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जयपुर: ‘भारत में समाज व सामाजिक संबंधों को खून के रिश्तों से भी अधिक महत्व दिया जाता है, जिसे साम्प्रदायिक तत्व नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, साम्प्रदायिकता सामाजिक संबंधों के इस खूबसूरत ताने-बाने को नष्ट करने का प्रयत्न कर रही है, जिसे हम सब भारतीयों को मिलकर बचाना है’, ये शब्द जमाते-इस्लामी हिन्द की महिला विभाग, राजस्थान की सेक्रेटरी मोहतरमा नासिरा ज़ुबेरी साहिबा ने गर्ल्स इस्लामिक आर्गेनाईजेशन ऑफ़ राजस्थान(GIO) की जयपुर ईकाई द्वारा “साम्प्रदायिक शांति एवं सदभाव क्यों और कैसे?” विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता सम्मान समारोह में कहे. इस समारोह में वे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं.
कार्यक्रम में संगठन की प्रदेश अध्यक्षा उबैदा इक़बाल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए तथा उन्हें मुबारकबाद देते हुए कहा कि आखिरी नबी हज़रत मुहम्मद ने आज से 1500 साल पहले एक आदर्श समाज की स्थापना की जिसमें सभी को आर्थिक, राजनीतिक, न्यायिक व वैचारिक स्वतंत्रता प्राप्त थी. औरतों को उनके अधिकार दिए जाते थे, जहाँ साम्प्रदायिकता, अश्लीलता, व्यभिचार आदि की कोई जगह नहीं थी.
उन्होंने कहा कि आज हमें ऐसा ही समाज बनाने की ज़रुरत है, जहाँ ऊंचा चरित्र व नैतिकता विद्यमान हो, तभी एक आदर्श समाज बनेगा जहाँ समाज के सभी वर्गो का विकास होगा.
कार्यक्रम में लगभग 225 छात्राओं को सम्मानित किया गया, तथा प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को नकद पुरस्कार भी दिए गए. संगठन की मीडिया सचिव साएका भाटी ने संगठन का परिचय कराते हुए कहा कि GIO का उद्देश्य समाज का नवनिर्माण करना हैं. मंच का संचालन इलाफ रनीम (यूनिट सेक्रेटरी रामगंज) ने किया. कार्यक्रम में जमाते-इस्लामी हिन्द के महिला प्रकोष्ठ व अन्य लोग सम्मिलित हुए.