यूपी में ओवैसी को उम्मीद के मुताबिक नही मिली कामयाबी

AIMIM chief Asaduddin Owaisi during election campaigning in Uttar Pradesh.

आकिल हुसैन। Twocircles.net

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहीं। यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को जनता ने खासकर मुसलमानों ने नकार दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी विधानसभा चुनाव में 97 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक भी प्रत्याशी जीत नहीं दर्ज कर सका। ज़्यादातर सीटों पर औवेसी के प्रत्याशी ज़मानत भी नहीं बचा पाए हैं।


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हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में काफ़ी ज़ोर लगाया था, मगर चुनाव आयोग के आँकड़ों के मुताबिक़ उनकी पार्टी को महज़ 0.49% वोट मिले है, जो कि नोटा को मिले वोटों – 0.69 प्रतिशत – से भी कम है। एआईएमआईएम ने लगभग 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे,यह वो सीटे थी जहां मुस्लिम वोट निर्णायक तादाद में थे। चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक एआईएमआईएम को यूपी विधानसभा चुनाव में लगभग 4.5 लाख वोट मिले हैं। इनके ज्यादातर प्रत्याशी 5 हज़ार वोट का आंकड़ा तक नहीं छू पाए।

असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी चुनाव में बाबू सिंह कुशवाहा और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन किया था। यूपी की लगभग 70 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम 30% हैं और कुछ विधानसभा में 50 फीसदी तक हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम यूपी के मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अलीगढ़,मेरठ की कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इनके अलावा पूर्वांचल और अवध की भी कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

एआईएमआईएम को 8 सीटों पर एक हज़ार से भी कम वोट प्राप्त हुए। 15 सीट ऐसी रहीं जहां पार्टी को 5 हज़ार तक वोट मिले। इनके अलावा असमोली, कुंदरकी, रानीगंज, उतरौला में 15 हज़ार तक वोट मिले। फ़िरोज़ाबाद, मुबारकपुर,संभल में पार्टी को 20 हज़ार वोट तक प्राप्त हुए। मुबारकपुर में एआईएमआईएम को सर्वाधिक 36 हज़ार वोट प्राप्त हुए। मुबारकपुर में पूर्व विधायक गुड्डू जमाली प्रत्याशी थे।

उत्तर प्रदेश की लगभग 20 फीसदी मुस्लिम आबादी समाजवादी पार्टी का समर्थन करतीं है और चुनाव से पहले माना जा रहा था कि एआईएमआईएम सपा के इस वोट शेयर में सेंध लगा सकतीं हैं। लेकिन चुनाव में इसका असर विपरीत रहा और ओवैसी सपा के लिए ‘वोट-कटवा’ होने पर खरे नहीं उतर पाए हैं।  पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इनमें से 37 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

असदुद्दीन ओवैसी हर राज्य के चुनाव में मुस्लिम और दलितों के मुद्दों को उठाते हैं। खासकर मुसलमानों के मुद्दों पर वो मुस्लिम विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी और सत्ता में उनकी वाजिब हिस्सेदारी की बात करते हैं।

यूपी में मिली हार पर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “यूपी की जनता ने बीजेपी को सत्ता देने का फैसला किया है. मैं जनता के फैसले का सम्मान करता हूं. मैं एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्षों, कार्यकर्ताओं, सदस्यों और जनता को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमें वोट दिया। हमारे प्रयास काफी थे, लेकिन परिणाम हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं आए. हम फिर से कड़ी मेहनत करेंगे”।

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