आसमोहम्मद कैफ़, twocircles.net
रामपुर। समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान से सीतापुर जेल में मिलने पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा है कि “उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से उनकी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को लगातार परेशान किया जा रहा है। उनके विरुद्ध झूठे मुक़दमे लिखे जा रहे हैं। उनकी बीमार पत्नी को भी जेल भेज दिया है। यह ठीक नही हो रहा है। द्वेष भावना के साथ की जा रही यह कार्रवाई उचित नही। समाजवादी पार्टी इसके ख़िलाफ़ रणनीति बनाकर लड़ाई लड़ेगी। हमें अदालत में पूरा विश्वास है। उम्मीद है आज़म साहब को न्याय मिलेगा।”
आज़म ख़ान समाजवादी पार्टी के क़द्दावर नेता हैंं। बुधवार दोपहर बाद उन्हें रामपुर की जेल भेजा गया था और गुरुवार की सुबह ही उन्हें सीतापुर की जेल में शिफ्ट किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोपहर बाद आज़म खान से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे थे। आज़म ख़ान से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से दो टूक कहा कि यह सरासर अत्याचार है।
इससे पहले आज सुबह जब आज़म खान को उनकी पत्नी तज़ीन फ़ातिमा और पुत्र अब्दुल्लाह आज़म के साथ सीतापुर जेल में शिफ़्ट किया गया तो तड़के से ही वहां जमा पत्रकारों ने आज़म खान से पूछा था, “ये आपके साथ क्या हो रहा है!” पत्रकारों को उम्मीद थी हमेशा बेबाक अंदाज रखने वाले आज़म ख़ान आज गिड़गिड़ाएंगे। कम से कम आज अपना रवैया सरकार के लिए नरम रखेंगे। मगर उन्होंने ऐसा नही किया। 71 साल के आज़म ख़ान की विद्यायक पत्नी तज़ीन फ़ातिमा को सहारे देकर चल रहे उनके बेटे भी अपने बाप के चेहरे को देखते रह गए। आज़म खान ने कहा, “आपको दिख नही रहा! क्या हो रहा है! सारा देश जानता है यह क्या हो रहा है, अब किसी से कुछ छुपा हुआ नही है मगर हर एक रात के बाद सुबह जरूर आती है।”
आज़म खान वर्तमान समय समाजवादी पार्टी से रामपुर से सांसद है। उन्होंने सिने अभिनेत्री जया प्रदा को हालिया लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी थी। वो रामपुर से 9 बार विद्यायक रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में वो बड़ा नाम है। बुधवार को उनके पुत्र अब्दुल्लाह आज़म के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। उनके पुत्र अब्दुल्लाह स्वार विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बन गए थे। उनकी सही उम्र को लेकर विवाद है। बताया जाता है कि अब्दुल्लाह के दो प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं जिनमे से एक जाली है।
इस मामले में दो महीने पहले एक स्थानीय भाजपा नेता आकाश ने शिकायत की थी। इसी सप्ताह पुलिस ने उनके मकान पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया था। कल वो अदालत के सामने पेश हुए थे और शाम को उन्हें जेल भेज दिया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि रामपुर में बिजली चमक रही है। आज भोर में ही उन्हें मुरादाबाद जेल से निकाल कर सीतापुर जेल में ले जाया गया। बताया जा रहा है कि ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया। उनके साथ उनकी विधायक पत्नी तज़ीन फ़ातिमा और बेटा अब्दुल्लाह भी है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और मुलायम सिंह यादव के दाहिने हाथ समझे जाने वाले आज़म ख़ान तीन दशक से हिन्दूवादी ताक़तों की आंख की किरकरी रहे हैं।उनके बयान अक्सर विवादों के केंद्र में रहते हैं। मीडिया ने उन्हें फायरब्रांड नेता का तमगा दे रखा है। 2017 में उत्तर प्रदेश मे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही वो बुरी तरह उलझे हुए हैं और फ़िलहाल उनके ख़िलाफ़ 80 मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के अनुसार सरकार उन्हें जानबूझकर अपमानित करने का काम कर रही है। वो एक बेहद ईमानदार राजनेता है। उन्होंने एक शानदार यूनिवर्सिटी बनाई है। बस यह यूनिवर्सिटी ही कुछ लोगो की आंख में खटक रही है।
