By TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पैदा हुआ शोर अभी निकट भविष्य में शांत होता हुआ नहीं दिख रहा है. जेएनयू के मौजूदा हालात विश्वविद्यालय के भीतर सिविल युद्ध जैसे दृश्य दिखा रहे हैं.
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कई छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. यह हड़ताल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ हो रही है.
हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अफ़ज़ल गुरु के समर्थन में कथित रूप से आयोजित कार्यक्रम के लिए और संभव राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए अनिर्बन भट्टाचार्य को एक सत्र के लिए निलंबित कर दिया और पांच सालों तक विश्वविद्यालय में घुसने पर प्रतिबन्ध लगा दिया. इसके साथ ही उमर ख़ालिद पर एक सेमेस्टर का प[प्रतिबन्ध लगा दिया गया. कन्हैया कुमार पर दस हज़ार रूपए का जुर्माना और एबीवीपी के नेता सौरभ शर्मा पर बीस हज़ार रुपयों का जुर्माना लगा दिया गया. (पूरी खबर पढ़ें यहां)
इस भूख हड़ताल का रोचक पहलू यह है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सौरभ शर्मा भी इन्हीं छात्रों के साथ हड़ताल पर बैठे हुए हैं. उनके साथ एबीवीपी के अन्य चार सदस्य भी इस भूख हड़ताल में शामिल हैं. इस पूरी मुहिम का अध्यक्ष कन्हैया कुमार नेतृत्व कर रहे हैं.
छात्रसंघ की जनरल सेक्रेटरी ने रमा नागा ने कहा है, ‘हम काफी पहले से कह रहे हैं कि प्रशासन द्वारा गठित जांच दल का कोई मतलब नहीं है. हमें उनकी जांच पर कोई भरोसा नहीं रहा है.’
कई जगहों पर इसे प्रशासन द्वारा सिविल युद्ध जैसे परिणाम पैदा करने जैसा हाल बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी जेएनयू प्रशासन के इस फैसले की बेहद आलोचना हो रही है.
(Image Courtesy : Hindustan Times)