शुक्रिया लालू जी! आपके ‘तांगा प्लान’ ने हमें फिर से जिंदा कर दिया…

अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircles.net फ़िल्म ‘शोले’ की याद आते ही ‘बसंती’ की याद खुद बखुद आ जाती है. लेकिन सवाल यह है कि बसंती तांगे...

मोदी के ‘बिहार पैकेज’ पर लालू के सवाल!

By TwoCircles.net Staff Reporter पीएम नरेंद्र मोदी के आरा में रैली के दौरान बिहार को 1.65 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के साथ ही...

याक़ूब की फांसी : जनचेतना की हैवानियत

मुहम्मद नावेद अशरफ़ी याकूब मेमन को फांसी हुई, आधार था ‘जनचेतना’. दौर चाहे संप्रग का रहा हो या अब राजग का, यह कथित जनचेतना विश्व...

‘साम्प्रदायिक तनाव’ के मुहाने पर बिहार का बेतिया शहर

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net बेतिया (पश्चिम चम्पारण) : धार्मिक जुलूस हमेशा उन्माद का कारण बनते रहे हैं. भारत में हुए अधिकतर सांप्रदायिक दंगों की पृष्ठभूमि...

ओवैसी की बिहार आमद पे सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

अफ़रोज़ आलम साहिल, twocircles.net महाराष्ट्र और कर्नाटक में दस्तक देने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (मजलिस) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर...

“बिहारी बहुत बुरे होते हैं”

बिहार (पर्यटन विभाग से साभार) अविनाश चंचल, बिहारी बहुत बुरे होते हैं. इतने बुरे कि ऑटो चलाते हैं और आपका सामान छूट जाए तो घर पहुंचाते...

महज जुमलेबाज़ी पर होता बिहार में विकास

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार में विकास की गंगा बहाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में अपने चुनावी तक़रीरों में...

‘मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी’ ने बनाई थी बिहार में पहली सरकार

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.Net बिहार में मुस्लिम वोटों पर सबकी नज़र है. वोटबैंक की इस पॉलिटिक्स ने इन्हें और भी ज़्यादा अलग-अलग तबकों में...

भगाना के दलित: इंसाफ माँगा था, इस्लाम मिला

भंवर मेघवंशी लगभग 4 माह तक उनका सामाजिक बहिष्कार किया गया, आर्थिक नाकेबंदी हुयी, तरह तरह की मानसिक प्रताड़नाएँ दी गयी| गाँव में सार्वजनिक...

बिहार चुनाव : फिर जेल जाएंगे लालू!

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net पटना: ख़बर है कि चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके लालू यादव की ज़मानत रद्द कराने की तैयारी में...

बिहार चुनाव: सलाखों से झांकता जनादेश

अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircle.net पटना: समानता की बात करते हमारे लोकतंत्र में ऐसी कई असमानताएं हैं कि सुनकर हैरानी ही होती है. जेल में...

बिहार चुनाव: दंगल में ओवैसी की दस्तक

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net, पटना: ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ के नेता असदुद्दीन ओवैसी के ‘बिहार दांव’ को लेकर सियासी गलियारों में काफी हलचल है. ज़ेहन...

राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने कहा, धर्म आधारित आरक्षण असंवैधानिक

By TwoCircles.Net Staff reporter, नई दिल्ली: आज के दिन धारा 341 में लगाए गए धार्मिक प्रतिबंध के विरुद्ध राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के ज़रिए दिल्ली में...

नर्मदा बांध के खिलाफ़ आदिवासियों की विशाल पदयात्रा

By TwoCircles.Net staff reporter, खलघाट: मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में विस्थापित किसानों, मजदूरों और मछुवारों ने जीवन अधिकार यात्रा शुरू की है. यह जीवन...

बिहार चुनाव : नाक में दम करेंगे नीतीश कुमार

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.Net, पटना: धीरे-धीरे बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें पास आती जा रही हैं. चुनाव करीब आते-आते भारतीय जनता पार्टी और जनता...

Globalization, religion and Hindi Press: A Case Study of Nav Bharat Times, New Delhi

Read First Part here: Communal agenda and Hindi press in a globalizing India</a Read Second Part here: Religious Diversity and Hinduisation of press</a Dr Arvind Das, Global...

मध्य प्रदेश में दोहरा ट्रेन हादसा, सांसत में जिंदगियां

By TwoCircles.Net Staff Reporter, भोपाल/ हरदा: बुधवार की सुबह कोई अचकचा संदेसा लेकर नहीं आई. बीती आधी रात मुंबई से वाराणसी आ रही कामायनी एक्सप्रेस...

मोदी राज और खतरे में संविधान

जावेद अनीस नयी सरकार के गठन के बाद पिछले एक साल में लगातार ऐसी घटनाएं और कोशिशें हुई हैं जो ध्यान खीचती हैं. इस दौरान...

क्या मुस्लिम सिर्फ ‘आतंकवादी’ और ‘राष्ट्रद्रोही’ ही रहेगा?

नैयर इमाम, कुछ दिनों पहले फूलन देवी की पुण्यतिथि बीती है. मल्लाह जाति से आने वाली फूलन देवी का सामूहिक बलात्कार उच्च जाति के दबंगों...

खुद की सालगिरह के दिन याक़ूब मेमन ने फांसी को गले लगाया

TwoCircles.Net Staff reporter मुंबई/ नागपुर: याक़ूब मेमन को आज यानी 30 जुलाई की सुबह नागपुर सेन्ट्रल जेल में फांसी पर चढ़ाया गया. सुबह...

याक़ूब मेमन – शख्स जो सबके गुनाहों का बोझ लेकर फांसी चढ़ेगा

By वसीम अकरम त्यागी, 'टाईगर सही था हमें लौटना नहीं चाहिये था....' महज इस एक पंक्ति में अपना विरोध दर्ज कराने वाले याकूब मेमन की...

याक़ूब मेमन की फांसी के पहले इन पांच सवालों के जवाब ज़रूरी

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सिविल सोसाइटी के बड़े हिस्से द्वारा याकूब...

फूलन देवी – दलित प्रतिरोध की कामना का दस्तावेज़

बादल सरोज, उनके साथ ग्वालियर की जेल में न जाने कितनी-कितनी बार गहरी बातें करने की स्मृतियाँ हैं. वे अंदर फाटक के पास बनी जेल...

हिन्दू बनाम मुसलमान

सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा हिंदुस्तान में कुल आबादी का तेरह से चौदह फीसदी लोग वो हैं जिन्हें मुसलमान कहा जाता है, यानी क़रीब बीस करोड़ लोग।...

याकूब मेमन को फांसी तो साध्वी प्रज्ञा व कर्नल पुरोहित को भी क्यों नहीं...

TCN News लखनऊ: रिहाई मंच ने याकूब मेमन की फांसी के फैसले को भारतीय राज्यतंत्र द्वारा सांप्रदायिकता जैसे गंभीर मसलों को हल न कर पाने...

वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर जहांगीराबाद मीडिया संस्थान ने शुरू किए नए डिग्री...

TCN News, लखनऊ: बाराबंकी स्थित जहांगीराबाद मीडिया संस्थान में अब छात्र डिग्री कोर्सों में दाखिला लेना शुरू कर रहे हैं. महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,...

सियासी इफ्तारों के बीच सुलगती अटाली की राख

वसीम अकरम त्यागी सियासी इफ्तार में रमज़ान के इस आखिरी मरहले में उछाल आया है. एक दिन पहले कांग्रेस ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया...

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच : मुस्लिमों का बढ़ावा या दिखावा

सिद्धांत मोहन वाराणसी : कई दफा सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर होती दिखती है, जिसमें पथ-संचलन कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर...

हम पाकिस्तान बन रहे हैं

सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा अस्सी के दशक में पाकिस्तानी रिश्तेदार गर फोन करते थे तो पहला सवाल होता था... तुम्हारी तरफ ग़ुरबत के क्या हाल हैं......

एक ख़त छल्लू के नाम

मनोज मिश्र कल हमारे घर में मेरे बचपन की साथी छल्लू ने अपने जीवन के आखिरी बच्चे को जन्म दिया, छल्लू अब तक बहुत...

बिखरते कश्मीर से निकलती दीबा फरहत की कामयाबी की दास्तां

शरीक़ अंसर, संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में इस बार भी लड़कियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. इस बार...

रमज़ान 1436 : जामा मस्जिद में सुकून बसता है

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.Net 'भाई, आप तस्वीरें खींचते हैं?' 'हां' 'मेरी तस्वीर खींचने का कितना लेंगे?' 'कुछ भी नहीं, मैं ऐसे ही खींच देता हूं.' 'नहीं, कुछ पैसे तो ले...

हरियाणा के अटाली गांव की मौजूदा हकीक़त

अली सोहराब हरियाणा के अटाली गांव में हिंसा की वजह से घर छोड़ने पर मजबूर मुसलमान अब अपने गांव वापिस आ गए हैं. लेकिन अब...

पत्रकारों की हत्या में मक़सूर होता लोकतंत्र

मोहम्मद आसिफ़ इकबाल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पत्रकार जोगेन्द्र सिंह को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार...

एक और बंटवारे की राह पर खड़ा है भारत

जावेद अनीस, सआदत हसन मंटो ने अपनी मशहूर रचना ‘टोबा टेक सिंह’ में एक दिमागी अस्पताल का ज़िक्र करते हुए बताया था कि सन् 47...

ये भी तो ख़ुदा की मर्ज़ी है, क़ुरआन की ज़ुबां भी अरबी है

डॉ. नदीम ज़फर जिलानी हर माह-ए-रमज़ान के वक़्त एक बहस सोशल मीडिया पर ज़रूर उभरती है, इसे रमज़ान कहें या रमदान. इंग्लैण्ड में रहने वाले...

SIO – BHU और संघ के जुड़ाव पर SIO की सफ़ाई

काशिफ़ अहमद फ़राज़, SIO और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमिनार के बाबत SIO के एक पूर्व सदस्य सोशल मीडिया में मुख्य मुद्दे से हटकर...

कनहर ने लिया बदला, बाढ़ में यूपी सरकार का बांध

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.Net, सोनभद्र: सोनभद्र के दुद्धी में कनहर नदी पर सिंचाई परियोजना के तहत बन रहे बांध के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों-योजनाओं...

SIO और BHU के बीच लटकती साम्प्रदायिक सौहार्द्र की हक़ीक़त

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी: कम्यूनल हार्मोनी यानी साम्प्रदायिक सौहार्द्र पर बात करना या उसे किसी चर्चा का विषय बनाना उतना आसान नहीं, जितना सोचने में...

बिहार चुनाव: बड़े फेरबदल की तैयारी में जुटे पप्पू यादव

By TwoCircles.net Staff Reporter, पटना: बिहार चुनाव में रोज़-ब-रोज़ नए फेरबदल देखने को मिल रहे हैं. कुछ दिनों पहले पप्पू यादव पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से...

भारत ने जला दिए ‘आतंकवाद पर हुए समझौते’

अफ़रोज़ आलम साहिल, टीसीएन हिन्दी के लिए, नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय ‘आतंकवाद’ से निबटने के लिए पिछले एक दशक के दौरान भारत ने कई देशों...

