यूपी में मदरसा शिक्षकों के वेतन पर संकट

TwoCircles.net News Desk

लखनऊ : ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारा देने वाली भाजपा सरकार के राज में पूरे उत्तर प्रदेश के मदरसा शिक्षकों का भविष्य संकट में है. वेतन के अभाव में ये शिक्षक भूखमरी के कगार पर हैं.


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बताते चलें कि राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त मदरसों के शिक्षक व कर्मचारियों को बीते फ़रवरी 2017 से वेतन नहीं मिल सका है. इस वजह से प्रदेश के 58 ज़िलों के 560 मदरसों के दस हज़ार से अधिक शिक्षक व कर्मचारियों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

इस मामले में ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया ने मदरसों के शिक्षकों के वेतन को लेकर यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री को ख़त लिखा है. इस ख़त में योगी सरकार से कहा गया है मदरसे की टीचर्स को फ़रवरी 2017 से वेतन नहीं दिया गया है. नतीजतन मदरसों के कर्मचारियों का परिवार आर्थिक संकट से गुज़र रहा है.

ख़त में आगे कहा गया है कि हर साल वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही वेतन के अनुदान की धनराशि जनपदों को मिल जाती थी. लेकिन इस बार अभी तक धनराशी निदेशालय अल्पसंख्यक कल्याण, उत्तर-प्रदेश को प्राप्त नहीं हुई है.

ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, रमज़ान का महीना ख़त्म होने को है और ईद का त्योहार आने वाला है. मगर शासन के अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ़ विभाग के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं.

वहीदुल्लाह खान का यह भी आरोप है कि अप्रैल से अब तक अनुदानित मदरसों की केवल विभिन्न स्तर पर कमेटियां बनाकर जांच ही की जा रही है. जांच के नाम पर मदरसों का उत्पीड़न किया जा रहा है.

अपने बयान में उन्होंने कहा कि वेतन भुगतान के लिए निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण व ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को अनुदान की धनराशि अब तक जारी नहीं की गई है. हालांकि इस बारे में प्रदेश के वक्फ़ व हज मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा का कहना कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है. अनुदानित मदरसों के शिक्षकों और कर्मचारियों को फरवरी से वेतन भुगतान क्यों नहीं किया गया इस बारे में वह अधिकारियों से बात करके ही कुछ कह पाएंगे.

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