स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप और हत्याकांड मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को मामले की एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने चार्जशीट में इस मामले में पकड़े गए सभी चारों आरोपियों को रेप और हत्या का आरोपी माना है। बता दें इस मामले में चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गांव की एक दलित लड़की की रेप और हत्या का आरोप है। हाथरस में इस दलित युवती से इन चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था।
सीबीआइ की टीम की ओर से जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मृत्यु के मामले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने लम्बी पड़ताल के बाद चारों आरोपितों को सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ तथा एससी-एसटी एक्ट का आरोपित माना है।
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 325 एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354 व 376ए, 376 डी व 302 के तहत मामला दर्ज किया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने काफी विरोध झेलने के बाद यह केस सीबीआई को जांच के लिए सौंपा था, जिसकी सीबीआई बीते दो महीने से जांच में जुटी थी। उधर, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। जहां उसका साइकोलॉजिकल असेसमेंट कराया जाएगा। हाथरस कांड में पीड़िता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
उल्लेखनीय है कि हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में अनुसूचित जाति युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था। लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी।
सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल होने के पश्चात कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है। हाथरस केस में सीबीआई द्वारा चार आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में साफ हुआ कि पीड़िता का भयावह गैंगरेप कर उसकी हत्या की गई थी।
चार्जशीट में सामने आए तथ्य योगी आदित्यनाथ सरकार, यूपी पुलिस, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, जिला अधिकारी हाथरस एवं सरकार के आला अफसरों के ऊपर गंभीर सवाल खड़ा करते हैं।
सत्ता पक्ष ने जीते जी एवं मरने के बाद भी पीड़िता के सम्मान पर चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पीड़िता के शव को आधी रात में बिना परिवार की सहमति के जला दिया गया। आला अधिकारियों व नौकरशाहों ने खुलेआम बलात्कार न होने को प्रचारित किया, पीड़ित परिवार को धमकी दी गई एवं पीड़िता को बदनाम करने की कोशिश की गई। सच्चाई दिखाने वाले मीडिया को धमकाया गया। हालांकि, यूपी सरकार की सत्ता की पूरी ताकत व धमक सत्य को नहीं दबा सकी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रदेश की योगी सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया है कि कि ‘भाजपा सरकार से बिना लड़ें कुछ नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़’।