक मदद मिलने की बात कही गई है और इस षड्यंत्र के तहत गिरफ़्तार हुए आरोपियों ने अपने बयान में योगी आदित्यनाथ का नाम प्रमुखता से लिया है.