आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
बिजनौर : भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार आने के बाद प्रदेश की हर सरकारी इमारतों को भगवा रंग में रंगने की क़वायद चल पड़ी है. सरकार के मुख्य सचिवालय ‘लाल बहादुर शास्त्री भवन’ भगवा रंग में रंगे जाने के बाद हर सरकारी भवन को भगवा रंग में रंगा जाने लगा है.
कुछ अफ़सर खुद सरकार का वफ़ादार दिखाने के लिए भी ऐसा कर रहे हैं. बिना आदेश के बिजनौर जनपद के अफ़ज़लगढ़ थाने को पिछले सप्ताह वहां के थाना प्रभारी प्रेमवीर राणा ने भगवा रंग में रंगवा दिया था, अब उन्हें बिजनौर ज़िले से ही हटा दिया गया है.
प्रेमवीर सिंह राणा काफ़ी चर्चित और विवादित थानेदार हैं. उन पर साम्प्रदयिक होने आरोप हमेशा से लगता रहा है.
पिछले सप्ताह तक वो अफ़ज़लगढ़ थाने के प्रभारी थे. अब एसपी बिजनौर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से लखनऊ के लिए रिलीव कर दिया है. एसपी प्रभाकर चौधरी के मुताबिक़ उनके हटाए जाने का आदेश ऊपर से आया था.
प्रेमवीर राणा पिछले 2 सालों से बिजनोर में थे. कई साम्प्रदायिक वजहों को लेकर चर्चा में रहे. बिजनौर के बेहद चर्चित ‘पैंदा हत्याकाण्ड’ के बाद बिजनौर कोतवाली में उनकी तैनाती हुई थी, जहां उन पर आरोपियों के पक्ष में पीड़ितों को धमकाकर फैसले के लिए मजबूर करने के आरोप लगे थे. वहीं एक विवाद में उन्हें लाईन हाज़िर किया गया था.
इससे पहले प्रेमवीर राणा सहारनपुर में तैनात रहें. वहां भी वो मज़हबी भेदभाव को लेकर चर्चित रहें. वहां के एक क्षेत्र रामपुर मनिहारान के थाना प्रभारी रहते समय वो जूते पहनकर मस्जिद में घुस गए थे, जहां भीड़ नाराज हो गई. इसके बाद उन्होंने सीधे गोली चला दी जिससे एक मुस्लिम युवक की मौत हो गई.
बता दें कि बिजनौर में विभिन्न थानों में साफ़-सफ़ाई और रंगाई-पुताई का काम चल रहा है. इसी क्रम में प्रेमवीर राणा ने अफ़ज़लगढ़ थाना को भगवा रंग में पुतवा दिया था.