TwoCircles.net Staff Reporter
अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों में लोगों की सेहत सुधारने के लिए नीतिश सरकार ने जल्द ही प्राईमरी चिकित्सा केन्द्र खोलने का फ़ैसला लिया है. इस फ़ैसले के तहत राज्य के चार ज़िलों में 13 प्राईमरी चिकित्सा केन्द्र खोले जाएंगे. इन चार ज़िलों में पश्चिमी चम्पारण, भागलपुर, सीतामढ़ी और मधुबनी का नाम शामिल है.
दरअसल, 2012 में ही स्वास्थ्य विभाग ने इन चारों ज़िलों में सर्वे करवाया था. जिसमें यह पाया गया कि इन चारों ज़िलों में मलेरिया, तपेदिक व दमा का प्रकोप ज़्यादा है. उसके बाद 2014 में ही यहां प्राईमरी चिकित्सा केन्द्र खोलने की योजना तैयार कर ली गई थी, लेकिन यह चिकित्सा केन्द्र आज तक नहीं खुल सके हैं. इसके पीछे यहां के अधिकारी केन्द्र सरकार द्वारा समय पर पैसा न दिया जाना, सबसे बड़ा कारण बताते हैं. क्योंकि यह योजना केन्द्र व राज्य के सहयोग से संचालित किया जाना था. जिसमें केन्द्र को 60 फ़ीसदी पैसा देना है, वहीं इस कार्य के लिए राज्य सरकार को 40 फ़ीसदी खर्च करना है.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग बिहार के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इन चिकित्सा केन्द्रों की स्थापना की तैयारी शुरू कर चुका है. इन 13 स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण पर कुल 640.56 लाख रूपये खर्च किए जाने हैं. सुत्रों के अनुसार 24 महीने में सभी 13 चिकित्सा केन्द्र भवन बनकर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने इस लक्ष्य को तय समय-सीमा में हासिल कर पाती है या नहीं? क्योंकि गोपालगंज के लोगों का कहना है कि 2012 में गोपालगंज में भी 6 प्राईमरी चिकित्सा केन्द्र खोलने का ऐलान किया गया था, जो आज तक नहीं खुल सका है.