26 जनवरी के आस-पास खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां करा सकती हैं धमाके –रिहाई मंच

TwoCircles.net News Desk

लखनऊ : देश में अल-क़ायदा के नाम पर गिरफ़्तारी के बाद अब आईएसआईएस के नाम पर गिरफ़्तारी जारी है. अख़बारों में प्रकाशित ख़बरों के मुताबिक़ पिछले कुछ दिनों में 6 राज्यों से अब तक 15 युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है.


Support TwoCircles

लेकिन उत्तरप्रदेश की सामाजिक संस्था रिहाई मंच ने आतंकी संगठन आईएस से कथित तौर पर जुड़े लोगों की उत्तरप्रदेश से गिरफ्तारी को खुफिया एजेंसियों द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुसलमानों की छवि बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा बताया है.

संगठन ने आशंका व्यक्त की है कि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां मोदी सरकार के खिलाफ़ बढ़ रहे चौतरफ़ा आक्रोश से ध्यान हटाने के लिए 26 जनवरी के आस-पास देश में विस्फोट कराकर तबाही मचा सकती हैं.

रिहाई मंच ने सपा सरकार को भी चेतावनी दी है कि यदि आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों की गिरफ्तारियां नहीं रुकीं तो उसे बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

आईएसआईएस के नाम पर पिछले दिनों 6 राज्यों से 15 युवकों की गिरफ्तारी पर रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आईएसआईएस के नाम पर भाजपा सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के ज़रिए मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रही है.

उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह गुजरात में मोदी और खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी संगठनों का हौव्वा खड़ाकर मुस्लिमों का फर्जी एनकाउंटर किया, ठीक वही काम अब आईएसआईएस के नाम पर किया जा रहा है.

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब ने कहा है कि मोदी के लखनऊ दौरे के दिन जिस तरह लखनऊ से विडियो-फोटोग्राफी का काम करने वाले और नाई के बेटे स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र मो. अलीम को आईएस का आतंकी बताकर पकड़ा गया, वह साबित करता है कि मोदी सरकार अपने खिलाफ़ बढ़ रहे गुस्से को भटकाने के लिए अब गुजरात की तर्ज पर आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों के फर्जी मुठभेड़ और गिरफ्तारियों की पुरानी आपराधिक रणनीति पर उतर आई है.

मुहम्मद शुऐब ने कहा कि इस मामले में पुलिस के हवाले से मीडिया द्वारा यह लगातार बताया जा रहा है कि अभी लखनऊ में दो और आईएस आतंकी छुपे हुए हैं, जो कि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अपनी कहानी को और मार्केटेबल बनाने की कोशिश है.

उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि 26 जनवरी के आस-पास पहले से अपने पास गैर कानूनी हिरासत में मौजूद किसी बेगुनाह मुस्लिम को या तो फर्जी एनकाउंटर में मारा जा सके या विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार दिखाया जा सके.

उन्होंने सवाल उठाया कि किसी नए बेगुनाह मुस्लिम युवक को आतंकी बताकर फंसाने से पहले एटीएस को यह बताना चाहिए कि पिछले दिनों अदालत से बरी हुए चार बंगाली मुस्लिम युवकों के पास से उसने जो एके-47, चार किलो आरडीएक्स और दर्जनों की संख्या में डेटोनेटर बरामद कराया था, वह उसे संघ परिवार ने दिया था या खुफिया विभाग ने?

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और संघ परिवार के क़रीबी अजित डोभाल इस समय देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले विवेकानंद फाउंडेशन, संघ और खुफिया विभाग के अपने नेटवर्क के ज़रिए मोदी की रैलियों के दौरान विस्फोट कराकर सामान्य हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा की तरफ़ कराया था. जो अब एनएसए की हैसियत से यही सब ज्यादा खुलकर और आक्रामक तरीके से कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में आतंकवाद के नाम पर हुई घटनाओं और फर्जी गिरफ्तारियों की जांच कराई जाए तो उसमें डोभाल जैसे तमाम संघी खुफिया अधिकारियों की भूमिका उजागर हो सकती है.

प्रेस विज्ञप्ति में रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा है कि अभी पिछले दिनों ही रिहाई मंच के प्रयास से हूजी के आतंकी बताकर पकड़े गए चार बंगाली युवक साढ़े आठ साल जेल में बिताने के बाद निर्दोष साबित हो कर छूटे हैं. लेकिन खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां इनसे सबक सीखने के बजाए और भी फर्जी गिरफ्तारियां करके अपनी विश्वसनियता ख़त्म कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश से हुई गिरफ्तारियों में प्रदेश एटीएस के भी शामिल रहने ने साबित कर दिया है कि बेगुनाहों के फंसाए जाने के इस मुस्लिम विरोधी अभियान में सपा सरकार भी शामिल है. जिसने अपने विधानसभा चुनाव में आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने का झूठा वादा किया था.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने की योजना पर सपा और भाजपा मिलकर काम कर रही हैं, इसीलिए एक तरफ एटीएस गिरफ्तार युवकों पर मुजफ्फ़रनगर में हुए मुसलमानों के जनसंहार का बदला लेने की योजना बनाने का झूठा आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ़ सपा सरकार मुज़फ्फ़रनगर जनसंहार की जांच करने वाली सहाय कमीशन की रिपोर्ट पर अमल न करके दोषियों को बचा रही है.

राजीव यादव ने मुसलमानों से अपील की है कि 26 जनवरी के आस-पास अकेले न घूमें, क्योंकि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सपा और भाजपा के एजेंडे को बढ़ाने के लिए उन्हें आईएस का आतंकी बताकर पकड़ सकती हैं.

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE