TwoCircles.net News Desk
चंबल : यह पहली बार हुआ है. चंबल की वादियों से जय हिंद का जयघोष गूंजा है. यह देश भर के लिए चंबल का संदेश के अब वो अपने हक़ और हुक़ूक़ के लिए चुप नहीं बैठेंगे. बात अब गोली से नहीं, उस झंडे से होगी जिसकी रक्षा के लिए चंबल के वीरों ने सबसे अधिक आहूति दी है.
देश की आज़ादी के 160 साल पूरे होने पर पांच नदी, दो राज्य और चार ज़िलों के संगम पर स्थित क्रांति तीर्थराज पचनदा पर गुरुवार को जन संसद का आयोजन किया गया. जनसंसद के शुभारंभ से पहले पांच नदियों के संगम तट पर 1857 के क्रांतिवीरों की याद में तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान किया गया. इसके बाद जन संसद की कार्यवाही शुरू हुई.
इसमें बीहड़ क्षेत्र चंबल के लोगों ने अपनी जन समस्याओं को रखा. चंबल के विकास और सरकार की योजनाओं पर चर्चा की गई. एक सवाल यह भी आया कि विकास के नाम पर चंबल के बीहड़ों को क्या नष्ट करना ठीक होगा. इस पर लोगों की अलग-अलग राय रही.
प्रस्तावित पचनदा बांध और चंबल एक्सप्रेस के कारण क्या नुक़सान हो सकता है. इस पर विचार के लिए एक कमेटी बनाने और फिर इसका अध्ययन करने पर सहमति बनी. जनसंसद की कार्यवाही में उठे चंबल के विकास के सवालों को लिखा गया और तय किया गया इन पर आगे काम जारी रखा जाएगा. घाटी के विभिन्न सुलगते सवालों का अध्ययन कर रिपोर्ट जनता के सामने लाई जाएगी.
जन संसद में बड़े पैमाने पर तीन राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व राजस्थान के चंबल क्षेत्र के जालौन, औरैया, इटावा, भिंड, मुरैना, धौलपुर के कई सैकड़ा लोगों ने सहभागिता की. इसमें प्रमुख रूप से डॉ. गोविंद सिंह, इंजी. राज त्रिपाठी एवं वरिष्ठ कवि डा. अजय शुक्ला, अंजाम, डॉ. जितेंद्र बिसारिया, बीरेंद्र सिंह सेंगर, प्रो. धर्मेन्द्र, विजय कुमार, शैलेन्द्र, अनीता राज, रिहाना मंसूरी, नीलिमा, हरेन्द्र राठौर, सीलिमा, सुनील श्रीवास्तव, संघरत्ना, अंकुर, हिमांशी, विमल बौद्ध, नंदकुमार, संजय वाल्मीकि, कमल पाण्डेय, अजय भाष्कर, पंचम सिंह, रामसिंह, अजीत, शैलेन्द्र सिंह, सुरजीत, के. के. चतुर्वेदी, राजेश गौतम, बिनोद मास्टर, साहब सिंह, साक्षी देवी, विजय कुमार दूवे, अरविन्द पहरिया आदि सैकड़ो जन सांसद उपस्थित रहे.
कार्यक्रम संयोजक शाह आलम जी ने सभी का आभार व्यक्त किया व कार्यक्रम का संचालन कुलदीप कुमार बौध्द ने किया. सदन के स्पीकर अवधेश सिंह चौहान रहे. सदन की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार के.पी. सिंह ने किया.
प्रमुख मांगे :
1. चंबल की बुनियादी समस्याओं का अध्ययन कर तत्काल निदान किया जाए.
2. चंबल की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन मानचित्र से जोड़ा जाए.
3. चंबल संस्कृति में रची-बसी लोकगीत को सहेजा जाए.
4. विशेष पैकेज के तहत लोकनायक जेपी के सुझावों को ज़मीन पर उतारा जाए.
5. यहां आज भी मैला धोने की कुप्रथा चल रही है उसे तत्काल बंद किया जाए.
5. पूल व सड़क का निर्माण किया जाए.
6. रोज़गार के अवसर पैदा करके पलायन को रोका जाए.
7. यहां जो भी फिल्में बनें उसकी आमदनी का 30 फ़ीसद यहीं के विकास पर खर्च हो.
8. चंबल की गौरवशाली पहचान दुनिया के सामने लाने के लिए चंबल संग्रहालय बनाया जाए.
9. पचनदा बांध और पर्यटन बनाम तबाही, पलायान
10. चंबल एक्सप्रेसवे बनाया जाए.