सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 13 अगस्त की रात छात्र अंकित तिवारी(बदला हुआ नाम) के साथ हुए अप्राकृतिक दुष्कर्म के सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले के मुख्य आरोपी दीपक कुमार को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया है.
आरोपी दीपक कुमार
बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के कर्मचारी दीपक कुमार पर आरोप है कि दीपक कुमार ने अपने चार अन्य दोस्तों के साथ मिलकर अंकित को अगवा किया, उसे जबरन शराब पिलाई और नशीला पदार्थ सुंघाने के बाद सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया.
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ज्ञात हो कि यह मामला प्रकाश में आने के बाद विश्वविद्यालय के छात्र पीड़ित छात्र अंकित को न्याय दिलाने के लिए लगातार आन्दोलन कर रहे थे. इस मामले में बीएचयू प्रशासन पर मामले को दबाने का भी आरोप लगता रहा.
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इतने संगीन मामले पर भी बीएचयू प्रशासन ने घटना के चौदह दिनों बाद एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है, जिसकी जांच पूरी होने तक आरोपी दीपक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
पीड़ित छात्र अंकित बताते हैं, ‘ये एक तरह से मेरी जीत है. लेकिन यहीं पर नहीं रुकना है. ये लड़ाई दोषी को सजा दिलवाकर ही पूरी होगी. मुझे धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है. लेकिन मेरे साथ इतने लोग जुड़ चुके हैं कि अब मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है.’
पीड़ित छात्र
अंकित के साथियों और उनके सहपाठियों का भी लगभग यही कहना है. वे कहते हैं कि अंकित की मेडिकल जांच बेहद देर से कराई गयी, जिसकी वजह से उसके मेडिकल में बलात्कार की पुष्टि नहीं हो सकी. वे बीएचयू प्रशासन के इस कदम को अहम मानते हैं लेकिन उनका यह भी कहना है कि वे आगे की कार्रवाई और जांच के लिए सतर्क हैं.
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