सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी : सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक कदम और आगे जाते हुए बनारस के सिनेमा घरों में राष्ट्रगान के साथ-साथ अब स्वच्छता गान भी बजाने की शुरुआत हो चुकी है.
दरअसल बनारस में चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के सिनेमा घरों में फिल्म के पहले इस ‘स्वच्छ काशी गान’ को बजाए जाने की योजना है. कुछ दिनों पहले सिगरा स्थित आईपी मॉल में एक समारोह में इस स्वच्छता गान को बजाया भी गया.
लम्बाई में लगभग साढ़े चार मिनट लम्बा यह ‘स्वच्छ काशी गान’ वाराणसी नगर निगम, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने साथ मिलकर बनाया है. इसमें ‘कियाना सोल्यूशन्स’ नामक एक फर्म की भी मदद ली गयी है.
ज्ञात हो कि कियाना सोल्यूशन्स एक प्राइवेट संस्था है जो बीते कुछ वक़्त से शहर में कूदा उठाने का काम कर रही है. संस्था को नगर निगम व अधिकारियों का समर्थन भी प्राप्त है.
बनारस के युवा फिल्मकार उज्जवल पाण्डेय द्वारा बनायी गयी इस फिल्म में नगर प्रशासन के आला अधिकारी और नामी गिरामी लोग ‘यह शहर हमारा है’, ‘हम सबकी जिम्मेदारी है’ और ‘गंदगी एक ज़हर है’ के नारे लगाते दिख रहे हैं.
इस फिल्म में बनारस के पान खाने और कूडा फेंकने जैसे आम जीवन को दिखाया गया है. यहां तक कि अंतिम संस्कारों को भी स्वच्छता की श्रेणी में रखा गया है, जिसके बारे में नागरिकों का कहना है कि यह भावनाओं को आहत कर सकता है.
दरअसल बीते कुछ दिनों से बनारस में स्वच्छता को लेकर स्वच्छता सर्वे कराया जा रहा है. इस सर्वे को लेकर शहर में कई दिनों से प्रचार प्रसार किए जा रहे हैं. बीते साल के स्वच्छता सर्वे में बनारस को देश के सबसे गंदे शहरों में गिना गया था. सूत्रों की मानें तो यूपी में विधानसभा चुनावों के बीच इस सर्वे का नतीजा सामने आएगा, जिसमें काशी को अव्वल लाने की तैयारी है.
जनता की मिलीजुली राय
‘स्वच्छ काशी गान’ को लेकर सिनेमा दर्शकों के भीतर मिलीजुली राय सामने आ रही है. 24 वर्षीय शेखर सिंह का कहना है, ‘स्वच्छता को लेकर काशी की जनता को सजग होना होगा, ऐसे में इस यह स्वच्छ काशी गान जनता को जागरूक करने में मददगार साबित होगा. ज़बीना बेग़म का भी यही कहना है. उन्होंने कहा, ‘साफ़-सफ़ाई तो होना चाहिए न. ऐसा गाना से लोग समझेगा कि बनारस का साफ़ होना कितना ज़रूरी है.’
कुछ लोगों को सिनेमा के पहले यह साढ़े चार मिनट भारी भी पड़ सकते हैं. 35 वर्षीय राजेश राय कहते हैं, ‘सिनेमा के बाहर ये सब लिख दो, बोर्ड लगा दो, लोगों को पर्चे बाँट दो. सर्वे है तो लोगों की स्वेच्छा भी होनी चाहिए, लेकिन ये थोड़ा-थोड़ा थोपने सरीखा लग रहा है.’
बहरहाल, नगर प्रशासन स्वच्छता रैंकिंग में बनारस को अव्वल स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत है. शहर में साफ़-सफाई की स्थिति देखते हुए लग रहा है कि निगम द्वारा सफाई से ज्यादा सफाई के सर्वे पर ध्यान दिया जा रहा है. निगम ने इस गाने के साथ पांच गाड़ियां भी शहर में रवाना कर दी हैं, जो शहर में घूम-घूमकर लोगों को ‘स्वच्छ काशी गान’ सुनाएंगी.
(वीडियो साभार – पत्रिका)