TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी मैसेजिंग सर्विस वाट्सऐप पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए कल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है. ऐसा कदम लेने वाले सुधीर यादव ने कहा है कि वाट्सऐप के मौजूदा अपडेट से सुरक्षा की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
आरटीआई एक्टिविस्ट सुधीर यादव ने पहले सूचना के अधिकार के तहत वाट्सऐप के हालिया अपडेट से जुड़ी जानकारी मांगी थी. जानकारी न मिलने पर सुधीर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में वाट्सऐप पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए याचिका दायर कर दी.
इस याचिका के सम्बन्ध में सुधीर का कहना है, ‘यह देश की सुरक्षा का मुद्दा है. मान लीजिए कोई आतंकवादी गतिविधि प्लान की जा रही है और उसे लेकर सारी बातचीत वाट्सऐप पर हो रही हो, तो ऐसे में भारत का खुफ़िया तंत्र तो हाथ पर हाथ धरा रह जाएगा.’
क्या है वाट्सऐप का नया अपडेट?
मैसेजिंग सर्विस वाट्सऐप अब फेसबुक का हिस्सा है. अपने हालिया अपडेट में वाट्सऐप ने end-to-end encryption की सुविधा अपने करोड़ों यूज़र्स को दी है. यह इन्क्रिप्शन 256 बिट्स लम्बी की से जुड़ा हुआ है. आम भाषा में कहें तो सन्देश भेजने और सन्देश पाने वाला ही उस सन्देश को पढ़ सकता है. ऐसे में कोई चाहकर भी यूज़र के वाट्सऐप को हैक नहीं कर सकता है. इतना ही नहीं, वाट्सऐप की इस सुरक्षा सुविधा से कोई भी सरकार अपने नागरिकों के सन्देश नहीं पढ़ सकती है. और यदि भविष्य में यदि सरकारें वाट्सऐप से नागरिकों के सन्देश मुहैया कराने को कहती हैं, तो चाहकर भी वाट्सऐप ऐसा नहीं कर सकता है.
क्या कहते हैं सुधीर यादव?
हाल में ही एक वेबसाइट ‘मीडियानामा’ को दिए अपने इंटरव्यू में सुधीर कहते हैं, ‘सुरक्षा ज़रूरी है. लेकिन वाट्सऐप ने ऐसा इन्क्रिप्शन ला दिया है, जिसके चलते खुद वाट्सऐप भी यूज़र के सन्देश नहीं पढ़ सकता है. राष्ट्रीय सुरक्षा और किसी आपात स्थिति के दौर में यदि सरकार और खुफिया तंत्र वाट्सऐप के माध्यम से तफ़्तीश करना चाहें तो नहीं कर सकते हैं.’
सुधीर का कहना है, ‘हमें बाहर पाकिस्तान और आईएसआईएस से ख़तरा है तो अपने घर में नक्सलवादियों से भी हमें ख़तरा है. वाट्सऐप के नए टूल के आधार पर सरकारें तो सुरक्षा जांच में नाकाम साबित होंगी.’ इसके पहले सुधीर प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चों को सरकार स्कूल में पढ़ाने से संबंधी याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर कर चुके हैं.
नियमों की जानकारी देते हुए सुधीर कहते हैं, ‘इंडियन टेलीग्राम एक्ट(1885) के अनुच्छेद 5(2) के तहत सरकार राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति के दौरान कभी भी चाहे तो नागरिकों के सन्देश पढ़ सकती है. इसी तरह 1991 के इन्डियन टेलीग्राफ रूल के मुताबिक़ भारत में सरकार द्वारा फोन टैप करना गैर-कानूनी नहीं है.’
कई विकासशील देशों में वाट्सऐप के इस नए अपडेट का विरोध शुरू हुआ है. ब्राजील में कल अदालत ने वाट्सऐप पर तीन दिनों तक रोक लगा दी है. दरअसल किसी ड्रग्स के केस में फेसबुक और वाट्सऐप से जानकारी की मांग की गयी. लेकिन अपने हालिया encryption के बाद वाट्सऐप यह जानकारी अदालत को मुहैया नहीं करा सका. लिहाजा ब्राजील ने 72 घंटों तक वाट्सऐप पर प्रतिबन्ध लगा दिया.