न्यूज डेस्क। Twocircles.net
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। बालाघाट में जामा मस्जिद के पास यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ हुए एक विरोध प्रदर्शन के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों द्वारा दायर की गई शिकायत पर यह गिरफ्तारी की गई।
सरस्वती उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी हैं, जिसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरस्वती ने एक समुदाय विशेष की मान्यताओं का मज़ाक उड़ाते हुए उनके पैगंबर पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर उसके विरुद्ध मामले दर्ज हुए हैं मगर गिरफ्तारी नही हुई है।
यहां यह मुक़दमा बजरंग दल के जिला प्रभारी रामेश्वर राणा ने बालाघाट के कोतवाली थाना में एफआईआर पंजीकृत करवाया है। अपनी शिकायत में राणा ने कहा है, “मतीन अजहरी, कासिम खान, शोहैब खान और रजा खान, डासना मंदिर के पुजारी की तस्वीर सड़क पर रखकर उसके ऊपर जूता मार रहे थे।” इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत हुई है।
वीएचपी के एक सदस्य दुर्गेश शर्मा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि बालाघाट एक शांतिपूर्ण जिला रहा है, लेकिन यहां कुछ लोग शांति को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। जिसका विरोध सभी हिंदू संगठनों द्वारा किया जा रहा है। इसमें वीएचपी और बजरंग दल शामिल हैं। “अगर वे अपना विरोध दर्ज करवाना चाहते थे, तो यह एक ज्ञापन के माध्यम से किया जा सकता था। शर्मा ने कहा, ऐसे कृत्यों स्वीकार्य नहीं हैं।”
इधर समुदाय विशेष देश भर में इस बात का विरोध कर रहे हैं, कि किसी ने उनके पैगंबर के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल क्यों किया है ! जाहिर है इससे समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को क्षति पहुंची है। आपको बता दें की धर्म विशेष की मान्यताओं के अनुसार उनके लिए पैगंबर का दर्जा बहुत ऊंचा है और किसी भी तरह की टिप्पणी से परहेज़ करने को बताया जाता है। सरस्वती की अभद्र टिप्पणी के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ है, और कई जगहों पर विरोध में जुलूस भी निकाले गए हैं।
कोतवाली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर मंशाराम रोमदे ने पुष्टि की है की एफआईआर दर्ज होने के बाद चार पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। इससे ज्यादा उन्होंने किसी भी और विवरण को साझा करने से इनकार कर दिया। और इसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मामला बताया।
एआईएमआईएम के पांच लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी पुलिस से लिखकर आग्रह किया है कि 1 अप्रैल को नई दिल्ली में हुए प्रेस कांफ्रेंस में की गई सरस्वती द्वारा टिप्पणियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए। एआईएमआईएम के बालाघाट जिला प्रभारी नाज़िम खान ने इस संदर्भ में कहा, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्यवाही करने की जगह हमारे ही समुदाय के 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”