स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
दिल्ली दंगे से संबंधित एक केस में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जमानत मिल गई है। दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने खजूरी खास हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर 101 में उमर खालिद को 20 हज़ार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि उमर खालिद को सिर्फ इसलिए कैद में नहीं रखा जा सकता है कि उसे भीड़ में देखा गया था। फिलहाल उमर खालिद यूएपीए के चलते जेल में ही रहेंगे।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने उमर खालिद को दिल्ली दंगे के खजूरी खास हिंसा मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने जमानत 20 हज़ार के निजी मुचलके पर दी हैं। अदालत ने कुछ शर्तों के साथ उमर को जमानत दी हैं।
अदालत ने उमर से कहा है कि वो हर तारीख़ पर अदालत में पेश होगा। साथ ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा और ना ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेगा। इसके अलावा और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करेगा।
कोर्ट ने उमर को जमानत देते हुए कहा कि उमर खालिद को सिर्फ तथ्य के आधार पर कैद में नहीं रखा जा सकता है कि उसे दंगाई भीड़ में देखा गया था और सिर्फ इस आधार पर उसे अरेस्ट भी नहीं किया जा सकता है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया था।
लेकिन बाद में पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 100 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था जिसमें उमर खालिद को भी आरोपित बनाया गया था। आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया था कि उमर ने दंगों को भड़काने का काम किया हैं और ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के साथ मिलकर दंगों की साज़िश रची हैं।
फिलहाल उमर को इस मामले में जमानत मिल गई है लेकिन उमर अभी यूएपीए के चलते जेल में ही रहेंगे। उमर खालिद को पिछले साल सितंबर में 10 घंटे लंबी पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने दिसंबर में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में उमर खालिद पर दंगे भड़ाकाने, दंगो की साजिश रचने, देशविरोधी भाषण देने और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।