सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी: देश के विश्वविद्यालयों में सरकार की दखलंदाज़ी का मामला अभी थमा नहीं था कि अब विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा छात्रों पर अत्याचार करने और उन पर लाठियां चलवाने के आरोप लग रहे हैं. ताजा मामला नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कई छात्र बीते कई दिनों से साइबर लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने की मांग कर रहे थे. जब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने इस मामले पर कोई फैसला लेने से इनकार कर दिया तो कई छात्र धरने पर बैठ गए. लगभग दस दिनों पहले इन छात्रों ने साइबर लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी और छात्र एकता के बहाने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव डालना शुरू कर दिया.
इसी बीच विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से विवादास्पद बयान और पत्र सामने आए. एक बयान में उन्होंने कहा कि जो छात्र दाढ़ी रखते हैं, वही लड़कियों का दुपट्टा खींचते हैं. इसके पहले भी उन्होंने एक बयान में कहा था कि शोध करने वाले छात्र अपनी छात्रवृत्ति का इस्तेमाल बाइक खरीदने के लिए करते हैं. आंदोलनकारी छात्रों को निलंबित कर दिया गया और साइबर लाईब्रेरी खोलने की मांग को ठुकरा दिया गया. इसके बाद छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया.
यही नहीं बीएचयू कैम्पस के भीतर पुलिस वालों और एबीवीपी के छात्रों ने मिलकर ‘आम आदमी पार्टी’ द्वारा समर्थित कुछ छात्रों और आइसा के जुड़े कुछ छात्रों और छात्राओं की बहुत पिटाई की. इनमें से कई घायल छात्र अस्पताल में भर्ती हैं. तस्वीरें सुनील यादव, एकता शेखर और मिथिलेश प्रियदर्शी से साभार. नीचे एल्बम पर दाहिनी ओर क्लिक कर तस्वीरें देखें.