TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार के दिन ‘तीन तलाक़’, ‘हलाला’ और ‘बहु-विवाह’ प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा. यह सुनवाई प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष होगी.
इस बीच यूपी सरकार के न्याय विभाग के मंत्री बृजेश पाठक के हवाले से मीडिया में यह ख़बर प्रकाशित किया गया है कि 11 मई से सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक़ के मुद्दे पर हो रही सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार भी मुस्लिम महिलाओं का पक्ष रखेगी. न्याय विभाग के मंत्री बृजेश पाठक ने मीडिया को दिए बयान में यह बताया है कि इस मामले में राज्य सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. सुनवाई शुरू होने के एक-दो दिन बाद प्रदेश सरकार भी इस मामले में मुस्लिम महिलाओं का पक्ष रखेगी.
लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य व एडवोकेट जफ़रयाब जीलानी ने सवाल उठाया है कि यूपी सरकार आख़िर किस हैसियत से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी?चूंकि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली इस सुनवाई में यूपी सरकार पक्षकार नहीं है और देश की इस सबसे बड़ी अदालत ने मार्च 2017 में ही यह साफ़ कर दिया था कि मई में होने वाली सुनवाई में कोई नया पक्षकार अब शामिल नहीं हो सकेगा.
तो ऐसे में आप ही बताईए कि ये यूपी सरकार किस हैसियत से अपना पक्ष रखेगी और वैसे भी केन्द्र सरकार के साथ-साथ बाक़ी पक्षकारों ने अपना लिखित पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने पहले ही रख चुकी है.