रामनवमी शोभायात्रा के दौरान देश भर में हुई हिंसा पैदा कर रही है बड़ी चिंता !

आकिल हुसैन। Two circles.net

देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को बाला जी शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया था। इससे पहले देश के कई राज्यों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान साम्प्रदायिक घटनाओं के अलग अलग मामले सामने आए थे। मौजूदा हालात गंभीरता को बयान करते हैं। कांग्रेस समेत देश की 13 राजनीतिक पार्टियों ने सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर पत्र लिखा है। यह घटनाएं राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात राज्यों के कई जिलों में सामने आई है। इसके अलावा बिहार, कर्नाटक, झारखंड से भी रामनवमी पर संप्रदायिक घटनाएं सामने आई है। इन घटनाओं के दौरान में कई मस्जिदें, मजारें, दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई है । इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहें हैं। वायरल हो रहे वीडियो से माहौल और भी अधिक नकारात्मक बना है।

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मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में दो जगह साम्प्रदायिक हिंसा हुई। पहली घटना खरगोन जिले की हैं जहां पर रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी। खबर के मुताबिक खरगोन के तालाब चौक और तवड़ी इलाके के बीच रामनवमी का जूलूस निकल रहा था तभी जुलूस में बज रहे डीजे पर समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति जताई और जिसके कारण दोनों पक्षों में विवाद उत्पन्न हो गया। इसी बीच कुछ लोगों द्वारा एक दूसरे पक्षों पर पथराव किया गया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।

हिंसा के दौरान लगभग 20 से ज़्यादा मकानों और दुकानों को निशाना बनाया गया और आगजनी की गईं, इनमें अधिकतर मुसलमानों के दुकान व मकान शामिल हैं। हिंसा के दौरान कई मस्जिदों को भी निशाना बनाया गया जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें हैं।‌ हिंसा में 6 पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हुए। हिंसा को काबू में करने के लिए प्रशासन को तालाब चौक, गौशाला मार्ग, मोतीपुरा, स्टेडियम के पीछे, टावर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 34 एफआईआर दर्ज की है जिसमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोगों के नाम हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 110 लोगों को दंगे के आरोप में गिरफ्तार भी किया है।

मध्यप्रदेश में दूसरी घटना बड़वानी जिले के सेंधवा में हुई। सेंधवा के जोगवाड़ा रोड स्थित मस्जिद के पास से डीजे के साथ रामनवमी का जूलूस निकल रहा था,तभी वहां लोगों ने डीजे पर आपत्ति जताई जिसके उपरांत पथराव आरंभ हुआ और हिंसा में तब्दील हो गया। हिंसा में लगभग 8 लोग घायल हुए जिसमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।‌ पुलिस ने इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज की जिसमें आधा सैकड़ा लोग नामजद किए गए।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के आदेश पर प्रशासन ने मात्र एफआईआर दर्ज करने के बाद हिंसा के आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया। लगभग 90 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाकर खत्म कर दिया गया। जिन मकानों व दुकानों पर बुलडोजर चला हैं वे ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों के हैं। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाने पर राजनीति भी गर्म हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे गैर-कानूनी करार दिया है।

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एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एमपी सरकार के इस एक्शन को गैर-कानूनी करार दिया। उन्‍होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से राज्य की मिलीभगत हिंसा है। यह जिनेवा कन्वेंशन का गंभीर उल्लंघन है। मध्य प्रदेश सरकार ने किस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय के घरों को ध्वस्त कर दिया है? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।

गुजरात

गुजरात के आणंद जिले के खंभात और साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रामनवमी के जूलूस के दौरान जमकर संप्रदायिक हिंसा हुई। पुलिस का कहना है कि हिम्मतनगर के छपरिया इलाके में रामनवमी पर एक जुलूस के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। पथराव का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार जुलूस में शामिल विश्व हिन्दू परिषद के लोगों ने मुस्लिम इलाकों से गुजरते वक्त अपत्तिजनक नारेबाजी की, जिसके बाद टकराव शुरू हुआ था। हिम्मतनगर में हिंसा तब हुई जब राम नवमी जुलूस मुस्लिम के प्रभाव वाले इलाके छपरिया में प्रवेश किया और आपत्तिजनक नारे लगाए गए।

दोनों पक्षों के बीच टकराव पथराव और आगजनी में बदल गया। पुलिस को स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। हिंसा में हिंदूवादी संगठनों की भीड़ द्वारा एक दरगाह में आग लगाने का भी मामला सामने आया है। दरगाह में आग लगाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके अलावा कई गाड़ियों, घरों और दुकानों में भी जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई।

