आकिल हुसैन।Twocircles.net
बरेली। यूपी में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात बरेली में इसके तहत पहला केस दर्ज किया गया है। बरेली में ‘लव जिहाद’ के आरोप में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार लव जिहाद के आरोप में बरेली के थाना देवरनिया में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी पर जबरन धर्मांतरण करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है. फिलहाल आरोपी फरार है।
देवरनिया के एक गांव निवासी एक शख्स ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बेटी से पढ़ाई के दौरान गांव के ही निवासी उवैस अहमद ने दोस्ती कर ली। अब वह बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है।उन्होंने कई बार उवैस को समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना। इसका विरोध करने पर वह उन्हें और परिवार को जान से मारने की धमकी देता है। मामला थाना देवरनिया क्षेत्र का है, जहां उवैश अहमद नाम के एक युवक पर आरोप है कि दूसरे समुदाय की छात्रा को प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तित करने का दबाव बना रहा है. पीड़ित छात्रा के पिता की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपों की जांच शुरू कर दी है. बरेली के देवरनिया क्षेत्र के गांव शरीफ नगर के रहने वाले एक शख्स ने थाना पुलिस से की गई शिकायत में कहा कि पढ़ाई के समय गांव के उवैश अहमद पुत्र रफीक अहमद ने उसकी बेटी से जान-पहचान कर ली थी।
आरोप है कि उवैश अहमद बहला-फुसलाकर प्रलोभन और दवाब में लेकर छात्रा पर धर्म परिवर्तन के लिए दवाब बना रहा है। अपनी साजिश को पूरा करने के लिए वह लगातार दवाब बनाने में लगा है। विरोध पर छात्रा के पिता और परिवार को जान से मारने की धमकी देता है और गाली-गलौज करता है।आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुदध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम और धारा 504, 506 के तहत केस दर्ज कर आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में एसपी ग्रामीण डॉ संसार सिंह का कहना है कि देवरनिया पुलिस को छात्रा के पिता ने तहरीर दी, जिसमे उन्होंने लव जिहाद का आरोप लगाया, जिसके बाद आरोपी उवैस के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। फिलहाल आरोपी घर से फरार हैं।
ज्ञात हो उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी थी,उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को मंजूरी दी थी, जिसके साथ यह कानून यूपी में लागू हो गया. इस कानून के लागू होने के बाद बरेली में पहला मामला इसके तहत दर्ज किया गया है।