TwoCircles.net News Desk
आज़मगढ़ : रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने सपा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने चार सालों में जनता से किए गए एक भी वादों को पूरा नहीं किया. सरकार लगातार वादे पूरे होने के झूठे दावे कर रही है, लेकिन जनता हकीक़त समझने लगी है.
रिहाई मंच अखिलेश सरकार के झूठ और लूट को बेनकाब करने के लिए 16 मार्च को विधानसभा पर जन-विकल्प मार्च करेगा.
सरायमीर, आजमगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि पूरे सूबे में सपा की वादा खिलाफी के खिलाफ़ जनता में आक्रोश है. लेकिन अखिलेश यादव जनता से किए गए वादों को पूरा करने के बजाए जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रूपया वादों के पूरे होने के झूठे प्रचार पर खर्च कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सपा ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद आतंकवाद के आरोप में फंसाए गए बेगुनाह मुस्लिम युवकों को छोड़ दिया जाएगा. लेकिन एक भी बेगुनाह नहीं छूटा, उल्टे खालिद मुजाहिद की हत्या भी पुलिस, खुफिया और एटीएस के अधिकारियों ने करा दी, जिनके खिलाफ़ नामजद मुक़दमा होने के बावजूद एक भी अधिकारी से पूछताछ तक नहीं की गई. इसी तरह तारिक़ कासमी और खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी को संदिग्ध बताने वाली निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर भी सरकार ने कोई अमल नहीं करके दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाया.
उन्होंने कहा कि सपा सरकार का यही साम्प्रदायिक चेहरा कन्हैया और उमर खालिद के सवाल पर असहमति जताने वाले लोगों पर पुलिस की मौजूदगी में हो रहे हमलों में भी देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि ये कैसे सम्भव हो सकता है कि विधानसभा से सौ मीटर की दूरी पर रोहित वेमुला और कन्हैया के इंसाफ़ के लिए मांग कर रहे छात्रों और इलाहाबाद की कचहरी में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर साम्प्रदायिक गुंडों द्वारा हमला किया जाता है और घायल लोगों की एफ़आइआर लिखे जाने से पहले ही हमलावरों की तरफ़ से झूठे आरोपों में मुक़दमें दर्ज कर दिए जाते हैं.
रिहाई मंच के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में संघी गुंडा तत्वों के हमलों का मुलायम सिंह द्वारा बाबरी मस्जिद तोड़ने गए लोगों पर फायरिंग का आदेश देने पर माफी मांगने के बाद ही शुरू होना अकारण नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह शुरू से ही संघ परिवार के छुपे एजेंट रहे हैं, जो अब खुलकर संघ के मुस्लिम विराधी एजेंडे को बढ़ाने में लग गए हैं.
उन्होंने कहा कि अपने संसदीय सीट आज़मगढ़ से मुस्लिम विहीन गांव तमौली को गोद लिया जाना भी उनके संघ एजेंट होने को साबित करता है.
मंच के अध्यक्ष ने कहा कि इन चार सालों में बसपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने एक बार भी मुसलमानों से किए गए वादों पर सरकार को नहीं घेरा. मुसलमानों के खिलाफ़ सभी पार्टियों में आम सहमति है कि इन्हें आतंकवाद के नाम पर जेलों में सड़ाना है, आईएस के नाम पर बेगुनाहों को फंसाना है.
उन्होंने कहा कि सरकार और पार्टियों से जनता की नाराज़गी के प्रदर्शन के लिए ही रिहाई मंच और इंसाफ़ अभियान 16 मार्च को लखनऊ के रिफाहे आम से विधान सभा तक ‘जन-विकल्प मार्च’ करने जा रहा है, ताकि दलितों, किसानों, महिलाओं और मुसलमानों से किए गए वादों से वादा खिलाफी को आवाज़ दी जा सके.
प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए इंसाफ़ अभियान के प्रदेश सचिव अवधेश यादव ने कहा कि सपा के चार सालों के शासन में गुंडागर्दी और अपराध बढ़ा है. महिलाएं और कमजोर तबके समाजवादी गंडों के निशाने पर हैं. पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है, आरटीआई से सूचना मांगने वाले कार्यकर्ताओं को सूचना आयुक्त तक पीटने लगे हैं. युवाओं और छात्रों को रोज़गार देने के बजाए उन्हें बेरोज़गारी और नशे की तरफ़ धकेला जा रहा है.
उन्होंने कहा कि लोहिया शराबबंदी का आंदोलन चलाते थे, लेकिन उनके नाम पर राजनीति करने वाली सरकार शराब की कीमतों में कटौती कर रही है. जिससे परिवार और समाज टूट रहा है. लेकिन इन मुद्दों पर विपक्ष भी चुप है.
उन्होंने कहा कि इंसाफ़ अभियान और रिहाई मंच सपा के युवा और समाज-विरोधी नीतियों के खिलाफ़ 16 मार्च को युवाओं, दलितों, मुसलमानों और किसानों के सवालों को उठाकर प्रदेश सरकार को चेतावनी देगा.
प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए इंसाफ़ अभियान के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद यादव और रिहाई मंच नेता मसीहुददीन संजरी ने कहा कि 16 मार्च के जन-विकल्प मार्च में शामिल होने के लिए लोगों के बीच सघन जनसम्पर्क अभियान चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जन-विकल्प मार्च प्रदेश में व्याप्त जंगल राज, कारपोरेट परस्त नीतियों और साम्प्रदायिक आतंकवाद के खिलाफ़ नए राजनीतिक विमर्श की शुरूआत करेगा.