वंचितों की नायिका पल्लवी पटेल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हराया

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

डॉक्टर पल्लवी पटेल ने सिराथू विधानसभा क्षेत्र से पूर्व डिप्टी सीएम और प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य को हराकर एक इतिहास सा रच दिया है। समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार रही पल्लवी पटेल ने शानदार 106278 मतों की एक भारी संख्या को अपने हिस्से में किया, जोकि कुल मतों का 46.49% है। दूसरी तरफ, केशव प्रसाद मौर्य को 98941 मत ही प्राप्त हो सके, जोकि 43.28% है।


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इसके अलावा बाकी कोई भी राजनीतिक दल अपना कमाल दिखा पाने में असक्षम रही। बसपा के मुनसाब अली को 10073 मत प्राप्त हुए, तो आईएनसी के सीमा देवी को मात्र 845 मत ही प्राप्त हुए। बाकी कुछ गिनती के आज़ाद उम्मीदवार ही हज़ार मतों का आंकड़ा पार कर सकें। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 228626 मत पड़े थें।

पल्लवी पटेल केशव पिछड़े समाज से आती हैं, जिन्होंने यहां जीत दर्ज करवाकर लोगों के सामने अपनी लोकप्रियता को ज़ाहिर करवाया है। ज्ञात होकि, डिप्टी सीएम के इस क्षेत्र से प्रत्याशी होने की वजह से इस सीट पर लगातार लोगों की नज़रें बनी हुई थी। और सिराथू विधानसभा को राज्य के महत्वपूर्ण सीटों में गिना जा रहा था।

समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनी पल्लवी का संबंध दरअसल “अपना दल (कामेरावाड़ी)” से है। जिसे उन्होंने और उनकी मां कृष्णा पटेल ने कुछ साल पहले, अपनी बड़ी बहन, अनुप्रिया पटेल के साथ हुए मतभेदों के बाद बनाया था। लेकिन उन्होंने सहयोगी दल, सपा के प्रतीक का उपयोग कर चुनाव लड़ा। बता दें कि बहन, अनुप्रिया की पार्टी, अपना दल (सोनेलाल) भाजपा के साथ गठबंधन में थी।

सिराथू विधानसभा, फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जो पल्लवी और अनुप्रिया पटेल के पिता सोनेलाल पटेल द्वारा एक बार पहले जीता जा चुका है।

पटेल (कुर्मी जाति) के मतदाताओं की एक बड़ी संख्या को देखते हुए, पहले भी पल्लवी द्वारा मौर्य को कड़ी टक्कर देने की बात सामने आई थी।

वर्ष 2008 में पल्लवी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत किया था। जिसके बाद, 2009 में, पिछड़ों और खासकर कुर्मी समुदाय के बड़े नेता रहे, पिता सोनेलाल पटेल की मृत्यु के बाद उनकी मां कृष्णा पटेल ने “अपना दल” का भार अध्यक्ष के रूप में संभाला था। उस समय उनकी बहन अनुप्रिया, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव बनीं थीं।

वर्ष 2014 में जब पल्लवी पटेल को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया तो ये बात उनकी बहन अनुप्रिया को नागवार गुज़री। फिर बढ़ते मतभेदों के साथ, वर्ष 2016 में दोनो बहनों के बीच पार्टी बंट गई। जहां अनुप्रिया पटेल ने “अपना दल (सोनेवाल)” बनाया, तो वहीं पल्लवी पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल ने “अपना दल (कमेरावादी)” बनाया।

पल्लवी पटेल की जीत के बाद इलाके में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है। हालांकि, खबर लिखते समय तक, समाजवादी पार्टी की हार निश्चित दिख रही है। लेकिन उसके बावजूद समाजवादी पार्टी कई महत्वपूर्ण सीटों पर कब्ज़ा जमा पाने में कामयाब दिखी है।

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