एकता से पहले विविधता के लिए दौड़ें

By रवीश कुमार, राजनीति में जो लोग परिवारवाद में लिंग-आधारित प्रगतिशीलता खोज रहे हैं, उन्हें इस मसले को ठीक से देखना चाहिए. राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनाए जाने पर कई लोगों को लिखते बोलते सुना है कि सोनिया ने भी बेटे पर ही भरोसा किया. बेटी प्रियंका को आगे नहीं बढ़ाया. जैसे प्रियंका गांधी वाकई किसी हाशिये पर रह रही हों. सोनिया गांधी प्रियंका गांधी को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनातीं तो क्या परिवारवाद प्रगतिशील हो जाता? लोकतांत्रिक हो जाता? सिंधिया परिवार के नाम पर तो वसुंधरा राजे और ज्योतिरादित्य दोनों हैं. गोपीनाथ मुंडे की दो-दो बेटियां राजनीति में हैं. उसी बीजेपी के टिकट पर जो परिवारवाद को अपनी सुविधा के अनुसार मुद्दा बना देती है मगर इस चतुराई से कि वो सिर्फ गांधी परिवार तक सीमित रहे. महाराष्ट्र चुनाव में एक बेटी को विधायक का टिकट और एक को सांसदी का टिकट देती है. सवाल कांग्रेस को गांधी परिवार से आज़ाद कराने का तो है ही लेकिन क्या इससे कांग्रेस वो कांग्रेस बन जाएगी? क्या हिन्दुस्तान की कोई पार्टी आज़ादी के पहले की कांग्रेस बन सकती है? किस पार्टी में तब की कांग्रेस की तरह नेतृत्व और विचारधारा के स्तर पर इतनी विविधता बची है?

पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर ‘बाल स्वच्छता अभियान’ की शुरुआत

By TCN News, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्रय मोदी ने आज पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती मनाने के लिए गठित राष्ट्री य समिति की बैठक की अध्य्क्षता की. प्रधानमंत्री ने उम्मी द जतायी कि इस संबंध में तमाम कार्यक्रम कुछ इस तरह से तय किए जाएंगे कि आम आदमी भी खुद को इन समारोहों का हिस्साप मान सके. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवसर का उपयोग निश्चित तौर पर युवा पीढ़ी के बीच ‘चाचा नेहरू’ के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके जीवन तथा कार्यों से प्रेरणा लेने के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंरने समिति के सदस्योंढ से विभिन्नध कार्यक्रमों का स्पनष्ट खाका तैयार करने के लिए कहा.

हेट स्पीच के बरअक्स सामाजिक समीकरण

By राजीव यादव, चुनाव आए और गए, पर सवाल उन विवादास्पद बयानों का है जिनसे ‘हेट स्पीच’ के नाम से हम परिचित होते हैं. ऐसा नहीं है कि हेट स्पीच से हमारा वास्ता सिर्फ चुनावों में होता है पर यह ज़रूर है कि चुनावों के दरम्यान ही उनका मापन होता है कि वो हेट स्पीच के दायरे में हैं. हम यहां इस पर कतई बात नहीं करेंगे कि ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई हुई? पर इस पर ज़रूर बात करेंगे कि उस हेट स्पीच का हम पर क्या असर हुआ, वहीं उनके बोलने वालों की प्रवृत्ति में क्या कोई बदलाव आया?

तो क्या हैदर टोकेनिज्म से सुलह की शिकार है?

By उमंग कुमार, विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘हैदर’ के मामले में दर्शकों की प्रधानता दो रायें उभर के आ रही हैं - एक यह कि हिंदी सिनेमा या फिर बॉलीवुड-जगत में हैदर जैसी बहादुरी का चित्रण सचमुच अद्वितीय है और दूसरा, जो प्रायः पहले का विपरीत मत है कि हैदर ने कश्मीर मसले में बस एक ऊपरी कोशिश मात्र की है. उसका प्रयास भले ही सराहनीय ज़रूर कहा जा सकता है लेकिन उसमें गहरायी नहीं है. आखिर तौर पर एक सुनहरा मौका गंवाया गया है. हैदर के दांत खाने के और व दिखाने के कुछ और हैं, यानी कि हैदर का हस्तक्षेप निमित्तमात्र है.

काले धन से जुड़े तीन खाताधारकों के नाम उजागर हुए

By TCN News, नई दिल्ली: केन्द्र सरकार आज शीर्ष अदालत में काला धन मामले में विदेशी बैंकों में पैसा जमा करने वाले तीन खाताधारकों के नाम उजागर कर दिए हैं. सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए ताज़ा हलफनामे में यह फ़ैसला लिया है.

दस से अधिक बच्चों वाले हिन्दू परिवारों को पैसे देगी शिवसेना

By TCN News, लखनऊ: हिंदूवादी राष्ट्र के शोर के बीच देश की दक्षिणपंथी पार्टी शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के हिन्दू परिवारों को 21 हजार रूपए कैश देने का वादा किया है. शिवसेना की प्रदेश ईकाई ने कहा है कि शिवसेना उन हिन्दू परिवारों को 21 हज़ार रूपए देने की घोषणा करती है, जिन परिवारों में दस या उससे अधिक बच्चे हैं. शिवसेना ने कहा है कि ऐसा क़दम दूसरे संप्रदायों द्वारा हिन्दू धर्म पर बढ़ रहे खतरे से बचने के लिए किया जा रहा है.

