आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने 23 नए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस नई सूची पूर्व में घोषित 7 प्रत्याशियों के टिकट काट दिए गए हैं. ज्यादातर प्रत्याशी जीत की स्थिति में कम और बसपा को हरवाने की स्थिति में ज्यादा नज़र आ रहे हैं. एक विशेष योजना के तहत ऐसे प्रत्याशियों को लड़ाने की चाल चली गयी है जो खुद भले ही न जीते मगर बसपा की हार सुनिश्चित कर दे. जैसे बुढ़ाना से अब सपा ने कंवर हसन को प्रत्याशी बनाया है जो पूर्व में इसी सीट से बसपा के प्रत्याशी थे. बसपा ने कंवर हसन का टिकट काटकर पूर्व सांसद क़ादिर राणा की पत्नी सईदा राणा को दे दिया था. कंवर हसन पूर्व सांसद मन्नवर हसन के भाई हैं और उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर गंभीर आरोप लगाये थे. यहां बसपा का मुस्लिम प्रत्याशी जीत की स्थिति में था मगर अब समीकरण बदल गए हैं.
समाजवादी पार्टी पहले यहां पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी को लड़ाना चाहती थी, मगर अब कंवर हसन को टिकट दिया गया है. चरथावल विधानसभा में भी चौंकाने वाला फैसला हुआ है, जहां शिवपाल यादव के करीबी समझे जाने वाले नेता अब्दुल्ला राणा को कद्दावर जाट नेता और राज्यमंत्री मुकेश चौधरी का टिकट काटकर प्रत्याशी बना दिया गया है. यहां भी बसपा के प्रत्याशी को हराने की नीति ज्यादा दिखाई देती है. बसपा के नूर सलीम राणा यहां विधायक है और प्रत्याशी भी हैं. वे क़ादिर राणा के भाई हैं. अब्दुल्ला राणा परिवार से अक्सर उनकी तनातनी रहती है और दोनों एक ही गांव सुजुडु से ताल्लुक भी रखते हैं. अब दोनों ही जीत की दौड़ से बाहर हो गए हैं.
एक और चौकाने वाला टिकट अतीक अहमद गद्दी का है, जिन्हें कानपुर कैंट से हाजी परवेज का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया गया है. बाहुबली अतीक अहमद को श्रावस्ती से लोकसभा का भी टिकट दिया गया था, जिसमे वो हार गए थे. हाल में सुल्तानपुर रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कोहनी से हटाकर कुछ संकेत देने की कोशिश की थी मगर शिवपाल यादव ने वो संकेत बदल दिए हैं. बसपा सरकार मे मंत्री रहे अब्दुल मन्नान को भी सपा ने टिकट दिया है. बांदा से कमल सिंह मौर्य का टिकट काट दिया है. मतलब बसपा के बाद अब सपा ने मान लिया है कि सैनी, कुशवाहा, मौर्य और शाक्य उन्हें वोट नही करेँगे. यहां बसपा के नम्बर दो नसीमुदीन सिद्दीक़ी के घर मे सेंध करते हुए उन्हीं के करीबी रिश्तेदार हसीमुदीन सिद्दीक़ी को पर्चा थमा दिया है.
कौमी एकता दल के थिंकटैंक कहे जाने वाले विधायक और मुख्तार अंसारी के भाई सिबगततुल्लाह अंसारी को भी मुहम्मदाबाद से समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. कौमी एकता दल के विलय लेकर चाचा जी और भतीजे जी तल्खी पैदा हुई थी. टांडा से काबीना मंत्री आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला को टिकट दिया गया है. वो लगातार अपनी विधानसभा में सक्रिय थे और उन्हें टिकट मिलना लगभग तय था. आज़म अब शायद चुनाव नही लड़ेंगे. पूर्व मे घोषित सभी टिकटों में 7 को बदल दिया गया है. इन सभी जगहों पर सपा या तो हार गयी या फिर इनके विधायक बदलकर दूसरे दल के हो गए. विधायकों को अभी कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं, अभी 230 सीटों की घोषणा की जायेगी. चर्चा है 42 विधायकों के टिकट काटे जा रहे है, जिनमें 6 मंत्री भी हैं.