हिंसा में लगभग 10 से ज़्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिसमें एसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। हिंसा के कारण खंभात इलाके में 65 साल के एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुईं हैं। हिम्मतनगर और खंभात की घटना में संलिप्तता के कारण अब तक 39 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार करें गए लोगों में ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय के हैं।

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झारखंड

रामनवमी के जूलूस के दौरान झारखंड के लोहरदगा जिले से संप्रदायिक हिंसा का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक लोहरदगा के कुजरा क्षेत्र में रामनवमी की शोभायात्रा नारेबाजी के साथ निकल रहीं थी और वही पास रामनवमी का मेला भी लगा हुआ था। तभी कब्रिस्तान के पास दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने वहां पर नारेबाजी नहीं करने के लिए कहा। जिसके बाद दोनों पक्षों के लोगों के बीच टकराव उप्तन्न हो गया और एक दूसरे पर पथराव शुरू हो गया।

पथराव के बाद दो घरों, मिठाई की दुकान, पिकअप वाहन और बाइको में आग लगा दी‌ गईं। कुछ लोगों ने हिंसा के दौरान पत्थरबाजी के साथ-साथ लाठी-डंडों व धारदार हथियार से भी हमला किया। हिंसा में लगभग 6 लोगों के घायल होने की खबर हैं,दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में दोनों पक्षों के लोग शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के बांकुरा में राम नवमी जुलूस के दौरान काफी बवाल हुआ। स्थानीय पुलिस ने रामनवमी जूलूस के आयोजको से मस्जिद के सामने से जूलूस न निकालने की सलाह दी थी। लेकिन जूलूस में शामिल लोगों ने पुलिस की बात को नकारते हुए मस्जिद के पास से ही जूलूस निकाला। जिसके बाद दोनों समुदायों के लोगों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ और एक दूसरे पर पथराव शुरू हो गया।

हिंसा के दौरान कई वाहनों को आग के हवाले भी किया गया। उपद्रवियों द्वारा कई दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई। हिंसा में पथराव और भगदड़ के कारण 10 लोग घायल भी हुए। इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

बिहार

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के मोहम्मदपुर गांव में डाक बंगला मस्जिद के सामने से रामनवमी का जूलूस निकाला जा रहा था। जूलूस में शामिल एक शख्स ने मस्जिद की दीवार पर चढ़कर उसके गेट के ऊपर भगवा झंडा लगाकर संप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की, लेकिन गनीमत रहीं कि कोई हिंसा नहीं हुई।

मस्जिद की दीवार पर चढ़कर भगवा झंडा लगाने का वीडियो सोशल मीडिया में भी तैर रहा है। वीडियो में तलवार और हॉकी स्टिक लहराते कई बाइक सवारों को युवक का उत्साहवर्द्धन करते देखा जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए तीन उपद्रवियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।

राजस्थान

इससे पहले राजस्थान में बीते 2 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के दिन हिंदूवादी संगठनों द्वारा रैली के दौरान भी संप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। राजस्थान के करौली शहर में हिंदूवादी संगठनों द्वारा मुस्लिम बहुल इलाके से रैली निकाली जा रही थी, जानकारी के अनुसार रैली में शामिल एक डीजे गाड़ी से कथित तौर पर मुसलमानों को लेकर विवादित गाने बज रहे थे। गाने को लेकर मुसलमानों ने आपत्ति जताई जिसके बाद तनाव उत्पन्न हो गया और कुछ शरारती तत्वों द्वारा पथराव किया गया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा में कई दुकानों, मकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान उपद्रवियों द्वारा जमकर तोड़फोड़ भी की गई। प्रशासन द कर्फ्यू लगाकर हिंसा पर

करौली में हुई संप्रदायिक घटना में लगभग 40 लोग घायल भी हुए। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विभिन्न मुकदमों के तहत 45 लोगों को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार भी किया। करौली में हुई हिंसा में क्षतिग्रस्त ज़्यादातर मकान और दुकान मुस्लिम समुदाय के लोगों के हैं।

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने करौली हिंसा के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में घटी यह घटना गहलोत सरकार के कानून और व्यवस्था की असफलता है। उन्होंने कहा कि यह घटना राजस्थान सरकार की नाकामी को दर्शाती है। उनकी लापरवाही के कारण ही सांप्रदायिक दंगा हुआ और मुस्लिम समुदाय को हिंसा का शिकार होना पड़ा।

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