TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : महंगाई, बेरोज़गारी, राशन की नियमित आपूर्ति, भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, केन्द्र और राज्य सरकार की जन-विरोधी नीतियों को लेकर 1 अगस्त से 8 अगस्त तक जन जागरण अभियान एवं 9 अगस्त को बिहार के सभी ज़िला समाहरणालयों पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगी. आंदोलन के अगले चरण में जनता के ज्वलंत सवालों को लेकर 17 अगस्त को बिहार के सभी ज़िला मुख्यालयों पर कलक्टर के समक्ष धरना-प्रदर्शन, सत्याग्रह का आयोजन कर प्रतिरोध दिवस मानयेगी.
इस बात की घोषणा आज जनशक्ति भवन, पटना में आयोजित प्रेस सम्मेलन में बोलते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने की.
अमरजीत कौर ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार श्रमिकों एवं श्रम क़ानूनों पर हमला कर रही है. एफडीआई को कई क्षेत्रों में आमंत्रित कर रही है. 12 सूत्रों मांगों को लेकर देश के तमाम सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन, 2 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रही हैं, जिसका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पुरजोर समर्थन कर रही है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार विश्वविद्यालयों, छात्रों, शिक्षकों समेत जनवादी संस्थाओं व शक्तियों पर हमले कर रही है और इसके प्रतिरोध में उठने वाली हर आवाज़ को कुचलने का प्रयास कर रही है. इसके ख़िलाफ़ सीपीआई लगातार आंदोलन चला रही है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में जो क़दम उठायेगी उसका हम समर्थन करेंगे. राज्य सरकार ने महिलाओं को रोज़गार देने, शराबबंदी जैसे क़दम उठायी है, यह तो अच्छा है किन्तु सूबे में महिलाओं, दलितों पर हमले बढ़े है, कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है. यह समस्या है और हमारे राज्य परिषद की बैठक में भी इस पर विचार हुआ है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू हो रहे हैं.
बिहार की नौकरियों में 80 फीसदी आरक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीपीआई की बिहार राज्य परिषद ने भी इसका समर्थन किया है, लेकिन यह राजनीतिक मुद्दा नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राज्य में 2 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं, बिहार सरकार उन्हें भरना शुरू कर घोषणा को लागू करें.
श्रीमति कौर ने मज़बूती से मांग की कि बिहार सरकार युवाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपया बेरोज़गारी भत्ता देने की घोषणा की थी उसे शीघ्र पूरा करें.