अच्छे दिनों के साथ अच्छी दीवाली आई है : राम नाईक

By TCN News, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने हालिया बयान से प्रदेश की राजनीति में एक भूचाल ला दिया है. अपने ताज़ा बयान में श्री नाईक ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार लाने की ज़रूरत है. उनके इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने कहा है कि राज्यपाल उत्तर संवैधानिक सत्ता के रूप में व्यवहार कर रहे हैं.

कैप्टन अब्बास अली- एक शख्स जिसने सियासत के मेयार को बुलंद रखा

By शेष नारायण सिंह, कैप्टन अब्बास अली 94 साल की उम्र में अलविदा कह गए। कप्तान साहेब एक बेहतरीन इन्सान थे। आज़ाद हिन्द फौज का यह कप्तान जब अपनी बुलंदी पर था तो उसने किसी तरह का समझौता नहीं किया। और यह बुलंदी उनकी ज़िंदगी में हमेशा बनी रही। उनकी एक ही तमन्ना थी कि ज़िंदगी भर किसी पर आश्रित न हों। उम्र के नब्बे साल पूरे होने पर उनकी आत्मकथा को दिल्ली में प्रकाशित किया गया था। शायद इस किताब का शीर्षक यही सोच कर रखा गया होगा। शीर्षक है, “ न रहूँ किसी का दस्तनिगर” और 11 अक्टूबर को कप्तान साहेब ने आख़िरी सांस ली उसके एक दिन पहले तक अपने हाथ पाँव से चलते रहे और शान से चले गए। 94 साल की उम्र में कप्तान साहेब जब गए तो किसी के सहारे नहीं रहे। उनके बेटे कुर्बान अली हमेशा उनको अपने साथ दिल्ली में रखना चाहते थे लेकिन कप्तान साहेब अपनी कर्मभूमि अलीगढ़ और बुलंदशहर को कभी नहीं भूलते थे। मौक़ा लगते ही अलीगढ़ चले जाते थे। उनकी ज़िंदगी के बारे में शायद बहुत कुछ नहीं लिखा जाएगा क्योंकि वे डॉ राम मनोहर लोहिया की उस राजनीतिक परंपरा के अलमबरदार थे जिसमें सरकारी ओहदे के लिए राजनेता को कोशिश न करने की हिदायत है। लेकिन इस बहादुर इंसान की ज़िंदगी को कलमबंद होना चाहिए ताकि आने वाली नस्लों को मालूम रहे कि खुर्जा कस्बे के पास के गाँव कलंदर गढ़ी में एक ऐसा इंसान भी रहता था जिसने मानवीय आचरण की हर बुलंदी को नापा था।

मेरी लड़ाई पूरी व्यवस्था से है – कैलाश सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से TCN की बातचीत By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, अभी हाल ही में भारत के समाजसेवी एक्टिविस्ट कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की बेटी मलाला युसुफजई को शांति के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबल पुरस्कार से नवाज़ा गया है. कैलाश सत्यार्थी को यह पुरस्कार उनके ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यों के तहत दिया गया है, और मिल रही खबरें यह कह रही हैं कि कैलाश सत्यार्थी ने बाल मजदूरी के खिलाफ़ काम करते हुए लगभग 83,000 बच्चों की ज़िंदगी सुधारने का काम किया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश वह इलाका है, जहां कैलाश सत्यार्थी ने अपने काम का एक बड़ा हिस्सा समर्पित किया है. यहां के मुख्य कालीन निर्माण के क्षेत्र मिर्ज़ापुर में कैलाश सत्यार्थी ने बाल मजदूरी उन्मूलन के लिए काफी काम किया है.

महाराष्ट्र चुनाव: एमआईएम की राजनीति से मुस्लिम मतदाता दुविधा में

By ए. मिसराब, TwoCircles.net, मुम्बई: मुख्यतः हैदराबाद में केंद्रित राजनैतिक संगठन आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने आन्ध्र और तेलंगाना के इलाकों से बाहर पाँव पसारते हुए 15 अक्टूबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अपने 24 प्रत्याशी खड़े किए हैं. जैसी आशा थी, ये सारे प्रत्याशी मुस्लिम बहुल इलाकों में खड़े किए गए हैं, विशेषकर मराठवाड़ा में, जो आज़ादी के पहले हैदराबाद के निजाम के सूबे में शामिल था. अकेले मराठवाड़ा से अधिक प्रत्याशियों को खड़ा करने का कारण भी ज़ाहिर ही है क्योंकि नांदेड़ में 11 पार्षदों के साथ मुंसीपाल्टी स्तर पर एमआईएम के पैर मजबूत हैं. यही कारण है कि नांदेड़ को एमआईएम की गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र की जनता से दागी प्रत्याशियों को वोट देने का आग्रह...

