जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net
मुंबई शहर में रहने वाले जाकिर चौहान हो या इंदौर में रहने वाले जफर मंसूरी, इन लोगों ने कोरोना से लड़ने के लिए खुद की कमर कस ली है। जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त में देकर अब तक इन्होंने सैकड़ों लोगों की जान बचाई है। उनके पास कई छोटे बड़े सिलेंडर हैं जो रोजाना किसी न किसी के काम आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी चारो तरफ उनकी खूब प्रशंसा हो रही है। हालांकि मेनस्ट्रीम मीडिया को नफरत और अफवाह फैलाने से अब तक फुरसत न मिल सकी है।
कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को अगर समय पर ऑक्सीजन मुहैया न कराया जाए तो मरीज की जान को बहुत बड़े खतरे से रूबरू होता है। कोरोना मरीज के अचानक से ऑक्सीजन लेवल कम होने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और उनके लिए उस वक्त ऑक्सीजन बेहद जरूरी हो जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से इस महामारी के खिलाफ चल रहे जंग में हमारे अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है।
ऑक्सीजन के कमी के कारण, अधिकांश निजी अस्पताल गंभीर रूप से बीमार रोगियों को स्वीकार करने में सक्षम नहीं हैं और वो रोगियों को कहीं और ले जाने के लिए कह रहे हैं। कई अस्पताल इसकी कमी के कारण मरीजों को ही सिलेंडर के इंतजाम की जिम्मेदारी सौंप दे रहे हैं। अब तक देश में बहुत से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ऑक्सीजन सिलेंडर न होने की वजह से लोगों की जानें गई हैं। हालांकि सरकार ने कई तरह के आश्वासन दिए हैं। लेकिन हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा। नए कोविड मामलों की संख्या में हर दिन एक लाख से अधिक की वृद्धि हो रही है। वहीं पिछले कुछ दिनों में लाखों ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया है। इस अफरा तफरी के माहौल में जाकिर चौहान और जफर मंसूरी जैसे लोग दूसरों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आए हैं।
Twocircles.net को जाकिर चौहान ने बताया, “पिछले साल जब कोविड 19 फैला तो उस वक्त पूरे देश और मुंबई में हालात बहुत खराब हो गए थे। हमने उस समय ऑक्सीजन की जरूरत और अहमियत को जाना। हमने देखा की बहुत से लोगों की जान बच सकती हैं अगर वक़्त पर ऑक्सीजन मिल जाए।” चौहान बताते हैं कि यह सोचते हुए उन लोगों ने पिछले साल ये काम शुरू किया।
चौहान आगे कहते हैं, “उस समय हमारे पास 100 सिलेंडर के करीब था, जब मामले काबू में आने लगे थे तो हमने ये काम बंद कर दिया। लेकिन इस फरवरी से कोरोना मामलों ने फिर से उछाल दिखा है जिसके बाद हमने लोगों की खिदमत फिर से शुरू कर दी।” चौहान और उनकी टीम के पास अभी 50-55 ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं और वो कोशिश कर रहे कि ज्यादा से ज्यादा का इंतजाम हो सके। उन्होंने बताया कि मुंबई की ही एक और संस्था ‘रेड क्रिसेंट सोसायटी’ ने भी उन्हें सिलेंडर मुहैया करवाने में उनकी बहुत मदद की है। जिसके मुखिया अरशद सिद्दीकी हैं” वो बताते हैं कि “हमारे वालंटियर खुद से लोगों के घरों में जाकर सिलेंडर सेटअप कर आते हैं। पूरी बातों को समझाना और उनकी खबर लेते रहना भी हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।”
जाकिर चौहान ने बताया, “किसी को सिलेंडर देने से पहले हम इतनी छानबीन कर लेते हैं कि असली जरूरतमंदों के साथ नाइंसाफी न हो, ऑलिव ट्रस्ट द्वारा डॉक्टर से नुस्खे के बाद ही किसी को सिलेंडर दिया जाता है ताकि स्टोर करके रखने वालों से बचा जा सके”।
ऑलिव ट्रस्ट मुंबई वासियों के लिए कोई नया नाम नहीं है। इस ट्रस्ट ने 2014 में 2 घरों को गोद लेकर शुरुआत किया था और आज करीब 210 घरों की जिम्मेदारियां उठा रखी हैं। इसमें अपाहिज, बूढ़े व्यक्ति या सिंगल मदर के घर शामिल हैं, जहां कोई कमाने वाला नही होता। ट्रस्ट द्वारा इन घरों में बच्चों के स्कूल फीस से लेकर बीमारों के दवा वगैरा का भी ख्याल किया जाता हैं। हमें बताया गया की वो इंसानियत के नाते लोगों की मदद करते हैं, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।
इस नफरत के दौर में जाकिर चौहान और उनकी टीम एक मिसाल बनकर सामने आई है। लॉकडाउन के समय मजदूरों की मदद करने वाले ऑलिव ट्रस्ट को पहले भी काफी सराहा गया था। चौहान ने एक हदीस को अपनी प्रेरणा बताते हुए कहते हैं कि ” हज़रत मोहम्मद सल० फरमाते हैं की किसी ने एक भी बेकसूर इंसान की जान ली तो उसका मतलब उसने पूरी इंसानियत का कत्ल कर दिया।” चौहान कहते हैं कि कि उसी तरह अगर एक भी इंसान की जान बचा ली जाए तो उससे पूरी इंसानियत की जान बचा लेना मुराद होगा। उन्होंने किसी भी तरह के प्रचार और प्रसार से खुद को दूर रखते हुए कहा कि हम जो कर रहे हैं उसका बदला हमे खुदा देगा, बाकी हमें किसी से कुछ नहीं चाहिए”।
ऐसी ही एक दूसरी कहानी है इंदौर में रहने वाले जफर मंसूरी की भी हैं । जिन्होंने बढ़ते हुए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग को देखकर जरूरतमंदों के लिए दोनो चीज़ों को मुफ्त मुहैया कराने का भार खुद के कंधों पर उठा लिया। जफर मंसूरी इंडियन इंजीनियरिंग वर्क्स कंपनी के एमडी हैं।
इंदौर प्रशासन ने उनसे आग्रह किया था कि वो अपने फैक्ट्री के ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा दें तो जफर मंसूरी ने इस महामारी के काल में न सिर्फ रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा दिया बल्कि उसका कोई भी किराया लेने से भी साफ इंकार कर दिया और मुफ्त में ही लोगों की जान बचाने में मदद करने लगे। लोगों की खिदमत करने वाले मंसूरी ने कहा कि, “संकट के समय सबको प्रशासन और जरूरतमंदो की मदद करनी चाहिए।