आकिल हुसैन।Twocircles.net
देश के दो मीडिया हाउस ‘दैनिक भास्कर’ और यूपी के हिंदीं समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों में गुरुवार को आयकर विभाग द्वारा टैक्स चोरी के आरोप में छापेमारी करी गई। दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और नोएडा समेत कई अन्य स्थानों पर छापेमारी की गयी तो वहीं भारत समाचार के लखनऊ स्थित परिसर में छापेमारी करी गई है। आयकर विभाग द्वारा छापेमारी लगभग सुबह तीन बजे शुरू हुई और शाम तक जारी रही। आयकर विभाग की इस कार्रवाई पर देश के विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार और यूपी की योगी सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैं। वहीं दैनिक भास्कर और भारत समाचार के चीफ़ एडिटर ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया हैं।
गुरुवार सुबह से टैक्स चोरी के आरोप में दैनिक भास्कर मीडिया समूह और यूपी के हिंदीं समाचार चैनल भारत समाचार के विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी करी। दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद, नोएडा समेत कई अन्य राज्यों के दफ्तरों पर छापे मारे गए। भास्कर के विभिन्न दफ्तरों के प्रबंधकों के घर पर भी आयकर विभाग ने छापा मारा। दफ्तरों के अंदर मौजूद कर्मचारियों से विभाग ने उनके मोबाइल भी जब्त करें।
आयकर विभाग का छापेमारी के संदर्भ में कहना है कि दैनिक भास्कर ग्रुप और उसकी विभिन्न कंपनियों द्वारा कथित टैक्स चोरी के बारे में गुप्त सूचना मिली थी जिसके बाद छापेमारी करी गई। दैनिक भास्कर समूह की मौजूदगी 12 राज्यों में हैं और यह हिंदी, गुजराती तथा मराठी में समाचार-पत्रों का प्रकाशन करता है। यह सात राज्यों में 30 रेडियो केंद्रों का भी संचालन करता है और छह वेब पोर्टल तथा चार मोबाइल फोन पर ऐप का भी संचालन करता है। दैनिक भास्कर समाचार पत्रों के 65 संस्करण और 211 उप संस्करण प्रकाशित करती है।
दैनिक भास्कर समूह ने आयकर विभाग की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार, गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़ें देश के सामने रखने वाले भास्कर समूह पर सरकार की दबिश। दैनिक भास्कर वेबसाइट पर समूह ने अपने संदेश में कहा कि ‘मैं स्वतंत्र हूं क्योंकि मैं भास्कर हूं। भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी। सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार। हमारी पत्रकारिता से क्यों डर रही है सरकार’।
दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत का कहना है कि उन्हें आयकर विभाग की तरफ़ से छापेमारी की कार्रवाई की कोई जानकारी आयकर विभाग द्वारा नहीं दी गई। लक्ष्मी प्रसाद पंत ने कहा कि सच्ची पत्रकारिता से डर गई सरकार। उन्होंने कहा कि ‘हमने हर राज्य में सच को प्रकाशित किया है, सरकारें इससे असहज भी हुई हैं। फिर चाहें वो राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो, गुजरात हो या बिहार हो,हमने ये नहीं देखा कि सत्ता में सरकार किसकी है’। पिछले कुछ महीनों में दैनिक भास्कर के विभिन्न संस्करणों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान गहरी जांच-पड़ताल वाली रिपोर्ट की थीं जिससे केंद्र सरकार को काफ़ी फज़ीहत का सामना भी करना पड़ा था।
उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल भारत समाचार के लखनऊ स्थित दफ़्तर पर भी आयकर विभाग द्वारा छापेमारी करी गई। इसके अलावा भारत समाचार के चीफ एडिटर बृजेश मिश्रा के गोमती नगर विपुल खंड स्थित आवास और स्टेट हेड विरेन्द्र सिंह के घरों समेत कई अन्य कर्मचारियों के घर पर भी आयकर विभाग द्वारा छापेमारी करी गई। भारत समाचार लगातार ऐसी कवरेज कर रहा था जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी असहज स्थिति का सामना लगातार करना पड़ रहा था। भारत समाचार ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते कहा कि हम सच के साथ खड़े रहेंगे।
