TwoCircles.net Staff Reporter
रांची : झारखंड सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12 अधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन किया गया है. लेकिन आरोप है कि सरकार द्वारा जानबुझ कर इस स्थानांतरण व पदस्थापन में मुस्लिम अधिकारियों के साथ अनदेखी की गई है.
ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन (आमया) ने इस संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री और झारखंड के राज्यपाल के नाम पत्र भेजा है.
आमया के अध्यक्ष एस. अली का आरोप है कि झारखंड सरकार स्थानांतरण और पदस्थापन में भेदभाव बरत रही है. एक ख़ास जाति-धर्म के कई अधिकारियों को शीर्ष पदों के साथ-साथ तीन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया है. वहीं राज्य में बड़ी संख्या में मुस्लिम आईएस, आईपीएस अधिकारी जो पिछले तीन सालों से पदस्थापन के इंतज़ार में हैं, लेकिन उन्हें लगातार दरकिनार किया जा रहा है, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है.
एस. अली TwoCircles.net से बातचीत करते हुए बताते हैं कि, एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ —सबका विकास’ की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ झारखंड में संविधान द्वारा प्राप्त समानता की अधिकार का भी सरकार खुलेआम उल्लंघन कर रही है.
उन्होंने कहा कि, केन्द्र सरकार को चाहिए कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए झारखंड में कार्यरत भारतीय प्रसाशनिक सेवा के मुस्लिम अधिकारियों को भी शीर्ष पदों पर पदस्थापित करने का निर्देश राज्य सरकार को दे, ताकि मुस्लिम अधिकारी देश सेवा में बेहतर योगदान दे सकें, जिससे देश के मुस्लिम युवक प्रेरणा ले.
बताते चलें कि इससे पहले भी अप्रैल महीने में आमया नाम के इस संगठन ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लिखकर यह बता चुकी है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो आईएएस, तीन आईपीएस, झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा के 20 से अधिक अधिकारियों सहित मोबाइल दारोगा, अभियंता व अन्य पदाधिकारियों को सोची-समझी साज़िश के तहत शंटिंग पोस्ट में डाला गया है, जबकि भ्रष्टाचार के आरोपी चार्जशीटेड अधिकारियों को शीर्ष पदों पर बैठाया जा रहा है. यह न्यायोचित नहीं है.
एस. अली का कहना है कि, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2015 में स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर किसी राज्य में मुस्लिम आईएएस, आईपीएस हैं, तो उन्हें डीसी, एसपी के साथ सचिव का पद दिया जाए, लेकिन झारखंड में इसे लागू नहीं किया गया है. यानी सरकार पूरे प्रशासनिक अमले के भगवाकरण के प्रयास में लगी हुई है.
गौरतलब रहे कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नई दिल्ली झारखंड भवन में पदस्थापित डी.के. तिवारी को अपर मुख्य सचिव श्रम नियोजन विभाग बनाया गया है. इसके अलावा वे श्रमायुक्त एवं प्रधान स्थानिक आयुक्त झारखंड भवन के भी अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे. अपर मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग सुखदेव सिंह को अपर मुख्य सचिव योजना सह वित्त विभाग बनाया गया है और ग्रेटर रांची विकास प्राधिकार के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव एम.एस. भाटिया को महानिदेशक सर्ड, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह को प्रधान सचिव स्कूली शिक्षा बनाया गया है. स्कूली शिक्षा विभाग की सचिव आराधना पटनायक को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का सचिव, राजस्व एवं निबंधन विभाग के सचिव कमल किशोर सोन को जल संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया है और राजस्व विभाग के सचिव एवं भवन निर्माण विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव एमएस भाटिया को महानिदेशक सर्ड, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह को प्रधान सचिव स्कूली शिक्षा बनाया गया है. स्कूली शिक्षा विभाग की सचिव आराधना पटनायक को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का सचिव, राजस्व एवं निबंधन विभाग के सचिव कमल किशोर सोन को जल संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया है और राजस्व विभाग के सचिव एवं भवन निर्माण विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
खाद्य आपूर्ति सचिव विनय चौबे को महिला एवं बाल विकास विभाग का सचिव बनाया गया है और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. श्रम नियोजन सचिव डॉ अमिताभ कौशल को खाद्य आपूर्ति सचिव बनाया गया है और राज्य खाद्य निगम का प्रबंध निदेशक और आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. उद्योग विभाग के निदेशक के. रविकुमार को जियाडा का प्रबंध निदेशक और झारक्राफ्ट के एमडी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
धनबाद नगर-निगम के आयुक्त मनोज कुमार को निदेशक समाज कल्यण और आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक आशीष सिंह को निदेशक नागरीय प्रशासन बनाया गया है, जबकि निदेशक समाज कल्याण राजीव रंजन को धनबाद नगर-निगम का नगर आयुक्त बनाया गया है.