बिहार चुनाव: जीतनराम मांझी का भगवा चोला

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.Net पटना/ नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव के संभावित समय का ऐलान होते ही अब सारी रणनीतियां रंग दिखाने लगी हैं. पुराने...

रिहाई मंच चलाएगा इंसाफ़ मुहिम, ‘लोकतंत्र और इंसाफ का सवाल‘ पर हुआ सम्मेलन

TCN News, सुल्तानपुर: सांप्रदायिकता, जातिगत हिंसा और भागीदारी के सवाल पर सलीम हायर सेकेन्डरी स्कूल, खैराबाद सुल्तानपुर में रिहाई मंच के ‘लोकतंत्र और इंसाफ...

पूर्वांचल में स्वराज संवाद और नई थ्योरी का विस्तार

By सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी: आम आदमी पार्टी से निष्कासित किए गए नेता योगेन्द्र यादव और प्रो. आनंद कुमार ने पिछले दिनों स्वराज संवाद नाम...

अवैध खनन कारोबार में यूपी की सपा सरकार संलिप्त – रिहाई मंच

TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ‘लोकतंत्र और इंसाफ के सवाल पर’ 6 जून शनिवार को सुबह 10 बजे से सलीम हायर सेकेन्डरी स्कूल, खैराबाद सुल्तानपुर...

मोदी की मुस्लिमों से मुलाक़ात – कुछ सवाल

By TwoCircles.Net staff reporter, नई दिल्ली: दो महीनों के दरम्यान नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों से कल यहां दूसरी दफा मुलाक़ात की है. मंगलवार को हुई...

परमाणु ऊर्जा के खिलाफ चुटका में संघर्ष जारी

TCN News जबलपुर: कल तारीख 31 मई 2015 को चुटका परमाणु बिजली परियोजना के खिलाफ चुटका में हुई स्थानीय लोगों की विरोध सभा में...

आतंकवाद से निपटने के लिए संगठित प्रयासों की ज़रुरत – राष्ट्रपति

By TCN News, नई दिल्ली: आज राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘गंभीर स्वरूप ले चुके और अंतराष्ट्रीय समुदाय को संकट में डालने वाले आतंकवाद के मुद्दे से निपटने के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यता है.’ राष्ट्रपति भवन में भारतीय विदेश सेवा के 2013 बैच के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार और अन्य आपराधिक गतिविधियों के कारण उग्रवादियों की प्रचुर हथियारों ओर अन्य संसाधनों तक पहुंच संभव हो रही है.

उत्तर प्रदेश: भंवर में महिला-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं

By सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी/लखनऊ: भारत बहुत पहले से ही जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य और उनकी मृत्युदर को रोकने की नीयत से प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम चला रहा है. खासकर पिछले दस सालों में देश के ग्रामीण इलाकों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है कि महिलाओं का प्रसव उचित चिकित्सकीय देखरेख में कराया जाए और नवजात शिशु का किस तरीके से रखरखाव किया जाए, जिसकी वजह से उसे किसी भी संक्रमण या रोग से बचाया जा सके. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘पिछड़ा’ गिने जा रहे राज्यों में उत्तर प्रदेश का नाम सबसे ऊपर आता है. लेकिन इस नज़र को थोडा और वृहद् करके देखें तो ज्यादा गूढ़ सचाईयां सामने आती हैं.

राजस्थान का नागौर जिला दलितों की कब्रगाह बनता जा रहा है

By भंवर मेघवंशी, राजस्थान के नागौर में हुए दलितों के जनसंहार पर भंवर मेघवंशी की यह रिपोर्ट इस मुल्क का चेहरा है, जो रोज ब रोज दलित-मुस्लिम-आदिवासी बस्तियों में देखने को मिलता है. भंवर राजस्थान में दलित, आदिवासी और घुमन्तु समुदाय के लिए संघर्षरत है. प्रतिरोध से साभार.

लोहिया के ही खिलाफ खड़ी हो रही समाजवादी सरकार – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: शिरडी में संविधान निर्माता अंबेडकर के गाने का रिंगटोन बजने पर दलित युवक की हत्या को रिहाई मंच ने फासिस्ट शक्तियों की क्रूरता का एक और उदाहरण कहते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ मंच ने राजस्थान में नागौर जिले के कई गावों में हुए दलित उत्पीड़न का पुरजोर विरोध किया है.

अच्छे दिनों की आस में निराश बनारस के लोग

By TCN News, वाराणसी : 16 वीं लोकसभा का चुनाव का सबसे रोचक मुकाबला बनारस में ही था, यहां की जनता ने नरेंद्र मोदी को न सिर्फ सांसद बनाया बल्कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचाया. बनारस का चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल के साथ साथ एक बड़े बदलाव के नाम भी रहा था. मोदी ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान बड़े बड़े वायदे किये थे.

बनारस से फैलता भारत-पाक एका का राग

By सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी: इस शहर के प्रचलित होने के अपने ही निराले कारण हैं. पिछले साल देखते-देखते यह शहर लोकसभा चुनाव की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट में तब्दील हो गया. मोदी और केजरीवाल में टक्कर हुई. उसके पहले कई सारे आयोजन और कई सारे फसानों ने शहर को चर्चा के केंद्र में रखा ही है. शहर के बीचोबीच मुस्लिम बहुल इलाके में मौजूद मोहल्ले बेनियाबाग में एक शख़्स से मिलने का वक़्त रात को साढ़े ग्यारह के बाद का है. जब शहर सो जाता है तो यह शख़्स न्यौता देता है कि आइये, यहीं चाय पिएंगे और बात भी करेंगे. शख़्स का नाम है ‘अशफाक़ मेमन’. चौराहे पर एक एक छोटा-सा मंदिर है, उसके चबूतरे पर चाय की दूकान लगती है और मंदिर की दीवार से पीठ टिकाकर अशफाक़ मेमन आपसे रातभर बात कर सकते हैं. पुलिसवाले उन्हें ‘नेताजी सलाम’ कहकर संबोधित करते हैं तो अशफाक़ मेमन कहते हैं कि नेताजी मत कहा करो यार.

जिस कदर रामपुर रज़ा लाइब्रेरी ने बढ़ाया मान

By TCN News, रामपुर: यह जानना आश्चर्य का ही विषय है कि रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के ख़जाने में दुर्लभ पाण्डुलिपि ‘जामिउत तवारिख’ संरक्षित है. रामपुर रज़ा लाइब्रेरी और रामपुर के निवासियों के लिए यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि रज़ा लाइब्रेरी की इस अत्यन्त दुर्लभ पाण्डुलिपि की प्रतिलिपि हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगोल यात्रा के दौरान 17 मई 2015 को मंगोलिया के महामहिम राष्ट्रपति श्री साखिगिन इलबेडोर्ज को भेंट की गई.

फारवर्ड प्रेस के कार्यक्रम में इतिहास व साहित्य के पुर्नलेखन का आह्वान

By TCN News, पटना: ‘आज भारत के तमाम संस्थानों में वैदिक संस्कृति के नाम पर डुप्लीकेट भारतीय इतिहास पढ़ाया जा रहा है. वैदिक सभ्यता नहीं संस्कृति रही है जिसका कोई ठोस तथ्य व आधार नहीं है’, ये बातें प्रसिद्ध आलोचक व ओबीसी सिद्धांतकार राजेंद्र प्रसाद सिंह ने स्थानीय गांधी संग्रहालय में बागडोर द्वारा आयोजित संगोष्ठी के अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहीं. मुख्य अतिथि बिहार सरकार के वित्त वाणिज्यकर एवं ऊर्जामंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, ‘राजनीति सत्ता परिवर्तन के लिए होती है. समाज परिवर्तन के लिए आंदोलन की आवश्यकता पहले भी थी और आज भी है. भारत की संस्कृति संत, सामंत और ढोंगियों की संस्कृति रही है.’

न्याय की मांग लेकर सड़क पर उतरेगी इंडियन नेशनल लीग

By TCN News, कानपुर: हाशिमपुरा जनसंहार पर हाल में ही आए अदालती फैसले के बाद पीड़ितों के इंसाफ के सवाल पर इंडियन नेशनल लीग(आईएनएल) ने प्रेस काफ्रेंस कर जनसंघर्ष और खुले-आम प्रदर्शन की चेतावनी दी है। मीडिया को संबोधित करते हुए आईएनएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि बेगुनाहों की सामूहिक हत्या के इस जघन्यतम अपराध में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी दोषियों के बराबर भागीदार है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के रहनुमा बनने का दावा करने वाले मुलायम सिंह यादव ने हत्याकांड में इस्तेमाल राइफलों को केस से नहीं जोड़ा। यही नहीं, अदालत में चल रहे इस मुकदमे में लंबे समय तक सरकारी वकील तक नहीं उपलब्ध कराया गया। इस दौरान मशावरत की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई और उसके बाद इस केस को दिल्ली स्थानांतरित किया गया।

बिहार के भाग्य की तारीखें लगभग तय

By TwoCircles.net staff Reporter, नई दिल्ली/ पटना : युद्ध-समर की सभी तैयारियों के बीच समीकरण बनने-बिगड़ने का दौर और भी ज़्यादा तेज़ हो जाता है जब तिथियां घोषित हो जाती है. इसी तरह से अब बिहार के राजनीतिक बवाल के बीच आज केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह घोषित किया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव सितंबर-अक्टूबर में हो सकते हैं.

16 मई के दिन देवीप्रसाद मिश्र की दो कविताएं

वे मुसलमान थे इसलिए बचके निकलते थे वे मुसलमान थे इसलिए कुछ कहते थे तो हिचकते थे देश के ज़्यादातर अख़बार यह कहते थे कि मुसलमान के कारण ही कर्फ़्यू लगते हैं कर्फ़्यू लगते थे और एक के बाद दूसरे हादसे की ख़बरें आती थीं
Poem of Devi Prasad Mishra on 16th May

मौजूदा माओवादी उठापटक के पीछे का सच

By TwoCircles.net staff reporter, रायपुर/ बस्तर : छत्तीसगढ़ के माओवादी मूवमेंट के पीछे की सबसे बड़ी घटना ने तब रूप धरा जब ठीक उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन लाल गलियारों के दौरे पर थे. मुख्यधारा के अखबारों और टीवी चैनलों ने खबरों को इस तरह चलाया जैसे छत्तीसगढ़ और देश की भाजपा सरकारों के सांठगांठ के बूते देश के माथे पर लगे ‘माओवाद’ के कलंक को धोने में बड़ी मदद मिलेगी, लेकिन माओवादियों द्वारा 300 आदिवासियों को कथित रूप से बंधक बनाए जाने के बाद सारा खेल उल्टा पड़ गया.

क्यों सलमान खान की सजा से परेशान होने की ज़रूरत नहीं है?