By ए. मिसराब, TwoCircles.net, मुम्बई: “तुम कमल का बटन दबाओगे. तो वोट मुझे ही जाएगा”, ऐसा कहना है नरेन्द्र मोदी का, जिसे उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार दोहराया और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी वे यही बात कह रहे हैं. आश्चर्य की बात तो ये है कि मोदी इस बात को उस वक्त भी दुहराते हैं जब वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में खड़े हो रहे आपराधिक वारदातों के आरोपी और विवादास्पद प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

मौका मिला तो समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के विकास मे अपना योगदान देगी : अब्दुल...

By TCN News, मुम्बई: गुरुवार को समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय मे आयोजित पत्रकार सभा में आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ़ से...

मोदी सरकार सो रही है कुम्भकर्ण की नींद – सर्वोच्च न्यायालय

By TCN News, अपने वजूद को मजबूत और क़ाबिल मानकर आगे बढ़ रही मोदी सरकार के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि मोदी सरकार कुम्भकर्ण की नींद सो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी फटकार से केन्द्र सरकार को शर्मसार करते हुए गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार कुम्भकर्ण की माफ़िक व्यवहार कर रही है, जो लम्बी नींद में सोया रहता था. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की तुलना 19वीं सदी के काल्पनिक पात्र ‘रिप वान विंकल’ से भी की, जो अपने स्वभाव में बेहद काम चोर था.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शरद यादव

By TCN News, आज से शुरू हो रहे समाजवादी पार्टी के तीन-दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ के बीच समाजवादी...

स्वच्छ भारत अभियान के समानांतर

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, साल 2012 के अक्तूबर महीने में तत्कालीन केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि देवालयों के निर्माण से ज़्यादा ज़रूरी है कि शौचालयों का निर्माण कराया जाए. इस बयान के परिणामस्वरूप हुए विरोध प्रदर्शनों को भारतीय लोकतंत्र बेहद अचकचाई निगाहों से देखता है, जहां कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को जयराम रमेश के आवास के मुख्यद्वार पर नारेबाज़ी के साथ पेशाब किया.

मुस्लिम समीकरण साधने में जुटी शिवसेना

By A.Mirsab, TwoCircles.net, महाराष्ट्र में जब सारी बड़ी राजनीतिक पार्टियां महाराष्ट्र में बिना किसी गठजोड़ के अपने बूते पर चुनाव लड़ने जा रही हैं, ऐसे में वे छोटे-बड़े किसी भी वर्ग को नज़रंदाज़ नहीं करना चाह रही हैं. कठिन रस्साकशी के बीच टूटे २५ साल पुराने भाजपा-शिवसेना गठबंधन से शिवसेना को अपना वोटबैंक बनाने में कड़ी मशक्क़त का सामना करना पड़ रहा है. एक अल्पज्ञात मुस्लिम संगठन ‘महाराष्ट्र मुस्लिम एकता परिषद्’ ने उद्धव ठाकरे द्वारा नीत शिवसेना को अपना समर्थन देने का फ़ैसला किया है. परिषद् के अनुसार यह फैसला साम्प्रदायिक विषयों पर उद्धव ठाकरे की राय जानने के बाद यह फैसला लिया गया.

सांप्रदायिक हिंसा के ख़ात्मे के लिए सख़्ती की ज़रूरत

By TCN News, नई दिल्ली: सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं व अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने केंद्र तथा राज्य सरकारों से देश के कई भागों में कस्बों व गाँवों में अल्पसंख्यक संप्रदायों को निशाना बनाने व बलपूर्वक दबाने वाले तथा सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले संगठित घृणा और हिंसा अभियानों के ख़ात्मे के लिए त्वरित कार्यवाही की मांग की है.

धर्मनिरपेक्ष ‘महागठबंधन’ और साम्प्रदायिक गुत्थियां

By राजीव यादव, बिहार उपचुनाव में नीतीश-लालू के महागठबंधन को ६ सीटें और राजग को ४ सीटें मिलने के बाद पूरे देश में इस किस्म के गठबंधन बनने-बनाने के गुणा-गणित शुरु हो गए है. महागठबंधन को मिली सफलता से उत्साहित शरद यादव ने कहा कि “भाजपा को रोकने के लिए अगले चुनाव में अब देश भर में महागठबंधन करेंगे.” सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने वाले इस महागठबंधन के मद्देनज़र इस बात को जेहन में रखना चाहिए कि इस महागठबंधन के दोनों मुस्लिम प्रत्याशियों - नरकटिया गंज से कांग्रेस के फखरुद्दीन और बांका से राजद के इकबाल हुसैन अंसारी - की हार हुई है. बांका में कड़ी टक्कर देते हुए इकबाल मात्र ७११ मतों से हारे हैं पर इससे यह भी साफ़ है कि जातीय समीकरणों से ऊपर उठकर भाजपा को हिंदू वोट मिले हैं. महागठबंधन ने मुस्लिम वोटों को तो समेट लिया पर हिंदू वोटों को अब भी समेट नहीं पाया, जो एक जेहनियत है, जिससे लड़ने का वायदा महागठबंधन कर रहा है.

