TwoCircles.net News Desk
पटना : पिछले दो साल से बिहार के क़रीब 10 लाख बुजुर्ग, विधवा और विकलांग बिना पेंशन के जीने को मजबूर हैं. सरकार की अभी तक जारी की गई लिस्ट के अनुसार राज्य में कुल 63 लाख लोग हैं जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलना है पर सिर्फ़ 53 लाख लोगों को ही पेंशन मिल रहा है. दो साल पहले सरकार ने तय किया कि वह पेंशन बैंक खाते में देगी और उसके लिए एक ‘डिजिटल’ सिस्टम बनाया गया. यह डिजिटल सिस्टम लोगों के लिए कैसा रहा यह आंकड़े खुद बयान कर रहे हैं.
दो लाख से ऊपर लोगों का पेंशन डाटा-बेस में बैंक विवरणी ग़लत होने की वजह से रुका हुआ है, सरकार के पास इन लोगों की सूची भी है, पर इसे सुधार करने में बहुत देरी हो रही है. इस प्रशासनिक लापरवाही पर किसी भी अफ़सर या कर्मचारी पर कोई कारवाई नहीं हुई है.
यह मामला तब उजागर हुआ, जब अररिया और कटिहार ज़िला में जन जागरण शक्ति संगठन के द्वारा संचालित लोक शिकायत निवारण क़ानून पर एक अभियान चलाया गया. अभियान के तहत 500 से अधिक लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज की. इसमें से क़रीब 50 प्रतिशत लोगों की शिकायत पेंशन नहीं मिलने की थी.
इस मामले की तफ़्तीश करने पर यह चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया कि क़रीब 10 लाख बुजुर्ग, विधवा और विकलांग लोगों को प्रतिमाह 400 रु मिलने वाला पेंशन भी सरकार क़रीब दो साल से नहीं दे रही है. लाखों बुजुर्ग लोगों ब्लॉक के चक्कर काट रहे हैं, क्यूंकि उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई है कि क्यूं पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है.
रानीगंज प्रखंड के बगुलाहा पंचायत में अत्यंत ग़रीब और वृद्ध सरयू मुसहर एवं कई अन्य लोगों ने बिचौलियों के माध्यम से पैसे देकर “पैन” कार्ड भी बना लिया. उन्हें कहा गया कि बैंक खाता को पैन कार्ड से जोड़ना ही होगा और उसी खाते में पेंशन मिलेगा. उन्हें उस पेंशन का अभी तक इन्तज़ार है.
ज़िलावार अगर देखा जाए तो आंकड़ों के हिसाब से सबसे अधिक ख़राब हालत मधुबनी, सारण, दरभंगा और भागलपुर की है.
इन स्थिति में भी बिहार सरकार पेंशन भुगतान के लिए “आधार” को 1 अप्रैल 2018 से अनिवार्य करने जा रही है.
इन तथ्यों के आलोक में जन जागरण शक्ति संगठन का कहना है कि, पेंशन सूची की उच्च स्तर पर निगरानी की जाए और लोगों का खाता विवरणी डाटा-बेस में सही करके पेंशन की पूरी राशि दी जाए. उन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए जिनके चलते लाखों लोग पेंशन से वंचित हैं. 63 लाख का पेंशन का आंकड़ा दरअसल कम है, इससे भी ज़्यादा पेंशनधारी है, जिनका नाम डाटाबेस में एंट्री नहीं किया गया. सरकार सही आंकड़ा जारी करे. किसी भी सूरत में “आधार” को अनिवार्य नहीं किया जाए.
Sl. |
District |
Pensioners Not Paid |
|
1 |
मधुबनी |
68176 |
|
2 |
सारण |
63591 |
|
3 |
भागलपुर |
62445 |
|
4 |
दरभंगा |
60648 |
|
5 |
समस्तीपुर |
48139 |
|
6 |
पूर्वी चंपारण |
47000 |
|
7 |
पटना |
40470 |
|
8 |
सीवान |
33911 |
|
9 |
वैशाली |
31209 |
|
10 |
मुजफ्फरपुर |
28627 |
|
11 |
पश्चिम चंपारण |
28276 |
|
12 |
अररिया |
25559 |
|
13 |
खगड़िया |
24777 |
|
14 |
कटिहार |
23397 |
|
15 |
पुर्णिया |
22285 |
|
16 |
भोजपुर |
21346 |
|
17 |
सहरसा |
21010 |
|
18 |
गया |
20521 |
|
19 |
नवादा |
19205 |
|
20 |
बेगूसराय |
18254 |
|
21 |
कैमूर |
17623 |
|
22 |
रोहतास |
17600 |
|
23 |
सीतामढ़ी |
16817 |
|
24 |
किशनगंज |
15401 |
|
25 |
बाँका |
14958 |
|
26 |
जमुई |
14760 |
|
27 |
गोपालगंज |
14517 |
|
28 |
बक्सर |
13692 |
|
29 |
सुपौल |
10823 |
|
30 |
औरंगाबाद |
10602 |
|
31 |
मुंगेर |
10593 |
|
32 |
मधेपुरा |
10098 |
|
33 |
लखीसराय |
9786 |
|
34 |
नालंदा |
8901 |
|
35 |
अरवल |
6173 |
|
36 |
जहानाबाद |
5922 |
|
37 |
शिवहर |
3550 |
|
शेखपुरा |
2663 |
||
As of 14/12/17 |
Total |
913325 |