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, जब सलमान खान की फ़िल्म ‘तेरे नाम’ रिलीज़ हुई तो कई युवाओं ने सिर के बीच से मांग काढ़कर लंबे बाल रखने शुरू कर दिए. यदि पाठक बनारस, इलाहाबाद या कानपुर से कोई ताल्लुक रखते होंगे तो जानते होंगे कि अक्सर सैलूनों और जींस बेचने वाली दुकानों पर सलमान खान एक ब्रांड-एम्बैसडर की तरह मौजूद रहते हैं.

राहुल की वापसी कितनी असरदार

By जावेद अनीस, किस तरह राहुल गांधी की वापसी कांग्रेस को उसके पुराने स्वरूप की ओर ले जाने में कारगर हो सकती है.... यह राजनीति में ब्रांडिंग और ‘निवेश’ का युग है, जहां ब्रांड ही विचार है और विज्ञापन ही सबसे बड़ा साधन है. मोदी ने 2014 की गर्मियों में इस बात को साबित किया था और अब राहुल गांधी इसे दोहराने के लिए कमर कस रहे हैं. समस्या यह है कि आभासी दुनिया के बल पर गढ़ी गयी छवियों के बनने और बिगड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है, अब नये मतदाता को लम्बे समय तक वफादार भी नहीं बनाये रखा जा सकता है. उसे तो अपने वोट (निवेश) का कम समय में रिटर्न चाहिए या कम से कम इसकी फीलिंग तो होती ही रहनी चाहिए.

हाईकोर्ट का आदेश इंसाफ-विरोधी सपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने खालिद मुजाहिद की हिरासत में हुई हत्या के बाबत इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश का स्वागत करते हुए इसे सपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया है.

रिहाई मंच के सपा सरकार विरोधी जन-सम्मेलन में पुलिस की दखलंदाज़ी

By TCN News, लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रोके जाने के बावजूद भारी पुलिस बल से झड़प के बाद रिहाई मंच ने ‘हाशिमपुरा जनसंहार’ पर सरकार विरोधी सम्मेलन लखनऊ में अमीनाबाद की सड़क पर किया. रिहाई मंच ने कहा, ‘इंसाफ किसी की अनुमति का मोहताज़ नहीं होता और हम इस प्रदेश सरकार के खिलाफ़ यह सम्मेलन कर सरकार को आगाह कर रहे हैं कि इन्साफ की आवाज़ अब सरे-आम बुलंद होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने हाशिमपुरा, मलियाना, मुरादाबाद के मामलों के साथ-साथ तारिक कासमी मामले में नाइंसाफी की है.’ पुलिस बल द्वारा सम्मेलन के दौरान हुई झड़प के बाद रिहाई मंच ने कहा, ‘हम इंसाफ के सवाल पर मुकदमा झेलने को तैयार हैं.’ लेकिन बाद में प्रशासन पीछे हटा और मजिस्ट्रेट ने खुद आकर रिहाई मंच का मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र लिया.

नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध – 3

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, कैसे केवल उत्तर प्रदेश की ही नहीं, झारखंड और छत्तीसगढ़ की भी सरकारें आदिवासियों की समस्याओं को मुआवज़े की कीमत पर तौल रही हैं? क्या होगा कनहर बांध बनने से और राज्यों के बीच किस तरह तनाव पसरा हुआ है... [इस सीरीज़ की पिछली कहानियांअकथ कहानी कनहर की, नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध – 1 और नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध -2] सोनभद्र: कनहर सिंचाई परियोजना पर ज़मीनी हकीकत को लेकर बहुत सारी सचाईयां उजागर हो चुकी हैं. विकास के नाम पर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार जिस तरह से किसानों और आदिवासियों की अमूल्य संपदाओं से खेल रही है, ज़रूरी है कि पार्टी के रिपोर्ट कार्ड में वह भी शामिल हो.

अरविन्द केजरीवाल की किसान रैली में किसान ने लगाया फांसी

By शारिक़ अंसर, नई दिल्ली: भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में 22 अप्रैल को जंतर- मंतर में आयोजित आम आदमी पार्टी के किसान रैली में पेड़ से लटक कर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। गजेंद्र नाम का ये किसान राजस्थान के दौसा जिले के नांगल झामरवाड़ा गांव का रहने वाला था, और इस रैली में विशेष रूप से शामिल होने आया था। देश की राजधानी में हज़ारों की भीड़ के सामने दिल दहला देने वाली इस घटना से चारों तरफ तफरी मच गई ।

नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध – 2

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, दो सालों बाद होने वाले चुनावों के लिए बांध को रिपोर्ट कार्ड में शामिल करने के लिए समाजवादी पार्टी क्या नीति अपना रही है और दुद्धी, सोनभद्र के अस्पतालों में घायलों का आंखों-देखा हाल... [इस सीरीज़ की पिछली कहानियां – अकथ कहानी कनहर की और नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध – 1]

नरकंकालों पर खड़ा होता कनहर बांध – 1

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, [किस तरह हर नियम की अनदेखी करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार आदिवासियों के जीवन के साथ खेल रही है?] सोनभद्र: जब समाजवादी पार्टी ने जनता परिवार में विलय स्वीकार कर कमान खुद के हाथ में ले ली, तो वे यह भूल गए कि उन्हें अपने उन एजेंडों पर टिके रहना है जिनकी बिना पर वे किसानों, दलितों और आदिवासियों के करीब हैं. विकास की परिभाषा ने उन सभी एजेंडों को मटियामेट कर दिया और विकास की दौड़ में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा उठाये गए कदम गुजरात या मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों से किसी हाल में भिन्न नहीं हैं. कनहर नदी से जुड़ी हुई कनहर सिंचाई परियोजना के तहत बाँध निर्माण की सचाई आप सभी जान चुके हैं. [पढ़िए पिछली स्टोरीअकथ कहानी कनहर की ] अब ज़रूरी यह है कि मौजूदा हालातों के साथ-साथ मामले के असल प्रशासनिक रवैया भी जाना जाए और दर्ज किया जाए.

अकथ कहानी कनहर की

कनहर सोन की सहायक नदी है. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले सोनभद्र का क्षेत्रफल 6788 वर्ग किलोमीटर है, जिसके आधे से भी ज़्यादा हिस्सा घने जंगलों से घिरा हुआ है. यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा आदिवासियों का है. इन आदिवासियों को रिजर्व फॉरेस्ट एक्ट के अनुच्छेद 4 व 20 ने उनके मूलभूत वनाधिकारों से वंचित रखा है.

20 अप्रैल को रिहाई मंच का लखनऊ में मशाल मार्च

By TCN News, लखनऊ: आगामी 20 अप्रैल को लखनऊ विधान भवन के सामने होने वाले मशाल मार्च और 26 अप्रैल को होने वाले ‘हाशिमपुरा जनसंहार: इंसाफ विरोधी प्रदेश सरकार के खिलाफ’ सम्मेलन की तैयारी के तहत रिहाई मंच ने चिकमंडी मौलवीगंज में एक संक्षिप्त सभा की.

पंच-नामा : कांग्रेस की नसीहत, जनता परिवार पर शिवसेना, सांसदों की गुहार, ईरानी के...

By TwoCircles.net staff reporter, पंच-नामा में आज....क्यों सही है कांग्रेस की मोदी को नसीहत, क्यों जायज़ हैं शिवसेना के सवाल? किसके दखल से परेशान हैं राज्यसभा सांसद, क्यों स्मृति ईरानी के दिन बुरे होते जा रहे हैं और आलम फ़िर से गिरफ्त में. 1. कांग्रेस की मोदी को नसीहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा में जमकर भाषणबाजी की. उस भाषणबाजी में उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के राज को ‘स्कैमयुक्त’ करार दे दिया और अपने शासनकाल को स्वर्णिम. अब इसके जवाब में कांग्रेस हमले पर उतर आई. कांग्रेस ने कहा कि विदेशी मिट्टी पर नरेन्द्र मोदी जिस तरह से पिछली सरकारों की आलोचना कर रहे हैं, उससे कुछ और ही सन्देश जा रहा है. मोदी को देश के प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव करना चाहिए, न कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में. कांग्रेस ने नसीहत दी है कि मोदी बाहर जाते हैं तो वे देश के प्रतिनिधि हैं, न कि भाजपा या कांग्रेस के. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे भूल जाते हैं कि वे पार्टी के नहीं देश के प्रतिनिधि हैं. अब आगे कभी भी वे इस कदर देश को बदनाम करेंगे, उसका तुरंत जवाब देने के लिए हम वहां मौजूद होंगे. ज्ञात हो कि मोदी ने कहा था, ‘जिनको गन्दगी करनी थी, करके चले गए. अब हम सफ़ाई करेंगे.’ आनंद शर्मा का यह कहना सही भी है, क्योंकि जिस तरह से भाजपा मौजूदा प्रधानमंत्री के विदेश सम्बन्धों को लेकर दुष्प्रचार कर रही है, उसमें यह बात साफ़ हो जा रही है कि प्रोजेक्शन और एक्स्पोज़र की राजनीति को लेकर भाजपा कहीं ज़्यादा गलत कदम उठा रही है.

पंच-नामा : आलम-गिलानी, तीस्ता सीतलवाड़, राहुल गांधी, किसान और नारायण साईं

By TwoCircles.net staff reporter, कुछ दिनों के बाद, आज के पांच....कश्मीर में अलगाववाद के ताज़े सुरों से उपजते सवाल, तीस्ता सीतलवाड़ की परेशानियां, घर आए राहुल अब क्या करेंगे, उत्तर प्रदेश में कौन है खतरों का असल खिलाड़ी और नारायण साईं की जमानत के परिणाम क्या हो सकते हैं?

‘धर्म संकट में’ के बहाने विमर्श

By जावेद अनीस, भारत एक धर्मान्ध देश है, यहाँ धार्मिक जीवन को बहुत गंभीरता से स्वीकार किया जाता है लेकिन भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत विविधतापूर्ण एकता है. यह ज़मीन अलग-अलग सामाजिक समूहों, संस्कृतियों और सभ्यताओं की संगम-स्थली रही है और यही इस देश की ताकत भी रही है. आज़ादी और बंटवारे के ज़ख्म के बाद इन विविधताओं को साधने के लिए सेकुलरिज्म को एक ऐसे जीवन शैली के रूप में स्वीकार किया गया जहाँ विभिन्न पंथों के लोग समानता, स्वतंत्रता, सहिष्णुता और सहअस्तित्व जैसे मूल्यों के आधार पर एक साथ रह सकें.

आंध्र और तेलंगाना की बर्बरताओं के खिलाफ़ लखनऊ में उठी आवाज़ें

By TCN News, लखनऊ: तेलंगाना के नालगोंडा, वारंगल और आंध्र प्रदेश के चित्तूर में पिछले चार दिनों में 28 लोगों के फर्जी मुठभेड़ों में मार...

गठबंधन के बावजूद सरकार के खिलाफ़ होगा प्रदर्शन : मिन्नत रहमानी

By TCN News, पटना : 'सम्पूर्ण नियोजन के लिए आल बिहार उर्दू - बांग्ला स्पेशल टीईटी पास उम्मीदवार और आल बिहार उर्दू टीईटी संघर्ष मोर्चा के द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण मार्च पर जिस तरह से पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज चार्ज कर पुरुष महिला अभ्यर्थियों को बर्बरता पूर्ण तरीके से मारा पीटा गया है, वह काफी नींदनीय घटना है. नौकरी की उम्मीद लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने जो कार्रवाई की है, वह एक सोची समझी साजिश का नतीजा लग रहा है.'