अस्मानामा : मैं तो चार से निक़ाह करूंगा, लेकिन तुम्हारा क्या?

By अस्मा अंजुम खान, TwoCircles.net, (अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं और ढेर सारी बातें करती हैं.) शनिवार का दिन मेरे लिए एक मशक्क़त से भरे हफ़्ते के अंत का सूचक होता है. पिछले छः दिनों के भीतर किए गए कामों के बाद मिलने वाला आराम मुझे अपने आगोश में लेने लगता है. इसी बीच एक शनिवार को एक बहन आती है और मुझे गले से लगाकर फूट-फूटकर रोने लगती है. उसने बताया कि आयशा और अन्य उम्माहतुल मोमिनीन के बारे में मेरी बातों ने उसके दिल को छू लिया. लेकिन अपनी उस रुलाई के बारे में पूछे जाने पर उसने जो बताया, उससे मैं न सिर्फ़ चकित हुई बल्कि अगले कुछ हफ़्तों तक मेरे भीतर डर बैठ गया था.

फ़िर फ़िसली साक्षी महाराज की ज़ुबान

By TCN News, यह विरोधाभासी समय खबरों की दुनिया में एक लंबे समय तक बना रहेगा. एक तरफ़ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी साम्प्रदायिक छवि को छोड़कर सद्भाव और सेकुलर छवि बनाना चाह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता और सांसद साक्षी महाराज उनकी अधर में पड़ी लुटिया को डुबोने में लगे हैं. साक्षी महाराज अपने बयानों से बाज़ नहीं आ रहे. पहले उन्होंने मदरसों और लव-जिहाद पर बयान देकर ‘राष्ट्रवादी’ वाहवाही तो लूट ही ली थी, लेकिन अपने बयान पर कायम होने की बात और मोदी के कथन की अपने ही तरीके से ‘समीक्षा’ करने के बाद उन्होंने संभवतः और भी क़ाबिल-ए-गौर काम किया है.

अमरीकी कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में नरेन्द्र मोदी को समन जारी किया

By TCN News, भारत की नयी-नयी चुनी गयी और विदेशी सम्बन्धों को प्रगाढ़ करने में जुटी भारत सरकार को भान भी न था कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अमरीका में स्वागत एक अदालती समन के साथ होगा. प्रधानमंत्री द्वारा अमरीका की मिट्टी पर पांव रखने के पहले ही एक अमरीकी अदालत ने 2002 में हुए गुजरात दंगों में कथित संलिप्तता के आरोप में नरेन्द्र मोदी को समन जारी कर दिया है.

पाठ्यपुस्तक में मुस्लिम शिक्षाविदों को शामिल किए जाने पर महाराष्ट्र में बवाल

By मोहम्मद इस्माईल खान, TwoCircles.net, महाराष्ट्र इन दिनों कई किस्म के घमासानों का घर बना हुआ है. इस क्रम में नया बवाल हुआ है राज्य सरकार की उर्दू में प्रकाशित एक किताब को लेकर. किताब में कुछेक मराठी शिक्षाविदों के स्थान पर मुस्लिम शिक्षाविदों का नाम शामिल किए जाने से राज्य में नए विवाद ने जन्म ले लिया है. कट्टर मराठा समुदाय के लिए यह घटना उनकी अस्मित पर चोट सरीखा है. इसके उलट उर्दू विभाग और अध्यापकों ने इस घटना को एक समावेशी क़दम करार दिया है.

गरबा पर घमासान जारी, दोतरफ़ा ज़ुबानी जंग तेज़

By TCN News, विश्व हिन्दू परिषद् ने नवरात्र के अवसर पर गरबा आयोजकों और गुजरात सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि ‘या तो सरकार गरबा में मुसलमानों के अआने पर प्रतिबन्ध लगाए, या तो हम अपने तरीके से रोक लगाएंगे’. इसके पहले भी खांटी हिंदूवादी संगठनों ने मुसलमानों के गरबा उत्सव में प्रवेश को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. इस स्तर के भी बयान आ चुके हैं कि ‘जो मुसलमान गरबा के उत्सवों के आना चाहते हैं वे अपनी माँ-बहनों के साथ आएं.’

‘भाजपा केवल मुसलमानों के लिए नहीं, पूरे समाज के लिए हानिकारक है’ : गौतम...

By TCN News, लखनऊ : बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की छठवीं बरसी पर समूचे मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर रिहाई मंच द्वारा ’सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति और खुफिया एजेंसियों की भूमिका’ विषयक गोष्ठी का आयोजन यूपी प्रेस क्लब में शुक्रवार को किया गया. बतौर प्रमुख वक्ता प्रख्यात पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने इस मामले के बरअक्स कई बातों पर प्रकाश डाला.

सेना-भाजपा का गठबंधन सबसे कमज़ोर दौर में, सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं

By TCN News, महाराष्ट्र में विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर जारी तनाव के कारण भाजपा-शिवसेना का पच्चीस साल पुराना गठबंधन बेहद कमज़ोर दौर में पहुंच गया है. शिवसेना के तेवर यदि गर्म हैं तो भाजपा भी तनाव की स्थिति में है. इस बीच एक और कोशिश करते हुए भाजपा ने सीट बंटवारे का नया फॉर्मूला पेश किया है, जिसमें वह 135 के बजाय 128 सीटों की मांग पर आ गई है.

