समी अहमद । Twocircles.net
बिहार के पूर्वी जिले कटिहार के पस्तिया गांव में 25 मई को एक 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की के मौत पर हंगामा मचा हुआ है। मुस्लिम लड़की अपने ही पड़ोसी के घर पर रहस्यमयी हालत में मृत पाई गई थीं। जिसके बाद परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता को हत्या से पहले उसका “अपहरण और बलात्कार” किया गया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले को ‘हत्या’ के रूप में दर्ज किया और दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट आने तक ‘बलात्कार के आरोप’ के इस्तेमाल करने से परहेज़ किया है।
पीड़ित परिवार, अपने घर से नब्बे किलोमीटर दूर भागलपुर के जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज में दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। स्थानीय प्रशासन ने परिवार और गांववालों के भारी विरोध के बाद शव के दूसरे परीक्षण का आदेश दिया है। जिला अस्पताल कटिहार में की गई प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप का जिक्र नहीं था।
आजमनगर थाने के थाना प्रभार मंतोष कुमार ने TwoCircles.net को बताया कि एफ.आई.आर. भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध छुपाना), 120 (बी) (साजिश) और 34 (सामान्य इरादे से अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां नाहिदा खातून के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया है, वो एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।
परिवार द्वारा लगाए गए अपहरण और बलात्कार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, एसएचओ कुमार ने कहा, “पीड़िता की मां ने उस समय (अपना आवेदन दाखिल करने के समय) अपहरण या बलात्कार का उल्लेख नहीं किया था।”
कटिहार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र कुमार ने बलात्कार के आरोप को हटाते हुए स्थानीय मीडिया को बताया कि “मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नही की थी।” पुलिस के अनुसार, मौत का कारण “फांसी के कारण दम घुटना” था।
किशोरी की हत्या से गांव में कोहराम मच गया है। पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को ‘अनुकरणीय सजा’ देने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण और परिवार के रिश्तेदारों ने विरोध प्रदर्शन किया। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए एक ट्विटर अभियान भी शुरू किया गया था, जिसमें नेटिज़न्स ने इसे निर्भया जैसा मामला करार दिया। शव मिलने के पांच दिन बाद 29 मई को कटिहार के ही गांव में उन्हें अंतत: दफना दिया गया।
पुलिस के अनुसार अब तक दो आरोपियों कुसुम लाल विश्वास और रेखा देवी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने कहा, “मामले में कुसुम लाल विश्वास की पत्नी समेत सात और आरोपी हैं।” दोनो गिरफ्तार आरोपी, पीड़िता के पड़ोसी हैं।
लड़की के माता-पिता के अनुसार, पीड़िता 24 मई की शाम को किराना खरीदने के लिए बाहर गई थी। देर रात तक जब पीड़िता घर नहीं लौटी तो चिंतित परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन वह नहीं मिली।
पीड़िता के पिता मुजीबुर रहमान ने TwoCircles.net को बताया कि उन्होंने गांव में हर जगह उसकी तलाश की, यहां तक कि आरोपी व्यक्ति से भी पूछताछ की गई थी, लेकिन बेटी के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं आया।
रहमान ने कहा, ‘दो लड़कों में वह हमारी इकलौती बेटी थी।
पीड़िता की मां नाहिदा खातून ने 26 मई को पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि आरोपी रेखा देवी की बेटी से जब उन्होंने अपनी लापता लड़की के बारे में पूछा था तो उसने कुछ नहीं बताया था। परिवार के अनुसार, देवी की बेटी पीड़िता की दोस्त थी।
“25 मई को, एक लड़के ने मुझे बताया कि उसने मेरी बेटी को सराला सिंह के घर जाते हुए देखा है। सराला सिंह रेखा देवी के पति हैं। जैसे ही मैं उनके घर पहुंचा, मैंने देखा कि रेखा और उनकी बेटी मेरी बेटी के चेहरे पर पानी छिड़क रही है। मैं अपने घर वापस पहुंचा और अपने परिवार को सूचित किया। जब हम फिर से वापस आए, तो हमने उसे मृत पाया,” नाहिदा ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, जिसका एक हिस्सा TwoCircles.net के पास उपलब्ध है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता और मुख्य आरोपी कुसुम लाल विश्वास “एक-दूसरे को जानते थे और संपर्क में थे।” पुलिस दोनों के बीच कॉल रिकॉर्ड की जांच कर रही है
रहमान ने कहा कि वह हैरान हैं कि कुसुम उनकी बेटी के साथ ऐसा जघन्य अपराध कर सकता है।
“पुलिस अपहरण और बलात्कार की धाराओं को न जोड़कर दोषियों को बचा रही है। उसकी हालत और कपड़े से इस बात के स्पष्ट सबूत थे कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। लेकिन दोषियों को बचाने के लिए पहली ऑटोप्सी रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं था। मुझे उम्मीद है कि ताजा रिपोर्ट हमारे आरोपों की पुष्टि करेगी।” रहमान ने कहा।
महबूब आलम, सी.पी.आई. (एमएल) विधायक, जो विरोध में शामिल थे, ने स्थानीय पुलिस पर ‘जानबूझकर लापरवाही करने का आरोप लगाया क्योंकि वो पीड़ित परिवार के अनुरोधों पर कोई ध्यान नहीं दिए।’ आलम ने कहा, “जब लड़की की हत्या की पुष्टि हो चुकी थी, तब पुलिस हरकत में आई लेकिन तब भी एसपी ने मौके पर आने की जहमत नहीं उठाई।”
एक जन प्रतिनिधि और कटिहार जिला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जाकिर हुसैन, जिन्होंने भागलपुर में पीड़िता के शव के दूसरे परीक्षण की मांग की थी, ने TwoCircles.net को बताया कि “इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार की पहली शिकायत पर उतनी तेजी से कार्रवाई नहीं की थी जितनी उन्हें करनी चाहिए थी। उन्होंने पोस्टमार्टम पर भी सवाल उठाए हैं।