पंच-नामा: मुआवज़ा, कश्मीरी पंडित, प्रेस्टीट्यूट, ओवैसी और अफस्पा

By TwoCircles.net staff reporter, क्यों मोदी का किसानों को दिया जाने वाला मुआवज़ा मछली फंसाने के चारे सरीखा है, कश्मीरी पंडितों से भाजपा क्या हासिल करना चाह रही है, क्यों नाराज़ वी.के.सिंह, ओवैसी की उद्धव को ललकार और अरुणाचल में अफस्पा क्यों बढ़ाया गया?.....आज के पांच

रिहाई मंच का आरोप, मुस्लिम बिचौलियों को नियुक्ति दे मुंह बंद कर रही सपा...

By TCN News, लखनऊ: हाशिमपुरा जनसंहार मामले में आए फैसले पर अपील करने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के वायदे पर सवाल उठाते हुए रिहाई मंच ने कहा कि, ‘निष्पक्ष विवेचना तो दूर, इस मामले में जिस तरह से विवेचना के दौरान सबूतों को मिटाया गया है, उसको आधार बनाकर आगे अपील करना दोषियों को बचाने की एक और कोशिश है. ठीक यही काम उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इस मसले पर दो दशकों से करते आए हैं.’ मंच ने अपनी मांग दुहराते हुए कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में हाशिमपुरा जनसंहार की सीबीआई से अग्रिम विवेचना कराई जाए.’

पंच-नामा : जयराम रमेश, मोदी का कानून पाठ, ‘आप’, राष्ट्रवाद और मायावती

By TwoCircles.net staff reporter, आज के पांच में आपके लिए....क्यों जयराम रमेश की राय राजनीतिक होते हुए भी सही है, क्या मोदी देश के कानून को हाथ में लेने की तैयारी में हैं, ‘आप’ के रास्ते ‘खाप’ बनने की ओर, दुबका हुआ राष्ट्रवाद और वापसी करने के लिए क्या कदम उठा रही हैं मायावती? 1. जयराम रमेश के लिए नरेन्द्र मोदी क्या? नरेन्द्र मोदी ने सत्ता हासिल करते वक्त नहीं सोचा था कि उन्हें चारों तरफ़ से आलोचनाओं और बयानों का वार झेलना होगा. कि उनके हरेक कदम की पड़ताल की जाएगी. लोकसभा चुनाव को बीते वक लंबा वक्त बीत चुका है. चुनाव प्रचार के वक्त मोदी न कई ‘जुमलों’ के माध्यम से कहा था कि सरकार का स्वरूप छोटा होगा लेकिन सरकारी तन्त्र उतना ही बड़ा होगा. अब बकौल पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ‘भारत के इतिहास में इससे पहले केंद्रीकृत सरकार नहीं आई.’ इसके पहले आप जयराम रमेश के बयान का कोई और मतलब निकालें, यह बात बता दें कि जयराम के बयान का मतलब है कि यह सरकार डिक्टेटर बनने के क़रीब है. जयराम ने कहा कि यह सरकार एक आदमी की होकर रह गयी है, सभी नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है. जयराम ने कहा कि, ‘मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है कि पिछले एक साल में भारत ‘संकुचित लोकतंत्र’ बनने की ओर बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री के रूप में हमारे पास एक बहुत अधिनायकवादी शख्सियत है जो आम-सहमति में विश्वास नहीं करता और जो लोगों को साथ लेकर चलने में भरोसा नहीं करता.’ उन्होंने दावा किया कि मोदी की कार्यशैली के चलते जनता का मोहभंग हो गया है. जयराम अपने बयानों और राजनीतिक मूल्यांकन के लिए चर्चित चेहरे रहे हैं. उनके बयान से हटकर भी सोचें तो भूमिअधिग्रहण बिल और बाकी वादों के मद्देनज़र मौजूदा सरकार का रवैया लगभग-लगभग जयराम रमेश के बताए हुलिये से मिलता-जुलता है.

जानिए कि कौन है नरेन्द्र मोदी को धर्मनिरपेक्षता की नसीहत देने वाला?

By TwoCircles.Net staff reporter, नई दिल्ली: जब पूरा देश नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के ताकत की दुहाई दे रहा है और साथ में समाज का एक...

पंच-नामा : गिरिराज, आदित्यनाथ, आडवाणी, तम्बाकू और भाजपा का मूड

By TwoCircles.net staff reporter, आज के पांच...चीनी प्रतिबंधित करवाने पर तुले भाजपा सांसद, क्या सरकार को अपने चुनावी वादों का पुनर्मूल्यांकन करने की ज़रूरत है? भाजपा का सबसे वरिष्ठ नेता बैकफुट पर और आदित्यनाथ क्यों नहीं सम्हाले बनते......यानी भाजपा की मौजूदा कार्यप्रणाली की पड़ताल 1. गिरिराज सिंह बलात्कारी? केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी पर नस्लभेदी बयान देने के साथ उठे बवाल के बाद अपनी गलती के लिए माफ़ी मांग ली थी. लेकिन ‘ज़ुबान से निकली बात और कमान से निकले तीर’ के लिए जो बातें कहावतों में कही गयीं हैं, वे भाजपा के बड़बोले नेताओं पर सही जाकर बैठ रही हैं. ज्ञात हो कि गिरिराज सिंह ने कहा था कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी किसी नाइजीरियन महिला से शादी करते, तब भी क्या कांग्रेस उस महिला का नेतृत्व स्वीकार करती. कांग्रेस को विरोध करना ही था, तो उसने किया. साथ में नाइजीरिया और उसके करीबी देशों ने भी आपत्ति जताई तो भाजपा की अंतर्राष्ट्रीय किरकिरी हुई. अब ‘इंडियाज़ डॉटर’ नाम की डाक्यूमेंट्री बनाने के बाद भारत सरकार के निशाने पर आ जाने वाली फ़िल्मकार लेज़ली उडविन ने भी गिरिराज सिंह को बलात्कारी करार दे दिया है. ब्रिटिश फ़िल्मकार लेज़ली उडविन ने कहा कि उन्हें गिरिराज सिंह किसी बलात्कारी से कम नहीं लगते. उन्होंने आगे कहा, ‘भारत सरकार ने मुझ पर आरोप लगाया कि मेरी फ़िल्म बलात्कारियों को प्लेटफॉर्म मुहैया करा रही है, लेकिन असल में संसद ऐसे स्त्री-विरोधी बयान देने वालों को प्लेटफॉर्म मुहैया करा रही है. मुझे गिरिराज सिंह के बयान का स्तर निर्भया कांड के मुख्य आरोपी मुकेश सिंह के बयान से ज़रा भी कमतर नहीं लग रहा है.’ ज़रूरी है कि सिर्फ़ बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले नेताओं से भाजपा जल्द से जल्द छुटकारा पाए, नहीं तो पार्टी के स्तर पर भाजपा की जो भद्द पिट रही है वह तो होगा ही, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में सरकार की साख भी गिरेगी.

बाबरी विध्वंस के आरोपियों को बचा रही सीबीआई – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद को गिराने के आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल समेत बीस लोगों को नोटिस जारी करने का स्वागत करते हुए पूर्व में हुई सीबीआई जांच में आरोपियों को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाया है.

पंच-नामा : यूजीसी, तोगड़िया, गिरिराज, पार्सेकर और गाय-बैल

By TwoCircles.Net staff reporter, आज के पांच और उनकी पड़ताल ..... महाराष्ट्र की सरकार के लिए गाय-बैल ज़रूरी हैं या मर रहे किसान, क्या यूजीसी का वजूद अल्पदक्ष मंत्रालय मिटा देगा, फ़िर से लहराती भगवा ज़ुबानें और तोगड़िया को बंगाल में भी रेड सिग्नल. 1. गए यूजीसी के दिन? अच्छे दिन आम जनता के आएं या ना आएं, लेकिन केन्द्रीय मंत्रियों के, भाजपा से जुड़े हुए लोगों के और संघ के लोगों के अच्छे दिन ज़रूर आ गए हैं. इसी क्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अच्छे दिन आए तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अच्छे चाहे बुरे, जैसे भी दिन थे, अब लद गए से लगने लगे हैं. अपनी कम काबिलियत और योग्यता को लेकर चर्चा में रहने वाली स्मृति इरानी मानव संसाधन व विकास मंत्री हैं. इस मंत्रालय की एक कमेटी ने यूजीसी की कामकाज की समीक्षा करने के बाद इसे भंग करने की सिफारिश कर दी है. इस कमेटी के अध्यक्ष हरी गौतम थे, जो पहले खुद यूजीसी के चेयरमैन रह चुके हैं. इस कमेटी की सिफारिश की खबरों को सही मानें तो कमेटी में अपनी सिफारिश में कहा है कि यूजीसी में कोई फेरबदल करने से कोई लाभ नहीं मिलेगा. अच्छा होगा कि सरकार एक नेशनल हायर एजुकेशन अथॉरिटी का गठन करे. लेकिन यह बात जानने योग्य है कि यूजीसी का गठन संविधान के अधिनियम के तहत किया गया था, इसलिए इसे भंग करने के लिए भी लोकसभा और राज्यसभा में मंत्रालय को संघर्ष करना होगा. इसके बाद राष्ट्रपति से भी अनुमति लेनी होगी. हालांकि सरकार ने यह सफ़ाई दी है कि यह बात गलत है, लेकिन कमेटी की सिफारिशों और सरकार के रवैये को देखते हुए मामले की संजीदगी कुछ और ही कहती है.

“मुजफ्फरपुर दंगों की जांच हाशिमपुरा की राह पर”

By TCN News, ‘अजीजपुर गाँव, मुज़फ्फरपुर में दिन दहाड़े हुए साम्प्रदायिक हमलों पर जिस प्रकार सरकार लीपापोती कर रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार सरकार, मुज़फ्फरपुर में हुए साम्प्रदायिक हमलों में वही फ़ैसला देना चाहती है जैसा फ़ैसला उत्तर प्रदेश के हाशिमपुरा नरसंहार में आया है.’ यह बातें कहीं गयीं मुज़फ्फरपुर दंगों पर ‘समाज बचाओ आंदोलन’ द्वारा की गयी एक समीक्षा सभा के दौरान कही गयीं.

पंच-नामा : गुजकोक, बाबरी विध्वंस पर नोटिस, हाशिमपुरा पर कांग्रेस, तम्बाकू-कैंसर और कश्मीर के...

By TwoCircles.Net staff reporter, गुजरात के एंटी-टेररिज़म बिल में ऐसा क्या है जो उसका पास होना एक बड़ी खबर बनता है, सुप्रीम कोर्ट ने की बाबरी मस्जिद मामले पर एक बड़ी चोट, हाशिमपुरा मामले में कांग्रेस का विरोध कितना सही, विज्ञान और सरकार में दूरी कैसे और क्या है घाटी की आज की कहानी....पांच खबरों की पड़ताल, आपके लिए.

