‘नीट’ में ओबीसी आरक्षण को लेकर भीम आर्मी का प्रदर्शन

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

देशभर में मेडिकल परीक्षा नीट में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करे जाने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा हैं। राजनैतिक दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने नीट परीक्षा से ओबीसी आरक्षण खत्म करे जाने के विरोध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन करा हैं। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए सरकार को आगाह करा कि अगर आरक्षण लागू नहीं करा गया तो और बड़े प्रदर्शन आयोजित करे जाएंगे। इससे पहले भी आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण दोबारा लागू करने की मांग करी थी।


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केंद्र की मोदी सरकार ने नीट परीक्षा की तारीख का ऐलान करते हुए नीट परीक्षा में इस बार ओबीसी आरक्षण ख़त्म कर दिया हैं। सरकार के अनुसार जब तक ओबीसी आरक्षण का मामला अदालत में हैं तब तक के लिए ओबीसी आरक्षण को ख़त्म करा हैं। सरकार के इस ऐलान के बाद तमाम दलित संगठनों और विपक्षी दल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

आज आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन करा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग एकजुट हुए और सरकार से नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग करी हैं। प्रदर्शन कर रहे आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

भीम आर्मी दिल्ली के अध्यक्ष हिमांशु वाल्मिकी ने इस दौरान केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। हिमांशु वाल्मिकी ने कहा कि अगर मोदी सरकार इस मामले में झुकती नहीं है और ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करतीं हैं तो सरकार आगे और बड़े आंदोलनों के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करें क्योंकि यह मामला 50-60 करोड़ लोगों से जुड़ा है।

हिमांशु वाल्मिकी ने कहा कि यह 52% लोगों की और उनकी आने वाली पीढ़ियों का मामला है। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में बैठने वाले 12-15 हज़ार बच्चों की जिंदगी का और उनके भविष्य से यह जुड़ा हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग करी हैं कि दलित समाज के अधिकारों की हकमारी न करी जाए और ओबीसी आरक्षण को लागू करा जाए। हिमांशु वाल्मिकी ने सवाल उठाते हुए कहा कि OBC की जनंसख्या 52% है, लेकिन आरक्षण सिर्फ़ 27% ही क्यों हैं।

इससे पहले आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग कर चुके हैं। चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि नीट के ऑल इंडिया कोटा में भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को राज्‍य स्‍तर पर खत्‍म किया जाना गैर संवैधानिक हैं। चंद्रशेखर आजाद ने कहा हैं कि नीट में ओबीसी का आरक्षण राज्‍य स्‍तर पर लागू करें, वरना हम इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में चंद्रशेखर ने कहा कि ओबीसी भारत का सबसे बड़ा सामाजिक समूह है जिसमें देश के कम से कम 70 करोड़ लोग हैं। सरकार उनकी शिक्षा की आकांक्षाओं को कुचलकर क्या हासिल करना चाहती है? और किसे खुश करना चाहती हैं ? ये समझना मुश्किल है। उन्होंने पत्र में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा हैं कि आप खुद भी दावा करते हैं कि आप पिछड़ी जाति के हैं लेकिन नीट पर आपकी सरकार जैसा व्यवहार कर रही है, उससे लगता नहीं है कि आपकी सरकार ओबीसी का भला चाहती है।

चंद्रशेखर आज़ाद ने पत्र में कहा है कि सरकार का ये कदम संविधान के अनुच्‍छेद 15 (4), 16 (4) और केंद्रीय शिक्षा संस्‍थानों में आरक्षण कानून 2006 का उल्‍लंघन है। उन्होंने कहा है कि यह कानून कहता है कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण संविधान के भाग 16 और अनुच्‍छेद 340 के आधार पर मंडल कमिशन के माध्‍यम से आया है।

देश के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने भी नीट में ओबीसी आरक्षण को लेकर देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर मांग की थी कि ओबीसी से जुड़े सलोनी कुमारी केस का जल्द निपटारा किया जाए‌ और ओबीसी आरक्षण को दोबारा लागू करा जाए। दरअसल मोदी सरकार ने कोर्ट में केस पेंडिंग होने का हवाला देकर इस बार नीट में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया है जिससे ओबीसी समाज के हज़ारों कैंडिडेट डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।

बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के छात्रों को डॉक्टर नहीं बनने देना चाहती। उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस ने कभी ओबीसी समाज का भला नहीं चाहा और मोदी सरकार ने ओबीसी समाज की पीठ में केवल छुरा घोंपने का काम किया हैं।

इस मामले में तमाम समाजिक, छात्र और दलित संगठन आगे आए हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस मामले को परीक्षा से पहले निपटाने की अपील करी हैं। नीट परीक्षा का आयोजन इस वर्ष 12 सितंबर को किया जाएगा।

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