उपचुनाव के नतीजे और सच का सामना

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, ‘अच्छे दिनों’ का बयाना लेकर आई भारतीय जनता पार्टी ने शायद सोचा भी नहीं था कि लोकसभा चुनाव में मिली इतनी करारी जीत के बाद उपचुनावों में लगभग उतनी ही करारी हार का सामना करना पड़ेगा. दस राज्यों में तीन लोकसभा और 33 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस उपचुनाव को बतौर प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी के इम्तिहान के तौर पर देखा जा रहा था. ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में इतनी जबरदस्त जीत दर्ज करने के बाद भाजपा को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री की ‘करिश्माई ताकत’ की बदौलत वह इन चुनावों में कुछ कमाल कर दिखाएगी, लेकिन मौजूदा परिणाम कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.

“मदरसे आतंकवाद की शिक्षा देते हैं” – साक्षी महाराज

By TCN News, कन्नौज/ लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने अपने विवादास्पद बयान से नयी बहस को तूल दे दिया है. साक्षी ने मदरसे को आतंकवाद की शिक्षा का गढ़ बताते हुए कहा कि हिंदू लड़कियों को फंसाने की साजिश रची जा रही है.

सोहराबुद्दीन शेख फर्ज़ी मुठभेड़ केस में आरोपी वंजारा को ज़मानत

By TCN News, गुजरात पुलिस के पूर्व अधिकारी डीजी वंजारा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने वृहस्पतिवार को सोहराबुद्दीन फर्ज़ी मुठभेड़ के मामले में जमानत दे दी. ज्ञात हो कि डीजी वंजारा को 24 अप्रैल 2014 को दो अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य सोहराबुद्दीन शेख को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. गुजरात पुलिस पर यह भी आरोप लगा था कि सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी की हत्या को गुजरात पुलिस ने अंजाम दिया. इस मामले के अहम गवाह तुलसीराम प्रजापति को भी फर्जी मुठभेड़ में मार देने का आरोप भी गुजरात पुलिस पर लगा है.

साम्प्रदायिक गठजोड़ के साये में उत्तर प्रदेश

By राजीव यादव, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जुलाई 2014 में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर आई रिपोर्ट ने भाजपा सांसद राघव लखनपाल व प्रशासनिक अमले को जिम्मेदार ठहराया तो भाजपा ने इसे राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट करार दे दिया. इस रिपोर्ट के आने के बाद लाल किले की प्राचीर से सांप्रदायिकता पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री से अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जा रही है. वहीं अमित शाह जब खुद कहते हैं कि यूपी में भाजपा सरकार बनाने तक उनका काम खत्म नहीं होगा और अब वह ‘मिशन यूपी पार्ट-टू’ की रणनीति पर चल रहे हैं तो ऐसे में इस रणनीति के मायने समझने होंगे कि अब वे किस नए मॉडल के निर्माण की जुगत में लगे हैं. साथ ही इसकी जाँच भी ज़रूरी है कि सत्ता प्राप्ति तक ‘संघर्ष’ जारी रखने का आह्वान करने वालों ने मिशन पार्ट वन में क्या-क्या संघर्ष किया?

कानून तोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ ने रैली की

By TCN News, लखनऊ: भड़काऊ भाषण देने में जवाब तलब किए जाने और चुनाव आयोग की रोक के बावजूद भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ की रैली में हिस्सा लिया और जनसमूह को संबोधित भी किया. लव जिहाद को लेकर भड़काऊ वक्तव्य देने के फलस्वरूप चुनाव आयोग ने योगी की इस रैली पर रोक लगा दी थी, लेकिन योगी ने कानून को धता बताते हुए न सिर्फ़ योगी आदित्यनाथ ने रैली की बल्कि उन्होंने प्रशासन पर सियासी दबाव में काम करने का आरोप भी लगा दिया.

जेयूसीएस ने चुनाव आयोग की शुचिता पर उठाए सवाल, कहा आयोग कर रहा साम्प्रदायिक...

By TCN News, लखनऊ : पिछले दिनों मीडिया में आए वीडियो पर योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि इसके पीछे नक्सलवादी ताकतों की साज़िश है. इसके बाद वीडियो के मूल स्रोत डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘सैफ्रन वार’ के निर्माता-निदेशक सदस्यों ने इसे उल-जलूल हरकत करार देते हुए फिल्म में उठाए गए दलितों के हिन्दूकरण, महिला हिंसा, देश विरोधी विदेशी संगठनों से योगी के गठजोड़ और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में इस राजनीति की भूमिका से ध्यान हटाने की कोशिश बताया. डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार शाहनवाज़ आलम, राजीव यादव और लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि योगी आदित्यनाथ वीडियो को कभी अपना तो कभी कट- पेस्ट बता रहे हैं, लेकिन हमने पहले भी मीडिया द्वारा इस बात को संज्ञान में लाया है कि इस वीडियो के मूल स्रोत को न्यायालय से लेकर चुनाव आयोग सभी को सौंपा जा चुका है. लेकिन सरकार योगी पर किसी भी कार्यवाही के बजाय मुद्दे को सिर्फ चुनावी रणनीति की तरह देख रही है. योगी आदित्यनाथ भी इस अनदेखी का पूरा लाभ उठा रहे है. इस मामले में कोई भी कार्यवाही न करके चुनाव आयोग अपनी जवाबदेही से तो बच ही रहा है, साथ ही योगी को बचाने वाले अपने अधिकारियों को भी बचाने की कोशिश में लगा हुआ है.