पंच-नामा : जन्नत में बाढ़, नज़मा हेपतुल्ला की विदाई, एनआईए की चार्जशीट, जनता परिवार...

By TwoCircles.Net staff reporter, कश्मीर में लगातार आ रही आपदा किसका इम्तिहान ले रही है, नरेन्द्र मोदी सरकार से एक अल्पसंख्यक मंत्री की छुट्टी तय,...

बिखर गया ‘झाड़ू’ का तिनका

By शादाब अहमद मोइज़ी, ….. अभी गर्मी आई भी नहीं और गर्मी की आहट सुनते ही ‘झाड़ू’ मुरझाने लगा. क़रीब 50 दिन पहले ही तो झाड़ू खरीदा था लेकिन न जाने क्यों बरसात के पानी में भींगे बिना ही झाड़ू कमज़ोर पड़ने लगा. एक-एक करके उसके सारे तिनके निकलने लगे, लेकिन अब आप ही बताइये हम क्या करें? इस झाड़ू को खरीदते वक्त पांच साल की गारंटी मिली थी, लेकिन पाँच साल की गारंटी वाला झाड़ू अभी से ही अपना ब्रांड या यूँ कहें कि अपनी ‘हैसियत’ बताने लगा.

नया फ़ैसला: फ़िल्म बनानी है? पहले तीन-तीन मंत्रालयों से इजाज़त लीजिए..

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, नई दिल्ली: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज़ डॉटर’ को भारत सरकार ने अपने आत्मसम्मान से जोड़ लिया था. भयानक स्तर पर सरकार ने कोशिश जारी रखी कि किसी भी तरीके से इस फ़िल्म का प्रसारण रोक दिया जाए. लेकिन ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ को कुचलने में सरकार असफल रही और बीबीसी ने तयशुदा तारीख से पहले ही अपनी डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित कर दिया.

पंच-नामा : सब्सिडी खत्म, केजरीवाल, बिहार में संघ का खेल, आज़म खां और जम्मू-कश्मीर

By TwoCircles.net staff reporter, क्यों केजरीवाल अपनी पूर्ववर्ती सरकारों से अलग नहीं हैं और दिल्ली चुनाव से भाजपा गलत सीख क्यों ले रही है, आज़म खां क्या कर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर क्यों ख़ास होता जा रहा है.....पांच खबरों की पड़ताल... 1. तैयार रहिये बिना सब्सिडी के सिलेंडरों का उपभोग करने के लिए चौंकने से काम नहीं बनेगा. एलपीजी के घरेलू गैस सिलेंडरों को लेकर चली आ रही लम्बी जद्दोज़हद और परेशानियों के बाद अब ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि भारतीय मध्यवर्गीय उपभोक्ता जल्दी ही सब्सिडी से वंचित हो सकता है. नई दिल्ली में ‘ऊर्जा संगम’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात के संकेत दिए हैं. नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जो लोग संपन्न हैं, वे सब्सिडी छोड़ दें. ‘जो लोग बाज़ार के दामों के गैस सिलेंडर खरीद सकते हैं, वे अपनी मर्ज़ी से सब्सिडी वाले सिलेंडर खरीदना छोड़ दें’, ऐसा कहा प्रधानमंत्री ने. कुछ दिनों से आधार कार्ड को बैंक खाते और एलपीजी ग्राहक कार्ड से जोड़ने के बाबत पूरे देश में जो उठापटक मची है, इस पूरे पचड़े का अर्थ था कि ग्राहक को गैस सब्सिडी सीधे बैंक के खाते में मिलेगी. सरकार अभी ‘अपनी मर्ज़ी से’ का दावा कर रही है, लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि कोई भी ग्राहक ऐसे फैसले कैसे लेगा. ज़ाहिर है कि सरकार इस फैसले को किसी न किसी रूप में ग्राहकों पर लागू करेगी और इसमें सरकार को ग्राहकों के बैंक खातों से सबसे अधिक मदद मिलेगी.

नक्सलविरोधी ऑपरेशनों का सच

By हिमांशु कुमार, जब हम दंतेवाडा में काम करते थे तो हमारे साथ आश्रम में काम करने एक लड़का आया. मेरे साथियों ने बताया कि पहले वह ‘सलवा जुडूम’ में एसपीओ था लेकिन बाद में उसे अपने काम से नफरत हो गयी थी और उसने वह काम छोड़ दिया. उसने मुझसे कहा कि अब वह गाँववालों के लिए काम करना चाहता है इसलिए हमारे आश्रम से जुड़ना चाहता है. वह काम करने लगा. बाद में उसने मुझे कई घटनाएँ सुनाई. उनमे से दो घटनाएँ आज आपके साथ बाँट रहा हूँ.

पंच-नामा : कौमी आवाज़, मंत्रियों के असबाब, वाड्रा, मनमोहन सिंह और दिल्ली में लाठीचार्ज

By TwoCircles.Net staff reporter, क्यों बदले-बदले से दिल्ली के सरकार नज़र आते हैं, वाड्रा कहां और मनमोहन कहां और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों द्वारा संपत्ति छिपाने से क्या सन्देश मिलता है...पांच खबरों की पड़ताल. 1. कश्मीर में पाकिस्तान का झण्डा अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने एक ज़्यादा बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. पाकिस्तान दिवस के मौके पर दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी ने श्रीनगर में पाकिस्तान का झण्डा फहरा दिया. रोचक बात तो यह है कि उन्होंने सिर्फ़ झण्डा फहराया ही नहीं, बल्कि अपने कुछ समर्थकों के साथ मिलकर पाकिस्तान का कौमी-तराना भी गा दिया. अब आसिया के खिलाफ़ नौहट्टा पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के अनुच्छेद 13 के तहत मामला दर्ज़ कर दिया गया है. यह भी बात ध्यान देने की है कि पुलिस ने अभी तक आसिया को गिरफ़्तार नहीं किया है. जम्मू-कश्मीर की मुफ्ती सरकार अपने कुछेक फैसलों और बयानों के चलते अलगाववादियों के करीब नज़र आ रही है. चाहे वह सफल चुनाव के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद देना हो या अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा करना. ज़ाहिर है कि ऐसे में कश्मीरी सरकार किसी भी अलगाववादी नेता को गिरफ़्तार कर अशांति पैदा करने से बचना चाहेगी.

हाशिमपुरा जनसंहार पर आए अदालत के फैसले पर लखनऊ में होगा जनसम्मेलन

By TCN News, लखनऊ: हाशिमपुरा जनसंहार पर आए अदालती फैसले के बाबत बुधवार को हुई बैठक में विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने राजधानी लखनऊ में जनसम्मेलन करने व प्रदेश में जन अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इस अभियान को आगामी अप्रैल माह से रंग देने की तैयारी में रिहाई मंच समेत सभी संगठन दिखाई पड़ रहे हैं. बैठक में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, मेरठ, हाशिमपुरा, मलियाना, कानपुर, बिजनौर की साम्प्रदायिक हिंसाओं की घटनाओं की जांच आयोगों द्वारा रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की गयी है.

पंच-नामा : हैदर, अफज़ल गुरु, भूमि अधिग्रहण बिल, जनरल साहब और राहुल-उमा

By TwoCircles.Net staff reporter, आज के रोजनामचा से उन पांच खबरों की कहानी, जिनसे कई किस्म के सरोकार भी तय होते हैं. 1. ‘हैदर’ को सर्वाधिक...

पंच-नामा : 66A, गृहमंत्री, अफस्पा, सरकार-संचालक और पाकिस्तान दिवस

By TwoCircles.net staff reporter, खबरों के पार की खबर, जो आपको सिर्फ़ यहीं मिलेंगी... 1. अल्पसंख्यकों को लेकर गृहमंत्री की मंसूबे क्या हैं आजकल भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह अल्पसंख्यकों को लेकर खासी चर्चा में हैं. मीडिया में लगातार तीन-चार दिनों से वे मुस्लिमों, आतंकवाद और अल्पसंख्यकों की अन्य दिक्कतों को लेकर चर्चा करते देखे जा रहे हैं. अब उन्होंने ‘धर्म-परिवर्तन’ पर राष्ट्रीय स्तर का संवाद आयोजित कराने का प्रस्ताव रख दिया है. नई दिल्ली में आयोजित राज्यों के अल्पसंख्यक आयोगों की एकदिनीं कॉन्फ्रेंस में राजनाथ सिंह ने यह बात रखी है. यह कहते हुए कि भाजपा ने ही धर्म-परिवर्तन के खिलाफ़ कानून की सबसे ज़्यादा पैरवी की है, राजनाथ सिंह ने यह ज़ाहिर किया कि क्या समाज की प्रक्रिया धर्म-परिवर्तन के खिलाफ़ नहीं चल सकती है? मज़ेदार बात यह है कि उन्होंने घर-वापसी का नाम आते ही यह कह दिया कि अल्पसंख्यकों से असुरक्षा की भावना कम करने के लिए मैं सब कुछ करूंगा लेकिन सबकुछ सरकार तो नहीं कर सकती है. इस प्रस्तावित राष्ट्रीय संवाद में क्या होगा, इसका अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि गृहमंत्री ने यह प्रस्ताव रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘उदारवादी और सर्वधर्म समभाव एजेंडे’ का भी हवाला दिया.

पंच-नामा: हाशिमपुरा, असुरक्षित मुस्लिम, ‘मन की बात’, मुफ़्ती और अमित शाह

By TwoCircles.net Staff Reporter, क्या है वे पांच बड़ी खबरें और उनके पीछे की कहानियां, जिनसे बहुत कुछ प्रभावित होता और जो आपको कहीं नहीं मिलेंगी... 1. किसने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार में मुस्लिम असुरक्षित? जयपुर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तीन दिनी बैठक के बाद यह बात सामने आई कि जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी है, तब से मुस्लिम समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है. बोर्ड के प्रवक्ता ने यह बातें मीडिया से बातचीत में कहीं. बोर्ड एक ‘संवैधानिक अधिकार संरक्षण समिति’ के गठन के बारे में विचार कर रहा है, जिसे तहत मुस्लिम समुदाय के लोगों को उनके मौलिक-संवैधानिक अधिकारों से परिचित कराया जाएगा. कई मुद्दे मालूम होते हैं, जिनके तहत बोर्ड की नाराज़गी और इस बयान का मतलब निकाला जा सकता है. ‘घर वापसी’ मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी की चुप्पी, सूबे दर सूबे गोमांस पर लगता बैन, स्कूलों में योग व सूर्य नमस्कार की अनिवार्यता, हिंदूवादी शक्तियों का उत्पात....समाज में ऐसे उठते मुद्दों से किसी का भी नाराज़ होना लाज़िम है.

क्यों हाशिमपुरा नरसंहार पर आए फ़ैसले से उपजी असहमतियां?

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, नई दिल्ली/ मेरठ: सोलह के सोलह अभियुक्तों को दिल्ली की अदालत ने शनिवार को दोषमुक्त करार देकर रिहा कर दिया. ये...

