कर्नाटक : सांसद निधि खर्च न करने के मामले में भाजपा सांसद सबसे आगे

अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircles.net के लिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर्नाटक में विकास की गंगा बहाना चाहते हैं. उन्होंने अपने चुनावी तक़रीरों में यह बात खुलकर कही है कि, ‘केंद्र सरकार कर्नाटक के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.’


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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कह चुके हैं कि ‘जनता विकास चाहती है और भाजपा विकास करना जानती है.’

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक के शहरों के विकास के लिए फंड नहीं देने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही विकास की भी बात की है.

लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि भाजपा के सांसद अपने क्षेत्र के विकास करने के मामले में काफ़ी पीछे हैं. वहीं कांग्रेस के कुछ सांसदों का भी यही हाल है.

एक सरकारी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी बताती है कि 2014-19 में अब तक एमपी लैड्स फंड के तहत भारत सरकार ने 700 करोड़ फंड रखे हैं. लेकिन अब तक 402.50करोड़ रूपये स्वीकृती हुई है. और इस रक़म में से 28 सांसदों ने मिलकर 318.71 करोड़ रूपये खर्च किए हैं.

आंकड़े बताते हैं कि कम फंड खर्च करने वाले टॉप 10 सांसदों में 7 सांसद भाजपा के तो 3 कांग्रेस से भी हैं.

स्पष्ट रहे कि 28 लोकसभा सीटों वाले इस कर्नाटक में 2014 लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर भाजपा ने बाज़ी मारी थी. 9 सीटें कांग्रेस और 2 सीटें यहां के जेडीएस के झोली में गिरी थीं.

हम यहां यह भी बताते चलें कि लोकसभा नियमानुसार सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए हर साल 5 करोड़ रुपए की धनराशि दी जाती है. सांसद इसे अपनी इच्छा के अनुसार अनुदान के रूप में दे सकता है.

पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ सांसद अनंथ कुमार

बंग्लूरू (दक्षिण) के भाजपा सांसद सबसे पीछे

सांसद निधि खर्च न करने के मामले में बंग्लूरू (दक्षिण) के भाजपा सांसद अनंथ कुमार सबसे आगे हैं. एमपी लैड्स फंड्स की वेबसाईट पर मौजूद जानकारी के अनुसार अनंथ कुमार ने अब तक 7.50 करोड़ का फंड ही हासिल किया है. उसमें भी इन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में इस फंड का महज़ 32.95 फ़ीसदी हिस्सा ही खर्च किया है.

सांसद निधी कम खर्च करने के मामले में दूसरे नंबर पर बीजापुर के भाजपा सांसद रमेश जिगाजीनागी का नाम है. वहीं तीसरे नंबर पर भी भाजपा के ही बंग्लूरू (सेन्ट्रल) सांसद पी.सी. मोहन हैं.

कम खर्च करने वाले टॉप -10 सांसद

क्र. सं. सांसदों के नाम व क्षेत्र कुल फंड

(करोड़)

आवंटित फंड

(करोड़)

मौजूद रक़म

(करोड़)

खर्च रक़म

(करोड़)

उपयोगिता दर

(करोड़)

बची हुई राशि

(करोड़)

1. अनंथ कुमार (भाजपा) बैंगलोर साउथ 25.00 7.50 7.55 2.47 32.95 5.08
2. रमेश जीगाजीनागी (भाजपा)
बीजापुर (एससी)
25.00 10.00 10.35 6.04 60.41 4.31
3. पी.सी. मोहन (भाजपा)

बैंगलोर सेन्ट्रल

25.00 12.50 12.80 7.74 61.91 5.06
4. बी.वी. नायक (कांग्रेस)

रायचूर (एसटी)

25.00 12.50 12.80 7.86 62.89 4.94
5. भगवंथ खूबा (भाजपा)

बिदर

25.00 12.50 12.60 7.93 63.47 4.66
6. प्रह्लाद जोशी (भाजपा)

धारवड़

25.00 12.50 12.83 8.73 69.87 4.10
7. एम. विरप्पा मोईली (कांग्रेस)

चिकबल्लापूर

25.00 17.50 17.67 12.62 72.11 5.05
8. करादी संगन्ना अमरप्पा (भाजपा)

कोप्पल

25.00 15.00 15.16 10.96 73.05 4.20
9. के. एच. मुनियप्पा (कांग्रेस)

कोलर (एससी)

25.00 15.00 15.17 11.05 73.67 4.12
10. अनंत कुमार हेगड़े (भाजपा)

उत्तर कन्नड़

25.00 10.00 10.26 7.84 78.42 2.42

स्त्रोत : http://www.mplads.gov.in

वहीं सबसे अधिक फंड पाने और खर्च करने वालों में कांग्रेस के चमाराजनगर के सांसद आर. ध्रुवनारायण का नाम आता है.  इन्होंने अभी तक 20 करोड़ का फंड हासिल किया है और 17.56 करोड़ रूपये खर्च कर चुके हैं.

भारत सरकार के डेवलमपमेंट फंड पर काम करने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी स्टडीज एंड एडवोकेसी से जुड़े जावेद आलम का कहना है कि, ये इस देश का दुर्भाग्य है कि सरकार की ओर से विकास के नाम पर जो भी फंड होता है, वो खर्च नहीं हो पाता. आप सांसद निधी के अलावा बाक़ी डेवलपमेंटल फंड का हाल देखेंगे तो वहां भी यही कहानी नज़र आएगी.

वो आगे कहते हैं कि, जब चुनाव आता है, तो राजनीतिक पार्टियां विकास की बात करते हैं, लेकिन जब आपके सांसद या विधायक ही खर्च नहीं करेंगे तो विकास कैसे होगा. सिर्फ़ वादे, इरादे और घोषणाओं से विकास नहीं होगा. सांसद व विधायकों को भी काम करना होगा. हमारे रिसर्च में लगातार ये बात सामने आ रही है कि सरकार विकास के फंड को खर्च नहीं कर रही है, ये आने वाले दिनों में देश के लिए बहुत ही ख़तरनाक साबित होने वाला है.

इस संबंध में हमने बंग्लूरू (साउथ) के भाजपा सांसद अनंथ कुमार से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन ख़बर लिखे जाने तक कामयाबी नहीं मिल सकी.

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