यौन हिंसा और धर्मसंगत न्याय

By गुफ़रान सिद्दीक़ी, कथित तौर पर अमेठी के तांत्रिक की हवस की शिकार एक नाबालिग बच्ची से जब पुलिश अधीक्षक द्वारा बलात्कार के आरोपी का नाम पूछा जाता है, तो बच्ची मौनी बाबा का नाम लेती है. यह सुनकर लड़की को डांटकर भगा दिया जाता है और यह धमकी भी दी जाती है कि अगर वह फ़िर से मौनी बाबा का नाम लेगी तो उसके पूरे परिवार को झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा. पीड़िता को यही बातें उसकी मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर से भी सुनने को मिलती है और आखिर में न्यायिक मजिस्ट्रेट से भी. अंत में थक-हारकर पीड़िता और उसके पूरे परिवार को अपना घर छोड़ कर लखनऊ में अपने किसी परिचित के घर शरण लेनी पड़ती है. यह घटना निर्भया कांड के बाद की है, यानी उस समय की जब पूरे प्रशासनिक तंत्र को बलात्कार के मामलों में पहले से ज्यादा मुस्तैद और संवेदनशील बनाने की वचनबद्ध घोषणाएं हमारी सरकार करती रही है.

मैं पूरी संसद पर थूक दूंगा – वेद प्रताप वैदिक

By TCN News, कट्टरपंथी-आतंकवादी और जमात-उद-दावा के मुखिया हाफ़िज़ सईद से मुलाक़ात कर चर्चा में आए वेद प्रताप वैदिक ने इस बार अपने सिर पर नयी मुसीबत मोल ले ली है. अजमेर साहित्य उत्सव के आखिरी दिन शिरकत कर रहे वैदिक ने कहा है कि यदि संसद सदस्य उनके खिलाफ़ राष्ट्रदोह का प्रस्ताव लाते हैं तो मैं पूरी संसद पर थूक दूंगा.

‘लव जिहाद’ और समाजशास्त्र का आईना

By राजीव यादव, हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन जयति भारतम की याचिका पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है. धर्म को न्यायालय में न लाने की नसीहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जयति भारतम द्वारा पेश की गयी तस्वीर पर चिंता व्यक्त की.

शैतान की खाला : आईएसआईएस के तरीकों से ब्रेनवाश

[हमारे युवाओं के दिमाग को भावनात्मक तौर पर बरगलाने और हमारे धार्मिक संवादों के लैंगिक मिजाज़ पर बहस] By अस्मा अंजुम खान, [अरे लड़कों, मुझे मत समझाओ. लेकिन क्या हम इस ‘कोसने’ के खेल को अपना संयुक्त और सार्वजनिक खेल नहीं बना सकते? चलो...कोसो, कोसो और ख़ूब कोसो. रुको मत. और आखिर में थोड़ा और कोसो. शुक्रिया.] यह कुछ साल पहले की घटना है.

अमित शाह के बंगले का किराया सिर्फ 3875 रूपये

By Afroz Alam Sahil, लुटियंस दिल्ली में प्रॉपर्टी की कीमत इतनी अधिक है कि बड़े कारोबारी भी यहां घर किराए पर लेने से पहले कई बार सोचते हैं. लेकिन यहां की बेशकीमती संपत्तियां राजनीतिक दलों के नेताओं को कौड़ियों के भाव में उपलब्ध हैं.

कानपुर साम्प्रदायिक हिंसा सोची-समझी साज़िश का नतीजा : जांच दल

By TCN News, लखनऊ/कानपुर: बीते दिनों कानपुर के भीतरगांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाबत एक मुक्त जांच दल ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. इंडियन नेशनल लीग, आमजन मोर्चा, ऑल इंडिया मुस्लिम मशावरत और रिहाई मंच के सदस्यों द्वारा गठित इस संयुक्त व मुक्त जाँच दल का मानना है कि यह घटना साम्प्रदायिक ताक़तों और प्रशासनिक तबके की मिलीभगत का नतीजा है. उन्होंने यह भी कहा कि घटना के एक हफ्ते बाद भी पीड़ितों का एफआईआर दर्ज न होना साबित करता है कि प्रशासन पूरे मामले को दबाने की फ़िराक़ में है.