क्यों मुश्किल है गोवा में बीफ़ पर प्रतिबंध?

By TwoCircles.net staff reporter, पणजी: भले ही गोमांस को लेकर राजनीति कितनी भी गर्म क्यों न हों, उस बहस में छौंक लगाने के लिए कुछ न कुछ घटता ही रहता है. महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब ताज़ा मामला एक और भाजपाशासित राज्य गोवा का है. गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने कहा है कि ‘चूंकि गोमांस गोवा की ‘फ़ूड हैबिट’ यानी खानपान का हिस्सा है, इसलिए सरकार गोवा में गोमांस पर बैन नहीं लगायेगी.’ इस बयान की चारों ओर प्रशंसा हो रही है क्योंकि इसके साथ पार्सेकर ने यह भी कहा है कि ‘गोवा सरकार मुस्लिमों के खिलाफ़ नहीं जाएगी.’

कलम के सत्याग्रही यानी पीर मुहम्मद मुनिस

By TCN News, ‘पीर मुहम्मद मुनिस सिर्फ क़लम के सिपाही नहीं बल्कि क़लम के सत्याग्रही थे क्योंकि उन्होंने चम्पारण की पीड़ा और संघर्ष के बारे में सिर्फ लिखा ही नहीं, बल्कि उस लड़ाई में शामिल भी थे. नई पीढ़ी को आज़ादी के इस दीवाने के सुनहरे इतिहास से रूबरू होना ज़रूरी है.’

मुसलमानों पर गृहमंत्री के बयान का मतलब क्या?

By TwoCircles.net staff reporter, जयपुर: भारतीय गणराज्य के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर में आयोजित ‘काउंटर टेररिज़्म कॉन्फ्रेंस’ के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने भारतीय मुसलमानों और आतंकवाद के मद्देनज़र बहुत सारी बातें कहीं. राजनाथ ने कहा, ‘भारतीय मुसलमान देशभक्त हैं और इसीलिए वे किसी चरमपंथी विचारधारा के बहकावे में नहीं आए हैं.’ राजनाथ सिंह ने यह कहा कि चरमपंथ भारतीय मुसलमानों की प्रकृति नहीं है. चरमपंथ की परिभाषाओं का अपने ही ढंग से आंकलन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस बहकाने में इसलिए असफल रहा क्योंकि इन युवाओं की प्रकृति चरमपंथ की ही है नहीं.

हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था

By TwoCircles.net staff reporter, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुश्किलें खत्म होती नहीं नज़र आ रही हैं. सरकार के गठन के बाद से मंत्रिमंडल के नेताओं, सांसदों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीखे बोलों का जवाब देते भाजपा और प्रधानमंत्री से बन नहीं रहा. अपने कहे से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने में अब एक और नाम जुडता नज़र आ रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी का.

‘सपा सरकार के दावे-वादे झूठे हैं’ – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद सपा सरकार द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट कार्ड ‘पूरे हुए वादे’ को झूठा करार देते हुए रिहाई मंच ने कहा कि सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वह आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को रिहा करेगी और उन्हें पुर्नवास व मुआवजा देगी. जो उसने नहीं किया.

रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले पर रिहाई मंच की स्वतंत्र रिपोर्ट

By TCN News, नये साल का जश्न सभी लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. लेकिन 31 दिसंबर 2007 की रात को रामपुर सीआरपीएफ कैंप के सिपाहियों ने ऐसा जश्न मनाया, जिसने छह परिवारों की जिंदगी बर्बाद कर दी. कई स्वतंत्र जांच संगठनों ने अपनी जांच में पाया कि यह कोई आतंकी घटना नहीं थी. सीआरपीएफ के जवानों ने नए साल के जश्न में शराब के नशे में आपस में ही गोलीबारी कर ली थी. इसमें सात जवानों सहित एक रिक्शा चालक भी मारा गया.

गांधी जयंती यानी छुट्टी खत्म!

By TwoCircles.net staff reporter पणजी: गोवा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हाल में ही जारी की गयी छुट्टियों की सूची में से गांधी जयन्ती यानी 2 अक्टूबर की तारीख हटा दी है. इस खबर के आने के बाद भाजपा के प्रवक्ताओं से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन प्रवक्ताओं ने कोई भी वक्तव्य देने से इनकार कर दिया. भाजपा का यह कदम विवादित और अपाच्य साबित हो सकता है.

गो-मांस : अब हरियाणा कूदा हिन्दू राष्ट्र की लड़ाई में

By TwoCircles.Net staff reporter, चंडीगढ़: लगता है भाजपा का स्वच्छता अभियान सिर्फ़ भौतिक सफ़ाई का द्योतक न होकर धीरे-धीरे किसी विराट निष्कर्ष पर पहुँचने की तैयारी का हिस्सा है. यह स्वच्छता अभियान गलियों-मोहल्लों के साथ समाज के निश्चित तबके को टारगेट करने के लिए चलाया जा रहा है, जिसके लिए सबसे बड़ा हथियार है भाजपाशासित राज्यों में गो-माँस पर प्रतिबन्ध.

चैन का शहर इलाहाबाद तनाव में

By TwoCircles.net staff reporter, इलाहाबाद: अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध शहर इलाहाबाद के लिए बुधवार का दिन काला था. इलाहाबाद में आज जिला न्यायालय में एक पुलिस अधिकारी ने एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी व एक अन्य वकील को गंभीर रूप से घायल कर दिया. इसके साथ आस-पास खड़े तीन-चार अन्य वकील भी घायल हो गए.

नितीश कुमार ने जीता विश्वासमत

By TwoCircles.net staff reporter, पटना: बिहार में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने आज विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया. विश्वासमत की प्रक्रिया में उन्हें पक्ष में कुल 140 मत प्राप्त हुए. यह भी बात रोचक है कि विश्वासमत के दौरान भाजपा सदन से वाकआउट कर गयी. भाजपा ने नितीश कुमार पर दलित नेता जीतन राम मांझी को पदच्युत कर उनका अपमान करने का आरोप भी लगाया.

पंचायती चुनाव में पूरी ताक़त के साथ हिस्सा लेगी राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल

By TCN News, लखनऊ: राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल की उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी व जिला अध्यक्षों की नियमित बैठक प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डा. निजामुद्दीन खान की अध्यक्षता में हुई. उक्त मीटिंग में पर्यवेक्षक के रूप में उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी मौलाना ताहिर मदनी साहब ने शिरकत की.

आज जो होगा संसद में…

By TwoCircles.net staff reporter, नई दिल्ली: होली की छुट्टियों के बाद संसद में आज सोमवार का दिन दो बड़ी बहसों की जगह बन सकता है. क्या होगा आज ऐसा कि केन्द्र सरकार को काले झंडे और सहमति के स्वर दोनों देखने मिलेंगे. भू-अधिग्रहण बिल

पहला कैप्टन अब्बास अली स्मृति व्याख्यान आज

By TCN News, नई दिल्ली: देश के जाने माने इतिहासकार और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पद्मभूषित प्रोफेसर इरफान हबीब 7 मार्च शनिवार, यानी आज सुबह 11 बजे दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में पहला कैप्टन अब्बास अली स्मृति व्याख्यान देंगे. उनके व्याख्यान का विषय होगा ‘इंडियन नेशनल आर्मी अथवा आज़ाद हिंद फौज की विरासत’.

रची जा रही है तारिक कासमी को जेल में मारने की साजिश – रिहाई...

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने लखनऊ जेल प्रशासन पर निमेष कमीशन द्वारा कचहरी विस्फोटों में फर्जी तरीके से गिरफ्तार बताए गए तारिक कासमी और अन्य आरोपियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए जेल अधीक्षक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है.

इस हफ़्ते आप सभी को दिया जाता है ‘प्रतिबंध’

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, नई दिल्ली: यह बात आश्चर्यजनक ही होगी कि भारतीय नागरिकों के लिए यह बीत रहा हफ्ता प्रतिबंधों की सौगात लेकर आया है. कई सारे और किस्म-किस्म के प्रतिबंध. इस सूची की ज़रूरत न पड़ती यदि इस खबर के लिखे जाने तक भी किसी तरीके का बैन न लगाया गया होता. लेकिन अब ज़रूरत है तो है, तो पाठकों के लिए क्रमवार सिलसिले में ‘प्रतिबंधों’ का सिलसिला आगे दिया जा रहा है.

जर्मन बेकरी धमाका : सवालों के घेरे में न्यायपालिका व जांच एजेंसियां

[किस तरह जांच एजेंसियों ने बेबुनियाद तथ्यों और गवाहों की आड़ में भारतीय न्यायिक प्रक्रिया को खेल का विषय बना दिया?] By अबू बकर सब्बाक़ सुबहानी (एपीसीआर), साल 2010, तारीख 13 फरवरी : पुणे एक बड़े बम धमाके का निशाना बना. यह धमाका कोरेगांव पार्क स्थित जर्मन बेकरी नामक रेस्तरां में हुआ था. इस दुर्घटना में 17 लोग मारे गए और 58 लोग घायल हुए थे. जांच की जि़म्मेदारी से एटीएस को सौंप दी गई. एटीएस ने 7 सितम्बर को पुणे रेलवे स्टेशन से हिमायत बेग की गिरफ़्तारी दिखाई. यूएपीए कानून के तहत हिमायत बेग को एक माह की रिमांड पर एटीएस को दे दिया गया. एटीएस ने 4 दिसम्बर 2010 को हिमायत बेग के खिलाफ़ पुणे सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. इसके उलट हिमायत बेग के अनुसार उसकी गिरफ़्तारी 18 अगस्त 2010 को उदगीर से हुई और उसे 20 दिनों तक गैरकानूनी हिरासत में टार्चर किया गया.

मेरे हमवतनों

By आयशा परवेज़, मेरे हमवतनों... मुबारक हो तुम्हें ये ऊंचाइयों का मंज़र पर ज़रा रुको....ज़रा देखो तो इन इमारतों पर कुछ खून के धब्बे नज़र आएंगे तुम्हें कुछ तुम्हारे दोस्तों के, कुछ तुम्हारे हमसायों के और कुछ उन जनाज़ों के जो बेनाम ही दफ़न हो गए

संघ के गढ़ में ओवैसी ने संघ को ललकारा

By TwoCircles.net staff reporter, नागपुर: ‘प्रधानमंत्री जी, फ़ोन उठाइए और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस से कहिए कि पिछड़े मुसलमानों तक लाभ का कोटा पहुंचे’, ऐसा कहा एमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने जब वे नागपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. मजलिस इत्तिहाद उल मुसलिमीन यानी ‘एमआईएम’ के मुखिया ओवैसी ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में मुसलमानों के पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिलाने का आह्वान करते हुए यह बात कही. यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में ‘सबका साथ, सबका विकास’ का दावा किया था, इसलिए उनसे आग्रह है कि वे पिछड़े मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार को निदेशित करें.

