आकिल हुसैन।Twocircles.net
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगाते हुए छह पत्रकारों और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया है। गलत खबर फैलाने के आरोप में उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन पर शशि थरूर के अलावा पत्रकार मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई, विनोद जोसे, ज़फ़र आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की है। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन सबने गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित किसान ट्रैक्टर रैली से संबंधित गलत खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। सामाजिक वैमनस्य फैलाने का सब पर आरोप लगाया गया है। देशद्रोह के साथ साथ आपराधिक षडयंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस को दी गई शिकायत में नोएडा के रहने वाले अर्पित मिश्रा ने यह शिकायत दर्ज कराई है,कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा से वो बहुत आहत हुए हैं। इन सबके पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात है। शिकायतकर्ता ने इन सभी पर उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर 7 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मौत की गलत जानकारी देकर प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़काने की कोशिश की गई।
दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौकेे पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान ITO पर एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई थी। हालांकि किसानों ने पुलिस की गोली से उसकी मौत की बात कही और इसी दावे को लेकर शशि थरूर और सरदेसाई समेत तमाम लोगों ने ट्वीट किया था।
अर्पित मिश्रा ने पुलिस में शिकायत में कहा कि कुछ पत्रकारों ने लोगों को भ्रमित करने के इरादे से एक संदेश इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया। इससे समाज में माहौल बिगड़ने की आशंका है। साथ ही संदेश में यह भी बताया गया कि पुलिस की गोली लगने से एक आंदोलनकारी की मौत हुई है।
दर्ज एफआईआर में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के अलावा वरिष्ठ पत्रकारों में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय, जफर आगा, परेशनाथ, अनंत नाथ व विनोद को उनके “डिजिटल प्रसारण” और “सोशल मीडिया पोस्ट” के लिए आरोपी बनाया गया है। एफआईआर के मुताबिक, इन लोगों ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि लाल किले की घेराबंदी और ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा में दिल्ली पुलिस ने एक किसान को गोली मार दी थी।
शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 295ए, 298, 504, 506, 505, 124ए, 34, 120बी और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं। इनमें राजद्रोह, हिंसा भड़काने, आशांति फैलाने तथा आई टी एक्ट की धाराएं शामिल हैं।
कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पत्रकारों एवं जनप्रतिनिधियों को एफआईआर कर धमकाना बहुत ही खतरनाक है। लोकतंत्र का सम्मान सरकार की मर्ज़ी नही बल्कि उसका दायित्व है। भय का माहौल लोकतंत्र के लिए ज़हर के समान है। भाजपा सरकार ने वरिष्ठ पत्रकारों व जन प्रतिनिधियों को धमकाने के लिए एफआईआर करके लोकतंत्र की मर्यादा को तार तार किया है।