आज़म ख़ान साहब ने जीवन भर सँघर्ष किया है और वो इससे टूटने वाले नही है। तक़लीफ़ यह है कि उनकी बीमार पत्नी को भी षड्यंत्र करके जेल भेजा गया है। यह पूरी तरह सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का मामला है। यह बदले की कार्रवाई है।
रामपुर में आज़म ख़ान की गिरफ्तारी को लेकर गहरा रोष है। यहां कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है। हालिया लोकसभा चुनाव में सरकारी अफसरों को ‘तनखिया’ बताकर जूते के फीते बंधवाने की बात कहने वाले आज़म ख़ान से स्थानीय अफ़सर नाराज़ बताए जाते हैं। यही कारण है उनकी यूनिवर्सिटी की एक दीवार भी हाल ही में बुलडोजर से ध्वस्त कराई गई है। आज़म ख़ान के विरुद्ध किसानों के जमीन अवैध तरीके से कब्ज़ाऊने के भी कई मुक़दमे दर्ज हुए हैं। इनमे किताब चुराने, मारपीट करने और बकरी और भैंस चुराने जैसे मामले भी है।
बता दें अखिलेश सरकार में आज़म खान को सुपर सीएम कहा जाता था। उनके मंत्री रहते उनकी भैंस चोरी होने पर पूरे जनपद की पुलिस को काम पर लगा दिया गया था। अब इत्तेफाक यह है कि ख़ुद उनके विरुद्ध भैंस चोरी का भी एक मुकदमा दर्ज किया गया है।
आज़म ख़ान के क़रीबी सहारनपुर के समाजवादी पार्टी के नेता फिरोज़ आफ़ताब के अनुसार पूरे देश मे बदले की कार्रवाई चल रही है। यह कार्रवाई भी लालू प्रसाद यादव और पी चिदंबरम की तरह राजनीतिक द्वेष से परिपूर्ण है। मगर आज़म ख़ान के अतीत को देखते हुए वो हिम्मत नही हारेंगे। वो आपातकाल के दौरान भी जेल में रहे हैं और उन्होंने अत्यधिक सँघर्ष किया है।
1974 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र संघ के सचिव रहने वाले आज़म खान वर्तमान में समाजवादी पार्टी के भी राष्ट्रीय महासचिव है। वो समाजवादी पार्टी के मुख्य मुस्लिम नेता माने जाते हैं। हालांकि उनके बयान से कई बार समाजवादी पार्टी असहज भी हुई है। बअक्सर उनकी तुनक मिज़ाजी भी चर्चा में रहती है। आज़म ख़ान ने रामपुर में मौलाना अली जौहर के नाम से एक यूनिवर्सिटी बनाई है। इसे अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिलाने के लिए उन्हें ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी।
रिक्शा यूनियन के नेता से मुख्य राजनीति की ओर आज़म ख़ान के राजनीतिक सफ़र में उनके नवाब ख़ानदान से टकराव को अहम माना जाता है। आज़म ख़ान के पिता एक मामूली टाइपराइटर थे। मगर आज़म ख़ान ने एएमयू से वकालत की पढ़ाई की और दबे कुचले और पिछड़े तबक़े की आवाज़ बन गए।
रामपुर में भी आज़म खान को परिवार सहित जेल भेजे जाने से भारी नाराजगी देखी जा रही है। आज़म खान अब यहां से सांसद है जबकि उनकी पत्नी विधायक हैंं। रामपुर के फ़य्याज़ खान कहते हैं, “आज़म साहब अपने समर्पण करने अदालत की शरण मेंं गए थे क्योंकि वो देश के कानून में भरोसा करते हैं। लेकिन उनके साथ इंसाफ नहींं हुआ। रामपुर के लोगोंं मे बहुत ग़ुस्सा है। हम उनके आदेश का इंतजार कर रहे हैं वरना हम भी उनके साथ जेल में रहेंगे। रामपुर के हज़ारों लोग जेल जाने के लिए तैयार है।”
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