साम्प्रदायिकता को पोसने में जुटी सपा सरकार – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: गोधरा कांड की तेरहवीं बरसी पर रिहाई मंच ने गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार का एक पत्र मीडिया में जारी करते हुए सपा सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने जानबूझकर गोधरा कांड के चश्मदीद यूपी पुलिस अधिकारियों के बयान इस कांड के जाँच में जुटी एसआईटी के सामने नहीं होने दिया. रिहाई मंच ने कहा, ‘गोधरा कांड के चश्मदीदों को छुपाना व 2007 में सपा सरकार के दौरान गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भड़काऊ भाषण देकर पडरौना, कसया, गोरखपुर, मऊ समेत पूरे पूर्वांचल को दंगे की आग में झोंकने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ के भाषण के पुष्टि होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का परिणाम माधवपुर-कुशीनगर की घटना है, जहां डेढ़ सौ मुसलमानों को जान बचा कर गांव से भागना पड़ा है.’

सरकार के गले की हड्डी बनता भूमि अधिग्रहण बिल

By TwoCircles.net staff reporter, नई दिल्ली: अभी अपना एक साल भी न पूरा कर पायी केन्द्र सरकार अपनी घोषणाओं, फैसलों और तमाम प्रस्तावों के चलते संकटकाल से गुजरने लगी है. पार्टी के नेताओं और सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों तमाम बयानों के काले बादलों से मोदी सरकार बाहर आ ही नहीं पायी थी कि नए मुद्दे में सरकार की गर्दन जकड़ती नज़र आ रही है.

हैदराबाद, बीजापुर और बेंगलुरु में आईएमआरसी द्वारा अमरीका के डॉक्टरों की मदद से लगाया...

By TwoCircles.net staff Reporter, हैदराबाद/बेंगलुरु : गरीब और ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए इण्डियन मुस्लिम रिलीफ एंड चैरिटीज़ ( आईएमआरसी ) लगातार छठे साल भारत के कई हिस्सों में स्वास्थ्य कैम्प लगाया. इन कैम्पों का मकसद स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाना भी है.

कलीम आजिज़ – एक गुमनाम शायर का फ़साना

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, कलीम आजिज़, यानी वह शख्स जो मीर की रवायत को अब तक बनाए रखे हुए था, हमें और उर्दू शायरी छोड़ चले गए. यह छोड़कर जाना सिर्फ़ एक सुखनवर के गुज़र जाने का होता तो कोई बात भी थी, लेकिन यह जाना पूरी उर्दू शायरी और उससे कमोबेश हर हाल में प्रभावित रहने वाली हिन्दी कविता के एक बड़े अध्याय का जाना था. आपातकाल के वक्त इंदिरा गांधी के लिए कलीम साहब ने कहा था –

Charlie सब थे.…

(Courtesy: http://static.guim.co.uk) Charlie sab the.... कौन रोएगा मेरे वास्ते मैं कोई नहीं ! ख़ून ए नाहक़ पे मेरे रहनुमाओं की ज़ुबानों पे मुज़म्मत छोड़ो, ताज़ियत का कोई...

वक्त को कई शाहिद आज़मी की ज़रूरत – आनन्द स्वरूप वर्मा

By TCN News, लखनऊ: आतंकवाद के नाम पर क़ैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले मुम्बई के वकील शाहिद आज़मी की शहादत की पांचवी बरसी पर रिहाई मंच ने ‘लोकतंत्र, हिंसा और न्यायपालिका’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया था.

ग़ालिब की दिल्ली का दंगल

By सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net, नई दिल्ली: किरण बेदी एसयूवी की छत पर खड़े होकर लोगों को स्याही से रंगी ऊँगली और विजय चिन्ह दिखा रही हैं. वे चारों दशरथ पुत्रों की तरह भरत-मिलाप के बाद आठों दिशाओं को अपने दर्शन मुहैया करा रही है. एसयूवी के सबसे करीब एबीपी न्यूज़ का संवाददाता है, लिहाज़न एबीपी न्यूज़ का माइक कमोबेश सभी न्यूज़ चैनलों के फ्रेम में दिख रहा है. पीछे से किसी कैमरामैन के चिल्लाने की आवाज़ आती है, ‘अरे, माइकवाले’. इसके साथ माइक नीचे आ जाता है और सभी को सुलभ दर्शन होने लगते हैं. कार के बोनट से सरकते हुए किरण बेदी नीचे उतरती हैं, सारे माइक धकेलते हुए कार की अगली सीट पर आ बैठती हैं, तभी फ़िर से एबीपी न्यूज़ का कैमरा ड्राईवर की खिड़की से घुसता है, और संवाददाता कहता है – ‘मैडम, दो सवाल हैं बस’. मैडम ध्यान नहीं देती हैं, तभी इंडिया न्यूज़ का माइक फ्रेम में दिखता है और एबीपी का कैमरामैन चीख उठता है – ‘अबे, इंडिया न्यूज़’.

बनारस में फाशिज्म के खिलाफ़ खड़ी होती कविता

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी : समय चुनौतीपूर्ण है, हमें समय के खतरों को बस भांपना नहीं है. उसकी निशानदेही कर संभावित बुराइयों का तोड़ निकालना है. इस तोड़ का सबसे बड़ा साधन साहित्य और उसका सबसे बड़ा हथियार कविता है. कुछ ऐसा निकलकर आता है जब आप ‘कविता : 16 मई के बाद’ आयोजन श्रृंखला के किसी अध्याय का हिस्सा बनते हैं. कुछ भी बात करने के पहले इस आयोजन के स्वरूप और इसके एजेंडे से रू-ब-रू होना होगा. कुछ अरसा पहले हिन्दी पट्टी के कविता समाज के कुछ सजग लोगों और साहित्यिक संगठनों – प्रगतिशील लेखक संघ व इप्टा, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच - ने लोकसभा चुनाव-2014 के बाद फाशीवाद से लड़ने के लिए हिन्दी कविता को सबसे सुलभ और मौजूं हथियार माना. और इसके तहत एक आयोजन की नींव रखी गयी, जिसे कहा गया ‘कविता : 16 मई के बाद’.

दिल्ली चुनाव : छोटी गलती पर बड़ी पकड़

By मो. आसिफ़ इक़बाल, देश की राजधानी दिल्ली फ़िलहाल सियासी पार्टियों और उनके प्रत्याशियों का अखाड़ा बनी हुई है. हर तरफ शोर-शराबा, जलसे-जुलूस, भाषण और घोषणाएं मौजूद हैं, जिन्होंने दिल्ली में एक विचित्र माहौल पैदा कर दिया है. ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां - सत्तारूढ़ भाजपा और पिछले पंद्रह साल दिल्ली में सरकार में रहने वाली कांग्रेस - दोनों ही कुछ हैरान-परेशान दिख रही हैं. इन दो सबसे बड़ी राजनीतिक दलों की इस परेशानी दिल्लीवाले पहली बार महसूस भी कर रहे हैं.

फ़र्जी मुठभेड़ मामलों में आरोपी पीसी पांडे के आए ‘अच्छे दिन’

By TwoCircles.net staff reporter, मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामलों में डीजी वंजारा और अमित शाह के बाद गुजरात पुलिस के पूर्व डीजीपी पीसी पांडे को भी सीबीआई अदालत द्वारा क्लीन चिट देकर इस केस के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है.

केजरीवाल : क्यों कर रखा है सबको बेहाल ?

By ज़जम for TwoCircles.net, जब हमारा देश दुसरे गियर से पांचवे गियर में जाने की तैयारी कर रहा है तब 5 फ़ीट 5 इंच का आदमी देश की राजधानी को सर पर उठा रखा है। जब लोग भारत को सोने की चिड़िया और सुपर पावर बनने का सपना देख रहें हैं तब इस आदमी ने सड़क -बिजली-पानी की बात कर मज़ा ही किरकिरा कर दिया.

राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने मुस्लिम शिक्षण संस्थान सरकार के निशाने पर

By मो. इस्माईल खान, TwoCircles.net, नई दिल्ली/ हैदराबाद: राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् का एकसाथ ज़िक्र आपको अचरच में ज़रूर डाल सकता है, लेकिन मौजूदा गृह मंत्रालय द्वारा ‘आतंकवाद’ के खिलाफ़ शुरू की गयी ‘लड़ाई’ के परिप्रेक्ष्य में जब मुस्लिम शिक्षण संस्थानों को निशाने पर लिया जाएगा तो लगभग यही परिणाम सामने आएंगे.

’84 दंगे की जांच भाजपा का राजनीतिक पैंतरा?

By TwoCircles.Net staff reporter, नई दिल्ली: लगता है कि केन्द्र में हाल में ही आई भाजपा सरकार कांग्रेस को पूरी तरह से निगलने की तैयारी में है. लोकसभा चुनावों में बुरी गत करने के बाद राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को हाशिए पर धकेलने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर अब कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी पूरी कर ली है.

खबर हटवाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने TwoCircles.Net को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2011 में प्रकाशित एक खबर को हटवाने के लिए द्विभाषीय खबरी वेबसाईट TwoCircles.Net(TCN) को कानूनी नोटिस भेजा है....

उजागर होता संघ का इज़रायल प्रेम

By TwoCircles.net staff reporter, सागर: एक लंबे समय से चल रहे इजरायल और फिलिस्तीन के अंतर्विरोध पर भारत की सत्ताधारी पार्टी की स्थिति समझ में नहीं आ रही थी. हाल में संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन पर आए संकट की बाबत हुई वोटिंग में भारत ने इज़रायल के खिलाफ़ अपना मतदान किया. अमरीका की बारहा याचना और संस्तुति के बाद भी दक्षिण एशिया के लगभग सभी देशों ने इजरायल का विरोध किया.

अमरीका से अच्छे सम्बन्ध की आस में भटकल की बदनामी – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने बीते दिनों बंगलुरू पुलिस द्वारा भटकल से विस्फोटकों के जखीरे की बरामदगी को उच्चस्तरीय नाटकीय कृत्य करार दिया है. रिहाई मंच ने कहा है कि यह 26 जनवरी से पहले पूरे देश में आतंकवाद का हौव्वा खड़ा करने की साजिश है. मंच ने आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित अमरीकी राष्ट्रपति का विश्वास जीतने की नीयत से खुफिया एजेंसियां किसी भी किस्म की जाली वारदात या फर्जी मुठभेड़ को अंजाम दे सकती हैं. इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में माहौल बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है.

बनारस में जड़ें जमाता जातीय विवाद

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी: लोकसभा चुनाव हुए एक ख़ासा वक्त बीत चुका है और प्रधानमंत्री की अगुआई में उनका संसदीय क्षेत्र विकास और तमाम वादों के पूरे होने की राह देख रहा है. लेकिन किसे अंदाज़ था कि बनारस को जातिगत विवादों की आड़ में भी देखा जाएगा. ताज़ा मामला है बनारस के गांव अयोध्यापुर का.

