आकिल हुसैन। Twocircles.net
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहला अलग धर्मो में शादी रुकवाने का पहला मामला सामने आया है। लखनऊ के पारा में बुधवार शाम धर्म परिवर्तन के बगैर हिंदू युवती की मुस्लिम युवक से हो रही शादी पुलिस ने रुकवा दी। हालांकि, युवक-युवती व परिजन ने सहमति से विवाह होने की बात कही, लेकिन पुलिस नहीं मानी।
यूपी विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश का हवाला देते हुए दोनों को डीएम से धर्म परिवर्तन की अनुमति लेने के लिए कहा गया। धर्म परिवर्तन अध्यादेश के प्राविधान समझाने के बाद परिजन इस पर तैयार हुए और पुलिस को लिखित आश्वासन दिया। हिंदू-मुस्लिम के विवाह पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताते हुए शिकायत की थी।
मामला लखनऊ के नरपतखेड़ा का हैं। नरपतखेड़ा के डूडा कॉलोनी निवासी विजय गुप्ता की बेटी रैना की शादी आदिल के साथ बुधवार को हो रही थी। मौके पर दोनों के परिजन भी मौजूद थे।इसकी भनक लगने पर राष्ट्रीय युवा वाहिनी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद यासिर और हिंदू महासभा के जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार शुक्ल ने पुलिस में शिकायत कर मामले की जानकारी दी और जानकारी मिलते ही लखनऊ पुलिस मौके पर पहुंच गई और शादी रूकवा दी।
कार्यक्रम में मौजूद दोनों के परिजनों ने आपसी सहमति से शादी होने की बात कही लेकिन पुलिस ने उनकी एक बात नहीं सुनी। पुलिस ने कहा कि ‘विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश के तहत अब उन्हें अंतर-विवाह शादी करने के लिए जिलाधिकारी से पूर्व अनुमति हासिल करनी होगी। उसके बाद ही उनकी शादी वैध हो सकती है. पुलिस के समझाने के बाद दोनों के परिवार वाले मान गए और डीएम की अनुमति के बाद ही शादी करने की बात कही।
पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए दोनों पक्षों को समझाया और कहा कि युवक और युवती में से किसी को धर्म परिवर्तन करना होगा। इसकी पूरी प्रक्रिया भी दोनों पक्षों को समझाई गई. तब जाकर लोग माने और शादी रोक दी गई। समारोह में शामिल होने पहुंचे मेहमान और बारात बगैर शादी के खाना खाकर वापस लौट गए।
जानकारी पर एडीसीपी सुरेश चंद्र रावत भी पहुंच गए और कानून के जानकारों को प्रकरण बताते हुए सलाह ली। जानकारों ने बताया कि शादी के लिए युवक या युवती में किसी एक को धर्म बदलना होगा। इसके लिए डीएम कार्यालय में दो महीने पहले आवेदन करना होगा। डीएम नोटिफिकेशन जारी करेंगे, इसके बाद युवक-युवती विवाह कर सकते हैं। इस पर दोनों धर्म बदलने को तैयार हो गए।
इस मुद्दे पर लखनऊ निवासी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की राष्ट्रीय कार्डिनेटर रफत फातिमा से बात करी तो उन्होंने कहा ‘हम इस क़ानून का समर्थन नही करते ये क़ानून पूरी तरह असंवैधानिक है हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो हमको आज़ादी देता है हमारा संविधान हमको अपनी मर्ज़ी से साथी चुनने की आज़ादी देता है’।