TwoCircles.net News Desk
पटना : जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की साज़िश के तहत गिरफ्तारी और देशद्रोह के झूठे मुक़दमें में फंसाने की केन्द्र सरकार की कार्रवाई और भाजपा-आरएसएस के गुंडों द्वारा छात्रों, पत्रकारों एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दल पर जारी हमलों से उत्पन्न स्थिति पर विचार करने के लिए छः वामपंथी दलों की संयुक्त बैठक भाकपा कार्यालय में संपन्न हुई. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि आगामी 23 फरवरी को बिहार के सारे वाम दल मिलकर प्रतिरोध दिवस मनाएंगे.
इस संयुक्त बैठक में 23 फरवरी को प्रतिरोध दिवस मनाने के फैसले के साथ-साथ निम्नलिखित निर्णय लिये गये:
1. कन्हैया कुमार को अविलंब रिहा किया जाये, देशद्रोह समेत सभी झूठे मुक़दमें छात्र नेताओं पर से वापस लिए जाएं तथा छात्रों, पत्रकारों एवं अन्य प्रबुद्ध लोगों पर हमला करने वाले संघी गुंडा तत्वों को गिरफ्तार कर कठोर दंड दिए जाए.
2. जेएनयू समेत सभी विश्वविद्यालयों में पुलिस बल के प्रवेश पर रोक लगाई जाए तथा विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता अक्षुण्ण रखी जाए. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार बंद हो.
3. भाजपा-संघ परिवार द्वारा वामपंथ के विरूद्ध जारी फासीवादी हमलों का हर स्तर पर प्रतिरोध किए जाए, संयुक्त कार्रवाइयां की जाए.
इस बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता विजयकांत ठाकुर ने की, जिसमें भाकपा की ओर राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह, जब्बार आलम, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, रामबाबू कुमार, अखिलेश कुमार, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव अवधेश कुमार, अरूण कुमार मिश्र, सीपीआई (एमएल) के राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, राजाराम, एसयूसीआई (सी) के अरूण कुमार सिंह, फारवर्ड ब्लॉक के अशोक प्रसाद, टी.एन. आजाद और आरएसपी के महेश प्रसाद शामिल हुए.