याकूब क़ुरैशी के 51 करोड़

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, वाराणसी/ मेरठ: पेरिस के एक व्यंग्यात्मक साप्ताहिक अखबार शार्ली एब्दो पर आतंकवादी ताकतों ने हमला किया. हमला होने के बाद गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना के बाद कड़ा ऐतराज़ जताया. चूंकि देश की सत्ता पर ऐसी पार्टी क़ाबिज़ है, जिसपर बहुत पहले से ही सम्प्रदायवादी क्लेशों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जाता रहा है, इसलिए सत्ताधारी पार्टी और उसकी कृपा से कृतार्थ हुए समाचार चैनलों के लिए यह ज़रूरी था कि वे शार्ली एब्दो पर हुए हमले को जो चाहे वह रूप दे सकें.

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक

By TwoCircles.Net staff reporter, नई दिल्ली: जैसे-जैसे दिल्ली में जल्द मुमकिन विधानसभा चुनाव की करीबी बढ़ती जा रही है, उसी तरह से तमाम राजनीतिक पार्टियों में सरगर्मी बढ़ती दिख रही है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों की पहली सूची हाल में ही जारी की है.

‘नीति आयोग’ में बदलेगा योजना आयोग

By TwoCircles.Net staff reporter, नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा योजना आयोग को भंग करने का ऐलान अब रूप लेता दिख रहा है. भारत सरकार के अंतर्गत गठित इस आयोग का नाम ‘नीति आयोग’ करने की योजना है.

पीएमओ के इशारे पर अमित शाह को मिली क्लीन चिट – रिहाई मंच

By TCN News, लखनऊ: रिहाई मंच ने सीबीआई अदालत द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीएमओ पर सीबीआई को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है. रिहाई मंच ने अपने आरोप में कहा है कि जिस पीएमओ अजित डोभाल और नृपेन्द्र मिश्रा जैसे अधिकारियों के सहारे लोकतंत्र और इन्साफ का गला घोंट रही है. अजित डोभाल और नृपेन्द्र मिश्रा जैसे अधिकारी इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ जैसे मामलों में लगातार मोदी और उनके कुनबे को बचाने की हर संभव कोशिश करते रहे हैं.

घर-वापसी पर कट्टरपंथी नेताओं के ज़ुबानी हमले तेज़

By TwoCircles.Net Staff reporter, हैदराबाद: भाजपा के सत्ता में आने के बाद घर्म-परिवर्तन और ‘घर-वापसी’ की घटनाओं में जो बढ़ोतरी हो रही है, उसे रोकने में कोई भी ‘विकास’ होता नहीं दिख रहा है. एक तरफ़ जहां सरकार संसद के दोनों सदनों में बुरी तरह घिरी हुई है, वहीं भाजपा के सहयोगी कट्टरपंथी दल किसी भी किस्म के गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ बयान देने से बाज़ नहीं आ रहे हैं.

TCN launches an internship program

By TCN News Come learn about exciting world of online journalism. TwoCircles.net (TCN) is a US-based non-profit news organization working on unreported stories of the...

घर वापसी

इरतक़ा* समझा जिसे, ज़िल्लत का एक सामान है, बाप-दादा का तरीक़ा ही तेरी पहचान है, अब ज़रूरी है के हो घर वापसी ‘इंसान’ की, बंदरों ने एक जलसे में किया एलान है!!

पेशावर

डॉक्टर नदीम ज़फर जिलानी, मेनचेस्टर, इंगलैंड चलो अब दफ़्न करते हैं, हंसी को, मुस्कराहट को, शरारत, गुदगुदी को,

सरकार का सिरदर्द बना ‘घर-वापसी’ का टोटका

By TwoCircles.net Staff reporter, नई दिल्ली: घर-वापसी, जिसे हिन्दू दक्षिणपंथी दल धर्म-परिवर्तन कहने से बच रहे हैं, अब सरकार के लिए दोमुंहे सांप सरीखा बनता जा रहा है. एक ओर जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी ‘सेकुलर’ दलों को धर्म-परिवर्तन कानून के खिलाफ़ करार दिया था, वहीं वे यह स्पष्ट कर पाने में असमर्थ रहे कि भाजपा ‘घर-वापसी’ को धर्म-परिवर्तन मानती है या नहीं.

ईसाई और मुस्लिम युद्ध के सबसे बड़े कारण हैं – अशोक सिंघल

By TwoCircles.net staff reporter, नई दिल्ली: अलीगढ़ में होने वाले ‘घर-वापसी’ कार्यक्रम के रुकने के बाद धर्मांतरण को लेकर मचा बवाल अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब विश्व हिन्दू परिषद् के नेता अशोक सिंघल ने ऐसा बयान दे दिया है, जो संभवतः एक बड़े विवाद को जन्म दे सकता है.

“हमें सकारात्मक प्रयास करने होंगे” – कबीर पीस सेंटर एंड सेंटर फॉर हार्मोनी

By TCN News, वाराणसी : अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पैरवी करने और उनके हक़ में खड़े होने की क़वायद को और मजबूत करने की नीयत से कल बनारस में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

अलीगढ़ में अभियान थमना और ‘घर-वापसी’ की रस्साकशी

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, आगरा/अलीगढ़: “धर्मान्तरण अपराध है, ‘घर-वापसी’ नहीं”, यह कहना था भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ का, जब वे किसी चुनावी मजलिस को संबोधित कर रहे थे. योगी आदित्यनाथ के इस बयान के कई अर्थ समझ में आते हैं. पिछले हफ़्ते उठे धर्मांतरण के बवाल के बाद जनता और विपक्ष सरकार से इस मामले पर जवाब मांग रही थी. नयी-नवेली सरकार से यह अपेक्षा भी की जा रही थी कि वह इस मामले में एक मजबूत पक्ष रखकर दोषियों पर उचित कार्रवाई करेगी.

दलितों, आदिवासियों और मुस्लिमों को जेल ही दे पाया है हमारा लोकतंत्र – शिवमूर्ति

By TCN News, लखनऊ : रिहाई मंच के तत्वावधान में ‘अवैध गिरफ्तारी विरोध दिवस’ के तहत यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में ‘अवैध गिरफ्तारियां और इंसाफ का संघर्ष’ विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया.

खुद की रिहाई के लिए तारिक कासमी ने अखिलेश सरकार को लिखा पत्र

By TCN News, लखनऊ: 12 दिसम्बर को मौलाना तारिक कासमी को आजमगढ़ के रानी की सराय से एसटीएफ द्वारा अवैध रूप से हिरासत...

‘बे-मज़हब’ की फ़जीहत – आगरा में धर्म-संकट

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, आगरा/ नई दिल्ली: आगरा में मुस्लिम समुदाय की कथित ‘घर-वापसी’ का मुद्दा धीरे-धीरे संसदीय कार्यवाही और केन्द्र सरकार के संचालन को आड़े हाथों लेता नज़र आ रहा है. इस मामले में अभी तक जो भी विकास हुआ है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि खानापूरी और बहस का दौर पूरे शबाब पर है.

रिहाई मंच द्वारा 16 दिसम्बर को ‘अवैध गिरफ़्तारी विरोध दिवस’ का आह्वान

By TCN News, लखनऊ: शहीद मौलाना ख़ालिद मुजाहिद की अवैध गिरफ्तारी के विरोध में 16 दिसंबर 2014 को ‘अवैध गिरफ्तारी और इंसाफ की लड़ाई’ विषय पर लखनऊ प्रेस क्लब में सेमीनार आयोजित किया गया है. रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि पुलिस हिरासत में क़त्ल कर दिए गए मौलाना ख़ालिद मुजाहिद को 16 दिसंबर 2007 को एसटीएफ-एटीएस और खुफिया एजेंसियों द्वारा जिस तरह अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया था, यह कार्यक्रम उसके खिलाफ़ आयोजित किया गया है.

आगरा में ‘घर-वापसी’ या जबरन ‘घर-बदली’?

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, भाजपा की मौजूदा सरकार में जो साम्प्रदायिक और सामुदायिक उठापटक देखने को मिल रहा है, उसका लगभग एक वीभत्स स्वरूप इस हफ़्ते की शुरुआत में आगरा में देखने को मिला जब यहां के 57 मुस्लिम परिवारों ने ‘पुरखों की घर-वापसी’ कार्यक्रम में अपना कथित धर्म-परिवर्तन कराकर हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया.

‘जनता दल’ के अवतरण में अल्पसंख्यक समुदाय की निर्णायक भूमिका

By सिद्धान्त मोहन, TwoCircles.net, नई दिल्ली : आज नरेन्द्र मोदी और भाजपा के विजय रथ पर लगाम लगाने के लिए जनता दल के पुनर्गठन और सक्रिय राजनीति में साझा रूप से प्रवेश करने के कयासों को पुख्ता कर दिया गया. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ हुई बैठक में सपा, राजद, जदयू, जदस और आईएनएलडी ने फ़िर से एक होकर जनता दल को उसकी पुरानी शक्ल लौटाने का प्रयास करने का वादा किया.

क्या नजमा हेपतुल्ला ने दबाव में चुना मुस्लिमविहीन आदर्श ग्राम?

By मो. इस्माइल खां, TwoCircles.net, भोपाल: नरेन्द्र मोदी सरकार की वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री नज़मा हेपतुल्ला ने जब फंदा कलां गाँव को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत ‘गोद’ लिया, उस वक्त भी यह अन्य द्वारा किये जा रहे तड़क-भड़क से भरे आयोजनों सरीखा लग रहा था. लेकिन इस गाँव को गोद लिए जाने की पीछे की सचाई से यदि रू-ब-रू हुआ जाए तो इस बात का भान हो आता है कि भगवा समाज में मुस्लिम समुदाय की क्या हैसियत रह गयी है, वह भी उस वक्त जब कबिनेट का एक वरिष्ठ मंत्री भी इस समुदाय से ताल्लुक रखता है.

नया हिंदुत्ववादी एजेंडा – इस्लाम के साथ लड़ाई इतिहास की सबसे लम्बी लड़ाई होगी

By मो. रेयाज़, TwoCircles.net, नई दिल्ली: दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए विश्व हिन्दू कांग्रेस में निकलकर आई जिस रोचक बात ने भिन्न-भिन्न समुदायों का ध्यानाकर्षण किया है, वह है हिन्दू समाज के खतरे के लिए जिम्मेदार कारक.. इस कांग्रेस के दौरान लोगों को बांटे गए पर्चे से यह बात सामने निकल आ रही है कि हिन्दू समाज को पाँच ‘M’ से ख़तरा है. इन पांच M का मतलब भी साफ़ है; मार्क्सवाद, मैकालेवाद, मिशनरी, मैटेरियलिज्म और मुस्लिम अतिवाद.

‘उत्पीड़न के खिलाफ़ संगीतकार’ का आगाज़

By TwoCircles.net staff reporter, वाराणसी: मानवाधिकार जननिगरानी समिति, जनमित्र न्यास, व डेनिश इंस्टिट्यूट अगेंस्ट टॉर्चर(डिग्निटी) के संयुक्त तत्वावधान में न्यायमूर्ति स्व. रंगनाथ मिश्रा की स्मृति में एक द्विवर्षीय अभियान ‘उत्पीड़न के खिलाफ़ संगीतकार’ की शुरुआत वाराणसी से की गयी.
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