अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
पटना: बिहार में महागठबंधन की शानदार जीत के बाद मुस्लिम नेतृत्व के सबसे बड़े व चर्चित चेहरा बनकर उभर रहे अब्दुल बारी सिद्दीक़ी से TwoCircles.net ने बात की. उनसे यह जानने की कोशिश की कि अल्पसंख्यक आबादी के लिए उनके व उनकी सरकार के पास क्या है? मुसलमानों के विकास की योजना है?
इसी बीच बात-बात में चर्चा इस बात पर भी कि क्या वो प्रांत के डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं? तो इस पर अब्दुल बारी सिद्दीक़ी का कहना था कि यह ख़बर मीडिया अपने अंदाज़ पर चला रही है कि मैं डिप्टी सीएम बनूंगा. यह तो गठबंधन के नेता तय करेंगे कि कौन क्या बनेगा?
बातचीत में उन्होंने यह भी कहा, ‘हम लोग ईमान पर भी यक़ीन करते हैं और ऊपर वाले पर भी. जो होता है, उसकी मर्ज़ी से होता है. हमलोग सिर्फ़ कोशिश करते हैं.’ हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वो कोई भी कोशिश फिलहाल नहीं कर रहे हैं.
उनका स्पष्ट तौर पर कहना था, ‘पार्टी जो तय करेगी, उसे मैं मानूंगा. उस मानने में कोई मलाल नहीं होगा.’ हालांकि एक लंबी बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी या गठबंधन अगर उन्हें डिप्टी सीएम बनाता है तो वे ज़रूर बनेंगे. आख़िर कौन नेता नहीं चाहता कि उसे सरकार में शीर्ष का पद मिले.
स्पष्ट रहे कि सूत्रों के हवाले से TwoCircles.net को यह ख़बर मिली थी कि अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को बिहार का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. पार्टी में इस बात की चर्चा है कि अब्दुल बारी सिद्दीक़ी की वरीयता को देखते हुए उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.
अब्दुल बारी सिद्दीक़ी का नाम इससे पहले भी इस पद के लिए आ चुका है. फरवरी 2005 में भी जब रामविलास पासवान ने मुस्लिम मुख्यमंत्री की बात की थी तब अब्दुल बारी सिद्दीक़ी के नाम पर ही विचार किया गया था. हालांकि इस पर कई अटकलें भी सामने आ रही है और मीडिया में इस बात की भी चर्चा है कि लालू याजव यह पद अपने परिवार में किसी को दे सकते हैं. यह बात अलग है कि खुद लालू यादव एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में यह कह चुके हैं कि उनके दोनों बेटे अभी राजनीति सीखेंगे.
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