विपक्षी दलों ने आयकर विभाग की छापेमारी को प्रेस की आज़ादी पर हमला बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। देश के दो मीडिया हाउस पर राजनीति से प्रेरित आयकर विभाग की छापेमारी पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय ने दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ्तरों पर आयकर विभाग की छापेमारी का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए छापेमारी का विरोध करा। आम आदमी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने आयकर विभाग की छापेमारी के विरोध में प्रत्येक ज़िले में विरोध प्रदर्शन का भी ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार को संसद में जमकर घेरा और इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रेस की आज़ादी पर कायरतापूर्ण हमला हैं और सरकार लोकतंत्र की आवाज़ को रेडराज से नही दबा पाएंगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस छापेमारी पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है जो सच्चाई देखना भी पसंद नहीं करती हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है। उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है। उन्होंने कहा कि ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का, सच को रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया सरकार की निरंतर पोल खोल रहे हैं, सच को देश भर में निर्भिकता से उजागर कर रहे मीडिया समूह को दबाने का काम करा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पत्रकारों और मीडिया घरानों पर हमला लोकतंत्र को कुचलने का एक और क्रूर प्रयास है। उन्होंने कहा कि दैनिक भास्कर ने बहादुरी से रिपोर्ट किया है कि कैसे मोदी सरकार की लापरवाही से कोरोना के दौरान देश को भयानक दिन देखने पड़े।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि पत्रकारिता पर मोदीशाह का प्रहार!! मोदीशाह का एक मात्र हथियार IT ED CBI। सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार का रेड राज काम नहीं करेगा। सच को डराने और दबाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन जैसे गंगा में शव तैरने लगे थे, मोदी सरकार भी छिप नहीं सकती। दबाने के लिए सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग निंदनीय है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत समाचार पर छापेमारी का विरोध करते हुए कहा कि उप्र में मीडिया पर छापेमारी से ये साफ़ हो गया है कि भाजपा 2022 के चुनाव में अपनी हार की आशंका से बुरी तरह ग्रसित है। ये हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है। इससे ये साबित हो गया है कि जनविरोधी भाजपा के दमनकारी शासन में जो सच्चाई को दिखलाएगा, वो कुचला जाएगा। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप व भारत समाचार चैनल पर आयकर की जबर्दस्त छापेमारी प्रथम दृष्ट्या द्वेषपूर्ण कार्रवाई लगती है। उन्होंने कहा कि यह बेहद अति दुःखद व अति-निंदनीय।
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मीडिया हाउस पर यह कार्रवाई मोदी सरकार द्वारा कोरोना से मौतें और जासूसी की खबर एक्सपोज करने के बाद की गई है। सरकार कितनी बेशर्म हो जाएगी? आज लोकतंत्र और अधिकारों का गला घोंटना निश्चित रूप से आपातकाल के दौरान से भी बदतर है। वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप सत्ता से सवाल करने वाली पत्रकारिता करते हैं तो सलाखों के पीछे जाने को भी तैयार रहें। छापे तो ट्रेलर हैं।
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने आयकर विभाग की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मीडिया को पूरी तरह से गुलाम बनाने की कोशिश हैं। वरिष्ठ पत्रकार रोहिणी सिंह ने कहा कि दर्जनों चैनलों को अपने इशारों पर नचाने वाले एक अखबार का सच तक बर्दाश्त नहीं कर सके। कितने कमजोर, कायर और डरपोक लोग बैठे हैं सरकार में? आपातकाल घोषित क्यों नहीं कर देते? अब बचा ही क्या है।
आयकर विभाग द्वारा करी गई छापेमारी पर मोदी सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में मीडिया हाउस पर रेड के मामले पर जवाब दिया। उनका कहना है कि सरकारी एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
कोरोनाकाल के दौरान भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा था। गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच को रखा। भारत समाचार भी लगातार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की खामियों को उजागर कर रहा था और योगी सरकार से सवाल कर रहा था।
हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब टैक्स चोरी के सरकारी दावों पर एक न्यूज आउटलेट पर छापा मारा गया है। इससे पहले फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने कई दिनों तक दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई लोगों और पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी।