मोदी फेंकू था, फेंकू है… –राहुल गांधी

अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircles.net

कांग्रेस का चम्पारण के साथ एक ज़बरदस्त इतिहास रहा है, बल्कि यूं कहें कि कांग्रेस के जब भी इतिहास लिखा जाएगा, उसमें चम्पारण ज़रूर होगा. यहां तक कि 1977 में जब पूरे मुल्क में कांग्रेस की विरोध में लहर चली, उस समय भी यहां के 9 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर तिरंगा लहराकर यहां की जनता ने राज्य में डूबती कांग्रेस की राजनीति को सहारा दिया था. लेकिन इसके बावजूद अब गांधी की इस कर्मभूमि चम्पारण में कांग्रेस पिछले 15 वर्षों से हाशिए पर है.


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ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी चम्पारण के लोगों में कांग्रेस के प्रति खोए विश्वास को हासिल करने के लिए उर्वर सियासी ज़मीन की पटकथा लिखने की कोशिश बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती समारोह के बहाने शनिवार को पश्चिम चम्पारण के रामनगर के शुगर मिल के हज़ारी मैदान में की.

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रामनगर में आयोजित इस ‘समरसता सम्मेलन’ को लेकर लोगों में काफी उत्साह था. सुबह से ही पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण के लोग रामनगर की तरफ़ जाते दिखें. सुदूर क्षेत्रों के आदिवासी भी भारी संख्या में यह सम्मेलन में शामिल थे. तपती धूप व उमस वाली गर्मी भी लोगों के हौसलों को पस्त नहीं कर सकी.

इस ‘समरसता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि –‘गांधी जी एक बड़े वकील थे, सूट पहनते थे. लेकिन जब वो चम्पारण आए तो सूट उतर गया, शर्ट उतर गया… वो धोती में आ गए. जबकि मोदी जी तो चाय बेचते थे. लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता कपड़े बढ़ने लगे. 15 लाख का सूट पहनना शुरू कर दिया. ये गरीबों की सरकार नहीं, सूट-बूट वालों की सरकार है.’

राहुल ने आगे लोगों को गांधी व कांग्रेस के साथ जोड़ते हुए कहा कि क्या यहां इस सम्मेलन में एक भी व्यक्ति है, जो सूट पहनकर आया है. आपको यहां एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा जो सूट-बूट में आया हो. राहुल ने मोदी के सूट-बूट पर पर एक चुटकुला भी सुनाया. साथ ही यह भी कहा कि हमने इस देश के किसानों-गरीबों के लिए गांधी जी की तरह धोती में आना चाहते हैं.

राहुल गांधी ने ज़मीन अधिग्रहण बिल पर विशेष चर्चा की. अपने भाषण में मोदी की ही तरह लोगों से सवाल पूछते भी नज़र आएं. उन्होंने लोगों से पूछा –क्या किसी के अकाउंट में 15 लाख आया? क्या यहां किसी को रोज़गार मिला? क्या यहां शुगर मिल आया, जिसका वादा मोदी ने लोकसभा चुनाव में यहां करके गए थे… लोगों की भीड़ में से आवाज़ आई… फेंकू है… तो फौरन राहुल ने कहा –मोदी फेंकू था, फेंकू है…

इस ‘समरसता सम्मेलन’ में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी मोदी पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी ने मोदी के पैकेज पॉलिटिक्स पर वार करते हुए कहा कि –‘बिहार की जनता टिकाउ है, बिकाऊ नहीं.’

तेजस्वी ने कहा –‘मोदी ‘मेक इन इंडिया’ की बात करते हैं, और उसका वेबसाइट है –‘मेड इन अमेरिका’’ तेजस्वी ने भी अपने भाषण में काला धन व युवाओं के रोज़गार का सवाल उठाया. देश बढ़ती महंगाई पर भी चर्चा की. तेजस्वी ने कहा कि –‘आख़िर ये कैसी सरकार है कि इनके शासन में सोना-चांदी सस्ता, प्याज़-दाल महंगा हो रहा है.’

तेजस्वी ने बीजेपी के सम्प्रदायवादी पॉलिटिक्स से भी लोगों को रूबरू करवाया. और कहा कि –‘ऑटो या टैक्सी भाषा से नहीं, मेहनत से चलता है.’ तेजस्वी यादव में अपने भाषण में मोदी को ठग बताया. उन्होंने कहा कि –‘जब चोर आता है, चोरी करता है, चला जाता है. डकैत आता है, डकैती करता है, चला जाता है, लेकिन जब ठग आता है, तो आपके बीच ही रहकर हमेशा आपको ठगने का काम करता है.’ आगे कहा कि –‘अब हम और ठगने वाले नहीं हैं. मोदी जी! बिहार के लोग उड़ती चिड़िया को भी हल्दी लगाने का काम करते हैं.’ तेजस्वी से बिहार के लोगों से एकजूट होने की अपील की.

तेजस्वी यादव के इस भाषण के दौरान चम्पारण के युवा काफी उत्साहित दिखें. हालांकि बुजुर्ग भी तेजस्वी के भाषण का इंतज़ार कर रहे थे. तेजस्वी के मंच पर आते ही भीड़ में बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि अरे लालू का बेटा तो बड़ा स्मार्ट है. लगता है कि यह भी लालू की तरह हमें खूब हंसाएगा, लेकिन भाषण में हुआ बिल्कुल उल्टा. तेजस्वी के भाषण में युवा जोश था. भाजपा पर प्रहार था, वो भी बिल्कुल सही तथ्यों के साथ…तेजस्वी ने बीजेपी द्वारा नरेन्द्र मोदी को युवा कहे जाने पर भी चुटकी ली. सम्मेलन में मौजूद युवाओं से पूछा –‘क्या कोई 65 साल की उम्र में भी युवा हो सकता है क्या? युवा का मतलब तो राहुल गांधी और तेजस्वी… हम तो उन युवाओं के युवा हैं.’

जदयू नेता के.सी. त्यागी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि –‘आज से 98 साल पहले गांधी जी यहीं से किसानों की समस्या लेकर लड़े थे. अब यहीं हम पूरे देश के किसानों की लड़ाई लड़ेंगे.’ के.सी. त्यागी ने मोदी के कृषि मंत्री पर भी जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि –‘देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं. और मोदी के मंत्री, चम्पारण का सांसद किसानों के इस आत्महत्या के पीछे प्रेम-संबंध को कारण बताता है…’

के.सी. त्यागी ने दलित वोटरों से एकजूट होने की अपील की. उन्होंने उनसे दो बातें कही. –एक बोलना सीखो, दूसरा दुश्मनों को पहचानना सीखो…

लोकसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने चम्पारण के ऐतिहासिक धरती बताया. कहा कि –‘जब भी देश और कांग्रेस का इतिहास लिखा जाएगा, उसमें चम्पारण का नाम ज़रूर रहेगा.’

आज़ाद ने राहुल गांधी की तुलना गांधी जी के साथ की. उन्होंने कहा कि -‘यहां गांधी जी अंग्रेजों के खिलाफ़ किसानों की लड़ाई लड़े… अंग्रेजों ने तो किसानों को नील की खेती करने पर मजबूर किया था, उससे कहीं अधिक मोदी सरकार किसानों की ज़मीन छीनने में लगी है. तब राहुल गांधी ने किसानों के बाच जाकर मोदी सरकार को अपना एजेंडा वापस लेने पर मजबूर किया और उन्हें वापस लेना पड़ा.’

उन्होंने मोदी के इलेक्शन पैकेज की भी पोल खोली. आज़ाद ने कहा कि –‘मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को खूब धोखा दिया है. अब पैकेज के नाम पर बिहार के लोगों को धोखा देने में लगे हुए हैं. चुनाव से पहले कश्मीर में इस स्पेशल पैकेज की घोषणा मोदी ने की था, वो पैकेज आज तक नहीं मिला.’

पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि –‘चम्पारण आना मेरे लिए तीर्थ-यात्रा के समान है. जैसे गया के धरती पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, वैसे ही महात्मा गांधी को यहां किसानों व मजदूरों के बीच रहकर यह ज्ञान प्राप्त हुआ कि कैसे इस देश को आज़ाद कराया जा सकता है.’

मीरा कुमार ने बीजेपी के इतिहास पर भी खूब प्रहार किया. पीएम नरेन्द्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि –‘अच्छी बात है उन्होंने चाय पिलाने वाले को आगे बढ़ाया, पर हमने तो उन्हें आगे बढ़ाया है जिनके हाथों से ये लोग चाय लेने तक को तैयार नहीं थे.’

सम्मेलन की समाप्ती पर लोग अपने-अपने घरों को जाते हुए नेताओं के भाषणों पर चर्चा करते नज़र आएं. राहुल गांधी व तेजस्वी यादव के भाषणों की खूब चर्चा हो रही थी, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि चम्पारण में कांग्रेस की दरक चुकी ज़मीन उन्हें वापस मिलती है या नहीं. वैसे कांग्रेस पश्चिम चम्पारण के चार सीटों यानी वाल्मिकीनगर, रामनगर, नरकटियागंज व बेतिया विधानसभा सीट से अपनी क़िस्मत की आज़माईश कर रही है.

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