TwoCircles.net News Desk
नई दिल्ली : आज से 100 साल पहले चम्पारण के किसानों का दर्द जान गांधी 1917 में पहला सत्याग्रह करने चले आए. सत्याग्रह के अनुभवों व परिणामों ने तो आज़ादी के लड़ाई का कलेवर ही बदल दिया. यह आज़ादी के दीवानों की पहली बड़ी कामयाबी थी.
इसी चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत ने शनिवार, दिनांक 22 जुलाई, 2017 को ‘चम्पारण सत्याग्रह के सौ साल’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया है.
इस सेमिनार में विशेष वक्ता के तौर पर देश के जाने-माने सीनियर पत्रकार व लेखक अरविन्द मोहन, मधुकर उपाध्याय, राज्यसभा टीवी से जुड़े सीनियर पत्रकार क़ुर्बान अली और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रो. मोहम्मद सज्जाद के नाम शामिल हैं.
इस सेमिनार के दौरान TwoCircles.net से जुड़े अफ़रोज़ आलम साहिल के ज़रिए चम्पारण सत्याग्रह के अहम नायक पर लिखी एक किताब ‘शेख़ गुलाब : नील आन्दोलन के एक नायक’ का लोकार्पण भी किया जाएगा.
यह कार्यक्रम अबुल फ़ज़ल स्थित ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत के दफ़्तर में सुबह के 10.30 बजे शुरू होगी.