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लखनऊ : कैराना से 346 हिंदू परिवारों का कथित पलायन अब राजनीति का मुद्दा बन रहा है. इलाहाबाद के केपी ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कैराना मसले पर अपनी चिंता व्यक्त की, लेकिन शामली के डीएम सुजीत कुमार ने सांसद हुकुम सिंह द्वारा जारी सूची को झूठा व ग़लत बताया है. डीएम के इस बयान के बाद खुद हुकुम सिंह ने भी माना है कि लिस्ट में गड़बड़ी हो सकती है.
स्पष्ट रहे कि हुकुम सिंह ने 346 लोगों के नाम जारी किए थे, लेकिन लिस्ट में शामिल कई लोग कैराना में रह रहे हैं और कई लोग कारोबार के लिए बाहर गए हैं.
डीएम सुजीत कुमार के मुताबिक़ जिन 346 लोगों की लिस्ट सांसद ने जारी की है, उनमें से 119 लोगों की जांच की गई है.
डीएम के मुताबिक लिस्ट में शामिल 4 लोगों की 20 साल पहले मौत हो चुकी है. वहीं लिस्ट में शामिल 68 लोग बेहतर रोज़गार के लिए 15 से 20 साल पहले ही कैराना से बाहर चले गये. ये लोग पानीपत, करनाल, सोनीपत, देहरादून जैसे औद्योगिक शहरों में गए हैं.’
वहीं लखनऊ के सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने कैराना में हिंदुओं के पलायन की झूठी सूची पर भाजपा द्वारा सांप्रदायिक माहौल बनाने को 2017 के चुनावी तैयारी बताया है. मंच ने मांग की है कि झूठी सूची के आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने के षडयंत्रकर्ता भाजपा सांसद हुकुम सिंह समेत भाजपा नेताओं पर अखिलेश सरकार तत्काल मुक़दमा दर्ज करे.
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने इलाहाबाद में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को यूपी को दंगों की आग में झोंकने की तैयारी बैठक क़रार दिया.
उन्होंने कहा कि कैराना में हिंदूओं के पलायन की झूठी सूची पर दुख जता रहे नरेंद्र मोदी को कैराना जाना चाहिए और हक़ीक़त जानने के साथ ही पास के गांवों लाक, बहावड़ी, लिसाढ, हसनपुर भी जाना चाहिए, जहां उनको प्रधानमंत्री बनाने के लिए उन गांवों को मुसलमान मुक्त बना दिया गया था. जहां 2013 में भाजपा सांसद हुकुम सिंह जैसों द्वारा मुसलमानों के आशियानों को जला दिया गया था. वहां की वीरान मस्जिदें इस बात की गवाही देती हैं कि वहां मुसमलमान कभी रहा करते थे.
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में संपन्न हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में जिस तरह कैराना मुद्दे पर रणनीतिक बयानबाजी हुई है, उससे स्पष्ट हो गया है कि मुजफ्फ़रनगर की तरह कैराना के सहारे चुनावी फसल काटने की तैयारी हो रही है.
उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह मोदी की मथुरा रैली के वक्त अयोध्या प्रकरण को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने ऐसा ही सांप्रदायिक माहौल तैयार किया, जिस तरह कैराना मुद्दे पर हुकुम सिंह कर रहे हैं. जब भी मोदी यूपी आते हैं तब भाजपा ऐसा सांप्रदायिक माहौल तैयार कर जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहती है.
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जिस तरीक़े से 2013 में फर्जी वीडियो वायरल कर भाजपा विधायक संगीत सोम ने मुज़फ्फ़रनगर सांप्रदायिक हिंसा का आधार तैयार किया, ठीक उसी तरह हुकुम सिंह इस बार जीटीवी, दैनिक जागरण जैसे संघी संचार माध्यमों के ज़रिए सांप्रदायिक हिंसा कराना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ठीक इसी तरह जेएनयू मामले में भी जी टीवी ने फ़र्जी वीडियो क्लिप चलाकर पूरे देश का माहौल ख़राब कर दिया था. लेकिन उचित कार्रवाई न होने के चलते एक बार फिर जी टीवी वही दोहराने पर उतारु है. शाहनवाज़ आलम ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह तत्काल जीटीवी को नोटिस भेजे.