TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफ़े के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बधाई के साथ ही ये क़यास लगने शुरू हो चुके हैं कि बिहार में नीतीश कुमार अब भाजपा के साथ गठबंधन करके फिर से अपनी वापसी करेंगे.
हालांकि इस क़यास पर कई अटकलें भी लगे रहे हैं, क्योंकि नीतीश कुमार अब तक ‘संघ मुक्त भारत’ की वकालत करते नज़र आ रहे थे. लेकिन फिलहाल अभी–अभी जदयू की ओर से जारी एक प्रेस बयान से ये अटकलें लगभग ख़त्म होती नज़र आ रही हैं. इस प्रेस बयान में साफ़ तौर पर कहा गया है कि, ‘बिहार की जनता को मध्य–अवधि चुनाव नहीं झेलना पड़ेगा और पुनः नीतीश के नेतृत्व में नई भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन सरकार की नींव बिहार में पड़ेगी, जिसमें न्याय के साथ विकास की बात होगी.’
बताते चलें कि राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र चौहान एवं मुख्य प्रवक्ता नीलमणि पटेल ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई मे नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देकर एक ऐतिहासिक क़दम उठाया है.
आगे उन्होंने कहा कि, भ्रष्टाचार के प्रति राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अभद्र टिप्पणियों को झेलते हुए भी नीतीश कुमार ने सहनशीलता का परिचय था. वे चाहते थे कि उप–मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब खुद जनता के बीच दें, किन्तु ऐसा हुआ नहीं और अंत में नीतीश जी को स्वयं अपने पद से इस्तीफ़ा देकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपने पुराने स्टैड पर आना पड़ा, जो कि जनहीत में है.
इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफ़ा से उनकी लोकप्रियता आसमान पर चली गई है. उन्होने इस्तीफ़ा देकर यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार से किसी भी क़ीमत पर अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे सत्ता रहे अथवा जाए. उनका यह क़दम स्वागत योग्य है. उम्मीद करते है कि बिहार की जनता को मध्य अवधि चुनाव नहीं झेलना पड़ेगा और पुनः नीतीश के नेतृत्व में नई भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन सरकार की नींव बिहार में पड़ेगी, जिसमें न्याय के साथ विकास की बात होगी.