हाशिए के एक समुदाय को संवारने की जद्दोजहद

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, जैसे-जैसे समाज विकास की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा हैं, साथ-साथ विकास की नुमाईश से दूर छिटक रहे लोग हाशिए पर और ज़्यादा धकेले जा रहे हैं. इन लोगों की फ़ेहरिस्त और इनका दायरा, दोनों ही इतने बड़े हैं कि आगे बढ़ने को लालायित भारतीय तंत्र इस समाज की कोई सुध नहीं ले पा रहा है. इनके बहुत सारे नाम हैं, बहुत सारे सम्प्रदाय और लगभग उतनी ही विविधता इनके साथ है. इस फ़ेहरिस्त में एक बेहद कम प्रचलित कहानी है शेख मदारी समुदाय की.

जेयूसीएस द्वारा योगी आदित्यनाथ की संसद सदस्यता खारिज़ करने की मांग उठाई गयी

By TCN News, लखनऊ : पिछले दिनों भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ का विवादित वीडियो चर्चा में आया, जिसमें वे मुस्लिम लड़कियों को जबरन हिंदू बनाने की बात कर रहे हैं. उक्त वीडियो के बारे में जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी(जेयूसीएस) के सदस्य डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार शाहनवाज आलम, राजीव यादव व लक्ष्मण प्रसाद ने कहा है कि यह दलितों के हिंदूकरण, महिला हिंसा, सांप्रदायिकता और आतंकवाद की राजनीति पर केन्द्रित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'SAFFRON WAR’ का हिस्सा है, जिसे 2011 से ही कई फिल्म महोत्सवों व अकादमिक गोष्ठियों में दिखाया जाता रहा है.

शैतान की ख़ाला: भाषा के बरअक्स विकास का सफ़र

शैतान की ख़ाला अस्मा अंजुम ख़ान का कॉलम है. अस्मा अंग्रेजी की अध्यापक हैं और बहुत बातें करती हैं. असमा अंजुम ख़ान, TwoCircles.net भाईयों और बहनों,...

‘मुस्लिम इस देश के नए वंचित समुदाय हैं’ – अजय गुडवर्ती

By मिशब इरिक्कुर और अभय कुमार, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण, बीते लोकसभा चुनाव और उसके परिणामों को लेकर एक बहुत व्यापक बहस सम्भव तो है, लेकिन यह भी ज़ाहिर है कि उस बहस से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना लगभग असंभव है. किसी भी निष्कर्ष के लिए ज़रूरी है किसी क़ाबिल और जानकार व्यक्ति से इस मसले पर बात करना. देश में साम्प्रदायिक हिंसा की खबरों का दायरा बड़ा होता जा रहा है और सत्ता पर क़ाबिज़ भाजपा पर अन्य पार्टियां इन दुरभिसंधियों में शामिल रहने के आरोप लगा रही है. इन बिंदुओं को समेटते हुए अजय गुडवर्ती से बात की. अजय गुडवर्ती जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत है. उत्तर-मार्क्सवाद, उत्तर-औपनिवेशिक अध्ययन, सिद्धांतों में खुद की गहरी रूचि के अलावा भारतीय राजनीति की गति और उसके विकास पर भी अजय की गहरी दृष्टि है.

‘विकास’ के मॉडल राज्य गुजरात में प्रशासन का फ़रमान, ‘अयोग्य’ वस्त्र न पहनें लड़कियां

By TCN News, अहमदाबाद/पोरबंदर : गुजरात सरकार द्वारा जारी ‘महिला सशक्तिकरण’ के हाल ही जारी किए गए पोस्टर में लड़कियों को आदेशित किया गया है कि वे 'अयोग्य' कपड़े पहनकर घर से न निकलें. पोस्टर में इस्तेमाल किए गए स्लोगन के साथ जींस टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी कुछ विदेशी लड़कियों की तस्वीरें भी चस्पा हैं.

पीयूसीएल ने की राजस्थान पुलिस की भर्त्सना, कहा ‘राजस्थान प्रशासन ने साम्प्रदायिक सौहार्द्र को...

By TCN News, पीपुल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल), राजस्थान ने राजस्थान पुलिस की कड़े शब्दों में निंदा की है. उनके अनुसार राजस्थान पुलिस ने जयपुर के मुस्लिम उद्योगपतियों और जमाते-इस्लामी-हिंद के डा. इक़बाल पर बेबुनियाद आरोप लगाया कि इन्होंने गरीब हिन्दुओं से उनकी ज़मीन खरीदकर उस पर मस्ज़िदों का निर्माण प्रारम्भ कर दिया है.

