आसमोहम्मद कैफ-Twocircles.net
केंद्र सरकार द्वारा गरीब सवर्ण जातियों को 10 फीसद आरक्षण दिए जाने के बिल को मंजूरी मिलने के बाद सवर्ण जातियों में तो खुशी है मगर दलितों में गहरी नाराजगी है.
दलित इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं !वो पूछते है कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नही है बल्कि हाशिए पर चले गए समाज का विशेष उद्धार हेतु है.
दलित समाज खराब व्यवस्था के कारण बुरी स्थिति में रहा है जिसे आरक्षण से व्यवस्था से मुख्यधारा में आने का अवसर मिला.गरीबी दूर करने के लिए दूसरी योजनाएं चलाई जानी चाहिए.आरक्षण प्रतिनिधित्व के लिए है.जबकि सवर्ण जातियों के पास पहले से सर्वाधिक प्रतिनिधित्व है.
विभिन्न वर्गों और आयु के दलित इसपर एक राय है वो पूछते है कि अक्सर आरक्षण पाने वाले दलितो की प्रतिभा पर सवाल खड़े किए जाते थे और उन्हें भिखारी कहा जाता था अब इन सवर्ण जातियों को क्या कहा जायेगा!
देखिए यह रिपोर्ट
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