TwoCircles.net News Desk
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को अम्बेडकर महासभा से ‘दलित मित्र सम्मान’ देने का विरोध करने पर अभी-अभी पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी को गिरफ़्तार कर लिया गया है. इनके साथ हरीश चंद्र, एन.एस. चौरसिया और गजोदर प्रसाद की भी गिरफ़्तारी हुई है.
उत्तर प्रदेश की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब ने इस गिरफ़्तारी को गैर-लोकतांत्रिक क़रार दिया है.
उन्होंने कहा कि दारापुरी और उनके साथियों की गिरफ्तारी ने जगज़ाहिर कर दिया कि योगी कितने बड़े दलित मित्र हैं.
उन्होंने बताया कि एस.आर. दारापुरी ने फोन पर बताया है कि पुलिस उन्हें बख्शी तालाब, सीतापुर की ओर कहीं ले जा रही है.
एडवोकेट मुहम्मद शुऐब के मुताबिक़, दारापुरी और उनके साथ हरिशचन्द्र, गजोधर प्रसाद, एन.एस. चैरसिया को उस वक़्त गिरफ्तार किया गया है, जब वे अम्बेडकर महासभा में जा रहे थे.
दरअसल, डा. लाल जी निर्मल जो दलित मित्र का सम्मान दे रहे हैं, उनका दारापुरी ने विरोध किया था. डा. निर्मल ने इन लोगों के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत प्रशासन को दी थी कि ये लोग प्रोग्राम डिस्टर्ब करने वाले हैं.
एस.आर. दारापुरी ने योगी को दलित मित्र का सम्मान देने को अवैधानिक बताया था.
दारापुरी का कहना है कि इस ‘सम्मान’ को लेकर महासभा के पदाधिकारियों द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इस सरकार में दलितों पर जब इतना अत्याचार किया जा रहा है तो ऐसे में योगी जी को हम किसी भी हालत में ‘दलित मित्र’ नहीं मानते हैं.
उनका कहना है कि 2 अप्रैल का जो भारत बंद था, उसको लेकर मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर, हापुड़, बुलंदशहर, सहारनपुर में जो ज्यादतियां की गई हैं. जिस तरह हज़ारों दलितों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए हैं, सैकड़ों की गिरफ्तारियां की गई है. हालात ऐसे हैं कि इन ज़िलों के दलित घर छोड़कर भगे हुए हैं. नौजवानों का उत्पीड़न किया जा रहा है. ऐसे में योगी कैसे दलितों के मित्र हो सकते हैं.