‘अच्छे दिन’ – सच या शिगूफ़ा

By सिद्धान्त मोहन. एक लंबा समय बीत चुका है. जिस समय अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनायी थी, सरकार बनने के अगले दिन से ही भाजपा ने केजरीवाल से एक-एक दिनों का हिसाब मांगना शुरू कर दिया था. तब तत्कालीन दिल्ली सरकार के लगभग हरेक फैसलों पर भाजपा ने आलोचनात्मक रवैया अपनाया था. थोड़ी कूटनीतिक चूक और ज़्यादा जोश की ज़द में आकर जब अरविन्द केजरीवाल ने खुद की सरकार को 49 दिनों में गिरा दिया, भाजपा ने भी मौके को भिन्न-भिन्न तरीकों से भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यह भी एक कारण था कि बनारस की इस साल की लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में अरविन्द केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा. इन बातों को यहां गिनाने का आशय साफ़ है, यदि भाजपा किसी एक सरकार की आलोचना करने का अधिकार रखती है तो इतने स्पष्ट और विराट बहुमत से आई केन्द्र सरकार के प्रति भी सराहना और हौसलाफ़जाही के साथ-साथ जनता को प्रश्नांकन और आलोचना का अधिकार प्राप्त है. कुछेक महीनों पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस के दस सालों के शासनकाल का हवाला देते हुए जनता से अपनी सरकार को ‘हनीमून पीरियड’ देने की गुज़ारिश की थी. लेकिन जनता, जो लगभग पिछले एक साल से वादों, घोषणाओं और भर्त्सनाओं के ज़रिए ‘रामराज्य’ के सपने देख रही थी, द्वारा देश की केन्द्रीय सत्ता से सवाल करना गलत तो नहीं है. चूंकि नरेन्द्र मोदी बनारस से चुनकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाए गए हैं और उन्होंने बार-बार ‘माँ गंगा’, ‘बनारस के बुनकरों’ और बहुलतावादी संस्कृति का हवाला दिया है, इसलिए TCN ने बनारस के भिन्न-भिन्न तबकों – जिनमें मतदाता, चुनाव प्रत्याशी, सामाजिक विचारक और राजनेता शामिल हैं – से मिलकर मोदी सरकार के इन लगभग शुरुआती तीन महीनों का हिसाब माँगा.

अनकही

अल्ताफ शाहजहाँ सरफ़रोशी की तमन्ना अब (भी) हमारे दिल में हैं मर मिटेंगे मुल्क पे क़ुरबान जितनी आपके दिल में उतनी ही मेरे दिल में है मेरा मुल्क मेरा...

हफ्ते भर बाद भी मोहम्मद सादिक का पता न लग पाना चिंता का विषय...

By TCN News, लखनऊ/ दिल्ली: दिल्ली की दिलशाद कालोनी निवासी युवक मोहम्मद सादिक की पिछले 9 अगस्त से लापता होने को गम्भीरता से लेते हुए रिहाई मंच ने पुलिस द्वारा मामले में तत्परता दिखाने की मांग की है. रिहाई मंच द्वारा जारी किए गए बयान में अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि ‘इस तरह हफ्ते भर से किसी मुस्लिम युवक का लापता हो जाना और दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक कोई सुराग न लगा पाना कई किस्म की आशंकाओं को जन्म देता है. आशंकाओं को और बल मिलता है जब पता चलता है कि सादिक़ मूलरूप से आज़मगढ़ का रहने वाला है क्योंकि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों पर आज़मगढ़ के कई मुस्लिम युवकों को कथित मुठभेड़ों में मारने या उन्हें कथित आतंकवादी साज़िशों में संलिप्त बताकर फंसाने के कई आरोप लगते रहे हैं.’

मोदी और मुलायम की खाली सीटों पर चुनाव 13 सितंबर को

By TCN News, नई दिल्ली: गुजरात की वड़ोदरा, उत्तर प्रदेश की मैनपुरी और तेलंगाना की मेडक की रिक्त लोकसभा सीटों और नौ राज्यों की 33 विधानसभा सीटों के उपचुनाव 13 सितंबर को संपन्न होंगे. मतदान 13 सितंबर और 16 सितंबर को मतगणना की जाएगी.

नाबालिग के अपहरण और सामूहिक बलात्कार के आरोपी अमेठी के मौनी बाबा व अन्य...

By TCN News, लखनऊ 13 अगस्त 2014। नाबालिग युवती का अपहरण, बलात्कार करने और उसे बेचने का षडयंत्र रचने के आरोपी अमेठी के तांत्रिक मौनी बाबा और अन्य के मामले में एफआईआर दर्ज करने, आरोपियों को गिरफ्तार करने और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर आज सामाजिक और महिला संगठनों ने आज हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

खरखौदा कांड पर कुछ सवाल

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, उत्तर प्रदेश, जिसे लेकर बहुत सारे राजनैतिक स्वप्न मुमकिन हैं, अब उन खौफनाक सपनों का गढ़ बनता जा रहा है जिसे हर लड़की के परिजन दिन-रात देख रहे हैं. बदायूं को लें, मुजफ्फरनगर या लखनऊ, सूबे का कोई भी प्रमुख इलाका बलात्कार और हत्या की घटनाओं से अछूता नहीं है. उन इलाकों की गिनती ही कहीं नहीं है, जहां हुए बलात्कार के मामलों की खबर ही समूचे पटल से नदारद है. इस फ़ेहरिस्त में एक और नाम, जि4ला मेरठ का जुड़ा है. मेरठ के खरखौदा में एक लड़की ने आरोप लगाया कि पिछले लगभग डेढ़ महीनों के अंतराल में उसके साथ दो बार सामूहिक बलात्कार हुआ, उसकी शरीर से किडनियां निकाल ली गईं और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया. प्रथम दृष्टि से यह मामला तो एक सीधा और साफ़ मामला लगता है लेकिन मामले की गहराई में जाने पर और भी कई बातें सामने आती हैं.
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